विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
पीएम सिक्योरिटी में बतौर कमांडो तैनात एक जवान की हत्या में शामिल 1 लाख के इनामी कुख्यात बदमाश जावेद की एनकाउंटर में गोली लगने से मौत हो गई। यह पूरी कार्रवाई यूपी के बागपत जिले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ हुई। एक सूचना के आधार पर स्पेशल सेल टीम ट्रैप लगाकर पकड़ने पहुंची थी। इसी दौरान जावेद ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। बचाव में स्पेशल सेल को भी गोलियां चलानी पड़ीं। गोली लगने से जावेद जख्मी हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। उसके खिलाफ दिल्ली और यूपी में 21 आपराधिक केस दर्ज थे। उसके पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, कार्बाइन और 13 जिंदा कारतूस मिले हैं। वारदात में इस्तेमाल सेंट्रो कार बरामद की है।
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, एसीपी अत्तर सिंह के सुपरविजन में इंस्पेक्टर शिव कुमार, कर्मबीर, एसआई राजेश व टीम के अन्य लोग फरार चल रहे जावेद उर्फ राशिद की तलाश कर रहे थे। उन्हें सूचना मिली कि वह बड़ौत में छिपा हुआ है। सूचना को पुख्ता कर यूपी की बड़ौत पुलिस के साथ मिलकर स्पेशल सेल ने बिनाली-मेरठ रोड पर जाल बिछाया। रात करीब 11.30 बजे वह जैसे ही कार में सवार होकर पहुंचा, पुलिस टीम ने उसे सरेंडर करने को कहा, लेकिन उसने पुलिस टीम पर गोली चला दी। पुलिस टीम की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई गई। इस जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वह घायल हो गया। उसे तुरंत उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।
जावेद उर्फ राशिद गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला था। उसकी गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस की तरफ से एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसके खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, स्नैचिंग, पुलिस पर हमला करने जैसे के 21 आपराधिक केस दर्ज थे। इनमें से 13 मामले दिल्ली जबकि 8 मामले यूपी में दर्ज थे।
पीएम की सिक्योरिटी में तैनात कमांडो की हत्या में था शामिल
पीएम सिक्योरिटी में बतौर कमांडो तैनात दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल मनीष यादव की लूटपाट के बाद हत्या में शामिल था जावेद। मनीष की 7 सितंबर 2020 को हत्या की गई थी। उस रात जावेद ने अपने तीन अन्य साथियों इमरान, नदीम और हसन के साथ बागपत के पास सिंघावली इलाके में क्षेत्र में मनीष को घेर लिया था। उस समय मनीष अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद दिल्ली से अपनी बाइक पर गांव जा रहे थे।
आरोपियों ने मनीष का सर्विस आई-कार्ड सहित 20 हजार रुपए और अन्य सामान लूट लिया था। जावेद साल 2020 में स्पेशल सेल के लिए दिल्ली से संबंधित हथियार तस्करी के एक मामले में भी वांछित था। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था। जावेद को इससे पहले साल 2019 में भजनपुरा के इलाके में गैंगरेप के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पीएम सिक्योरिटी में बतौर कमांडो तैनात एक जवान की हत्या में शामिल 1 लाख के इनामी कुख्यात बदमाश जावेद की एनकाउंटर में गोली लगने से मौत हो गई। यह पूरी कार्रवाई यूपी के बागपत जिले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ हुई। एक सूचना के आधार पर स्पेशल सेल टीम ट्रैप लगाकर पकड़ने पहुंची थी। इसी दौरान जावेद ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। बचाव में स्पेशल सेल को भी गोलियां चलानी पड़ीं। गोली लगने से जावेद जख्मी हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। उसके खिलाफ दिल्ली और यूपी में 21 आपराधिक केस दर्ज थे। उसके पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, कार्बाइन और 13 जिंदा कारतूस मिले हैं। वारदात में इस्तेमाल सेंट्रो कार बरामद की है।
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, एसीपी अत्तर सिंह के सुपरविजन में इंस्पेक्टर शिव कुमार, कर्मबीर, एसआई राजेश व टीम के अन्य लोग फरार चल रहे जावेद उर्फ राशिद की तलाश कर रहे थे। उन्हें सूचना मिली कि वह बड़ौत में छिपा हुआ है। सूचना को पुख्ता कर यूपी की बड़ौत पुलिस के साथ मिलकर स्पेशल सेल ने बिनाली-मेरठ रोड पर जाल बिछाया। रात करीब 11.30 बजे वह जैसे ही कार में सवार होकर पहुंचा, पुलिस टीम ने उसे सरेंडर करने को कहा, लेकिन उसने पुलिस टीम पर गोली चला दी। पुलिस टीम की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई गई। इस जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वह घायल हो गया। उसे तुरंत उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।
जावेद उर्फ राशिद गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला था। उसकी गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस की तरफ से एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसके खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, स्नैचिंग, पुलिस पर हमला करने जैसे के 21 आपराधिक केस दर्ज थे। इनमें से 13 मामले दिल्ली जबकि 8 मामले यूपी में दर्ज थे।
पीएम की सिक्योरिटी में तैनात कमांडो की हत्या में था शामिल
पीएम सिक्योरिटी में बतौर कमांडो तैनात दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल मनीष यादव की लूटपाट के बाद हत्या में शामिल था जावेद। मनीष की 7 सितंबर 2020 को हत्या की गई थी। उस रात जावेद ने अपने तीन अन्य साथियों इमरान, नदीम और हसन के साथ बागपत के पास सिंघावली इलाके में क्षेत्र में मनीष को घेर लिया था। उस समय मनीष अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद दिल्ली से अपनी बाइक पर गांव जा रहे थे।
आरोपियों ने मनीष का सर्विस आई-कार्ड सहित 20 हजार रुपए और अन्य सामान लूट लिया था। जावेद साल 2020 में स्पेशल सेल के लिए दिल्ली से संबंधित हथियार तस्करी के एक मामले में भी वांछित था। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था। जावेद को इससे पहले साल 2019 में भजनपुरा के इलाके में गैंगरेप के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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