Wednesday, January 20, 2021

'लोन ऐप्स की गुंडई' पर बोला RBI- 'गैरकानूनी तरीके से नहीं हो सकती रिकवरी'

विशाल शर्मा/नई दिल्ली
लोन ऐप्स के इंटरनैशनल सिंडीकेट पर की गई एक आरटीआई के जवाब में RBI ने कहा है कि ये ऐप्स उसकी गाइडलाइंस के दायरे के बाहर हैं। हालांकि NBFC उसके गाइडलाइंस के दायरे में आती है और ये उनकी जिम्मेदारी है कि वो कड़ाई से इनका पालन करें। हमने अपने लोन ऐप सीरीज में इस बात को विशेष तौर पर उठाया। इस बड़े स्कैम का पर्दाफाश करने के लिए NBFC जो इस धंधे में लिप्त थीं उनको जांच के दायरे में लाने की सख़्त जरूरत है। RBI मामलों के एक्सपर्ट की मानें तो अभी हाल ही में जिस वर्किंग ग्रुप का गठन हुआ है उसका यह मानना है कि रिकवरी एजेंट्स के द्वारा हो रही प्रताड़ना पर जल्द रोक लगाने की जरूरत है।

RTI के जवाब में RBI ने 2020 और उसके पहले जारी अपने विभिन्न नोटिफिकेशन्स का हवाला देते हुए कई बातें कहीं...

  • यह NBFC की जिम्मेदारी है कि वो लोन का ब्याज और प्रोसेसिंग फीस तय करे। हालांकि यह तय करते समय यह ध्यान रखे कि यह नॉर्मल फाइनेंसियल प्रैक्टिस से बहुत ज्यादा न हो।
  • सभी NBFC अपने डिजिटल लेंडिंग प्लैटफॉर्म्स की लिस्ट अपने वेबसाइट पर पब्लिश करें।
  • सभी डिजिटल प्लैटफॉर्म्स प्रमुखता से दिखाएं कि वो किस NBFC या बैंक से जुड़े हैं।
  • किसी भी ग्राहक को लोन देने से पहले लोन सैंक्शन लेटर, लोन एग्रीमेंट भेजें, जिसमें सभी टर्म्स प्रमुखता से लिखे हों।
  • NBFC और बैंक प्रभावी तरीके से अपने लेंडिंग पार्टनर्स के वर्किंग स्टाइल पर निगरानी रखें।
  • शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया प्रमुखता से अपने ग्राहकों तक पहुंचाएं।
  • रिकवरी के लिए किसी भी प्रकार के गैरकानूनी तरीके का इस्तेमाल न हो और RBI के फेयर प्रैक्टिस कोड का कड़ाई से पालन हो
  • 2017 में जारी आईटी मानकों का सभी NBFC कड़ाई से पालन करें।


पड़ताल से पता चला, नहीं हुआ गाइडलांइस का पालन

यहां गौर करने वाली बात यह कि लगभग 80% NBFC ने डिजिटल लेंडिंग करते हुए इनमें से किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं किया है। एक पेमेंट गेटवे कैशफ्री जिसके द्वारा अधिकतर पेमेंट्स इन NBFC को जाते थे। अपनी रिपोर्ट में बताया कि मार्च 2020 के बाद NBFC को हो रहे पेमेंट्स में आश्चर्यजनक रूप से 187% की वृद्धि हुई है। पुलिस और RBI की वर्किंग ग्रुप को यह भी देखने की आवश्यकता होगी कि किस प्रकार इन लोगों ने ब्याज और प्रोसेसिंग फीस तय करने को लेकर दी गई छूट का गलत फायदा उठाया है।


कैसे जुड़े लेंडिंग पार्टनर के तार चीन से
बाज़ार से कई गुना अधिक दर तय किये। इन NBFC के अधिकतर लेंडिंग पार्टनर्स के तार कैसे चीन से जुड़े हुए हैं। लोन के नाम पर चल रही उगाही और रिकवरी की टॉर्चर से ये NBFC कैसे अनजान रहे। लेंडिंग पार्टनर्स द्वारा बनाये गए ज्यादातर ऐप्स क्यों चीनी SDK पर बने होते थे। ग्राहकों के मोबाइल से हैक की गई सारी जानकारियों का इन लेंडिंग पार्टनर्स ने कैसे गलत इस्तेमाल किया और चीनी नागरिकों की मिलीभगत से चल रहे MLM और रमी गेम वाली कंपनियों से साझा किया। NBFC के लेंडिंग पार्टनर्स ने रातो रात किस मकसद से सैकड़ों कंपनियां रजिस्टर कराईं। वैसी लोन ऐप्प कंपनियां जो किसी NBFC से सम्बंधित नहीं थीं, उनकी जांच RBI के दायरे से बाहर है। वह पूरी तरह से पुलिस की जांच के दायरे में आता है। पीड़ितों को भी जागरूक होने की जरूरत है और अगर आप किसी भी तरीके से इन लोन ऐप्स की प्रताड़ना का शिकार हुए हैं तो अपनी कंप्लेंट पुलिस या RBI को दें। अपनी शिकायत में लोन ऐप के साथ साथ सम्बंधित NBFC का नाम जरूर लिखें।

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