अंतिम वर्ष के छात्रों को सिर्फ प्रायोगिक कार्य के लिए परिसर में प्रवेश की इजाजत दी गई है। कॉलेजों से कहा गया है कि सीमित संख्या में प्रयोगशाला में छात्रों को प्रवेश दें। थ्योरी तो ऑनलाइन पढ़ाई जा सकती है लेकिन प्रायोगिक कार्यों के लिए तो प्रयोगशाला जरूरी है।
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