Wednesday, January 20, 2021

सिपाही की आंखों में रेत झोंककर जीबी पंत अस्पताल से कैदी फरार, जानें दिल्ली में कब-कब ऐसा हुआ

शंकर सिंह/नई दिल्ली
चाकू से ताबड़तोड़ वार कर 2007 में हुई हत्या में अदालत ने दोषी करार दिया। जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। वह बाहर आने के लिए तड़प रहा था, इसलिए 2013 में पैरोल जंप कर फरार हो चुका था। लेकिन, पुलिस ने उसे तब ढूंढ लिया था। जेल के भीतर लीवर में तकलीफ हुई तो इलाज के लिए जीबी पंत अस्पताल लाया गया। एक हफ्ते तक सब ठीक रहा। रविवार रात टॉयलेट के लिए पहरे पर लगे सिपाही को उठाया। दस मिनट बाद तेजी से बाहर निकला। सिपाही की आंखों पर रेत जैसी चीज झोंकी और हथकड़ी फेंक फरार हो गया।

सेंट्रल जिले के आईपी एस्टेट थाने में गुड़गांव पुलिस लाइन में तैनात सिपाही रविंद्र कुमार के बयान पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फरार कैदी की शिनाख्त विक्की (31) के तौर पर हुई है, जो राजस्थान के अलवर जिले का रहने वाला है। वह लंबे समय तक दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में भी रह चुका है। पहरे पर लगे सिपाही रविंद्र के मुताबिक, वह भोंडसी जेल में बंद कैदी विक्की को लेकर 11 जनवरी को जीबी पंत अस्पताल में आया। इलाज के लिए उसे तीसरी मंजिल पर वॉर्ड नंबर-23 में दाखिल किया गया था।


वाकया रविवार रात करीब 8:00 बजे का है। रविंद्र के बयान के मुताबिक, कैदी विक्की ने टॉयलेट के लिए कहा तो वह उसे वॉर्ड के बाहर बने टॉयलेट में ले गए। कैदी भीतर गया तो वह बाहर पहरा देने लगे। करीब 10 मिनट बाद विक्की टॉयलेट से बाहर निकला। उसने हथकड़ी फेंकते हुए सिपाही की आंखों में रेत सरीखी चीज डाल दी। इससे उसकी आंखें चौंधिया गईं। वह जब तक संभल पाते, कैदी सीढ़ियां उतरकर भागने लगा। वह पीछे से पकड़ो-पकड़ो चिल्लाए, लेकिन कैदी अंधेरे का फायदा उठाकर रफूचक्कर हो गया।


छाती-पेट में किए थे चाकू से 9 वार
विक्की माता-पिता के साथ नजफगढ़ इलाके में रहता था। इसकी मौसी भी नजफगढ़ रहती थी, जिसकी लड़की से वह शादी करना चाहता था। विक्की के पिता पुजारी और मां सीता ने लड़की की मां राधा और पिता कंवलजीत के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों ने खारिज कर दिया। इससे दोनों में रंजिश हो गई। राधा पति के साथ 20 जून 2007 को गुड़गांव में अपनी मां के घर गई थीं। रात 8:00 बजे विक्की, उसके पिता पुजारी और मां सीता वहां पहुंचे। तीनों ने पति-पत्नी पर हमला कर दिया। विक्की ने कंवलजीत के सीने और पेट में चाकू से 9 वार किए, जिससे उनकी मौत हो गई। पत्नी सीता भी जख्मी हुईं। अदालत ने विक्की और उसके माता-पिता को उम्रकैद की सजा दी।


अस्पताल से पहले भी भागे हैं कैदी

सितंबर-2020 : एलएनजेपी अस्पताल की छठी मंजिल से कोरोना पीड़ित बदमाश आरोपी सोनी उर्फ महताब (33) को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जो दिन-दहाड़े अस्पताल से कूदकर भाग गया था।

फरवरी-2019 : राम मनोहर लोहिया अस्पताल से एक कैदी फरार हो गया था। इसे एड्स की बीमारी थी, जिसके इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। वह वॉर्ड की भीड़ का फायदा उठाकर गायब हो गया।

नवंबर-2019 : फरीदाबाद पुलिस मर्डर के आरोपी हापुड़ के कुलदीप को सफदरजंग अस्पताल लेकर आई थी, जिसे यहां भर्ती किया गया था। वह भी पुलिस को चकमा देकर अस्पताल से भाग गया था।

सितंबर 2018 : कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवानिया का मामा रामबीर शौकीन, जो मुंडका से विधायक भी रहा चुका है, सफदरजंग अस्पताल से यूपी पुलिस को गच्चा देकर भाग गया था।

फरवरी 2018 : एलएनजेपी अस्पताल में लाया गया बदमाश संदीप ढिल्लो की मदद भागने में उसके कुछ साथियों ने की। पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च झोंकी और पीछा करने पर फायरिंग तक की गई।

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