दिल्ली में प्रदूषण के लिए पराली का धुआं और बायोमास जलना ही नहीं वाहनों का धुआं भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। साल दर साल 5.81 फीसद की दर से राजधानी में निजी वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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