Tuesday, December 22, 2020

NBT पड़तालः दिल्ली में मेट्रो में यात्री आखिर सफर करें तो करें कैसे?

कोरोना काल में करीब साढ़े 5 महीने तक बंद रहने के बाद अब मेट्रो का ऑपरेशन दोबारा शुरू हुए साढ़े 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। मेट्रो में यात्रियों की संख्या भी अब तेजी से बढ़ रही है। ऊपर से किसान आंदोलन के चलते बॉर्डर्स बंद होने से मेट्रो पर लोगों की निर्भरता और बढ़ गई है, लेकिन इसके बावजूद मेट्रो को चलाने के लिए तय किए गए नियम कायदों में अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर से टोकन सिस्टम और कैश से स्मार्ट कार्ड रिचार्ज कराने का सिस्टम पूरी तरह बंद होने से लोगों को खासी दिक्कत हो रही है। कस्टमर केयर सेंटर पर केवल डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ही स्मार्ट कार्ड रिचार्ज किया जा रहा है और वह भी 200 रुपए से कम का रिचार्ज नहीं हो रहा है। स्टेशनों पर लगी टिकट वेंडिंग मशीनों में 100 रुपए से रिचार्ज तो हो जाता है, लेकिन वह भी कैश नहीं, बल्कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड से कराना पड़ता है। जबकि कई स्टेशनों पर वेंडिंग मशीनें खराब पड़ी हुई हैं। जिसकी वजह से लोग उनसे रिचार्ज नहीं करा पाते। जो लोग नेट बैंकिंग या मोबाइल वॉलेट से रिचार्ज कराते हैं, उनमें से कई लोगों की शिकायत है कि उनके वॉलेट से तो पैसे कट गए, लेकिन कार्ड में पैसे नहीं आए। इस चक्कर में लोगों का काफी समय स्टेशन पर ही बर्बाद हो रहा है। लोगों को हो रही इस परेशानी का जायजा लेने के लिए एनबीटी संवाददाता प्रशांत सोनी, पूनम गौड़, कात्यायनी उप्रेती और शम्से आलम ने कुछ मेट्रो स्टेशनों पर जाकर रियलिटी चेक किया। पेश है उसी की एक रिपोर्ट:

मयूर विहार फेज-1
यहां ब्लूलाइन पर जाने के लिए सिर्फ गेट नंबर-1 से एंट्री मिल रही थी। अंदर गेट के पास लगी वेंडिंग मशीनों में से एक बंद पड़ी थी। बाकी चल रही थीं, लेकिन लोग मशीन के जरिए कार्ड रिचार्ज कराने की बजाय कस्टमर केयर सेंटर की विंडो पर उमड़े हुए थे, क्योंकि वेंडिंग मशीन से डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिए स्मार्ट कार्ड रिचार्ज कराने का सिस्टम कई लोगों को समझ नहीं आ रहा था और हां मदद करने के लिए कोई गार्ड या मेट्रो का कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं था। कस्टमर केयर सेंटर पर ज्यादातर लोग पूछ रहे थे कि टोकन क्यों नहीं मिल रहा या फिर वे कैश देकर कार्ड रिचार्ज कराना चाह रहे थे। लेकिन उन्हें कहा जा रहा था कि कार्ड केवल ऑनलाइन रिचार्ज होगा। इस वजह से लोग काफी परेशान दिखे। बाहर से दिल्ली घूमने आए एक परिवार को तो सिर्फ इसी वजह से 150-150 रुपए में 5-6 नए स्मार्ट कार्ड खरीदने पड़े, क्योंकि टोकन नहीं मिल रहा था। यहां तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने बताया कि सुबह के समय तो यहां इतनी भीड़ जमा हो जाती है कि एंट्री गेट तक लोग जमा हो जाते हैं। अगर दूसरा एंट्री गेट ही खोल दिया जाए, तो कम से कम भीड़ दोनों जगह सेगरिगेट तो हो जाएगी।

राजीव चौक
यहां गेट नंबर 7 से एंट्री करते ही राइट साइड में तीन टिकट वेंडिंग मशीनें लगी हुई हैं, जिनमें से दो खराब पड़ी हुई थीं। एक युवती ने तीसरी मशीन के जरिए अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड से अपना स्मार्ट कार्ड रिचार्ज करने की कोशिश की, लेकिन उसका कार्ड मशीन एक्सेप्ट ही नहीं कर रही थी। ऐसे में सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें बताया कि वह लेफ्ट साइड पर बने कस्टमर केयर सेंटर पर जाकर अपना कार्ड रिचार्ज करा लें, लेकिन वहां पहुंचने पर युवती ने जब 100 रुपए का रिचार्ज कराना चाहा, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि 200 रुपए से कम का रिचार्ज नहीं होगा। यहां पहुंचे सैयद अहसान अली के पास न तो क्रेडिट कार्ड था और ना डेबिट कार्ड और ना कोई मोबाइल वॉलेट। जब उन्हें पता चला कि पैसे देकर भी कार्ड रिचार्ज नहीं हो पाएगा, तो उन्होंने वहां मौजूद कुछ लोगों से मदद मांगी, जिसके बाद एक युवक ने अपने मोबाइल वॉलेट से उनका कार्ड रिचार्ज कराया और बदले में अहसान अली ने उस युवक को कैश दिए। यहां कार्ड रिचार्ज कराने आई संघमित्रा ने बताया कि उनके पास भी सिर्फ कैश ही थे, लेकिन फिर भी वह अपना कार्ड रिचार्ज नहीं करा पाईं। संयोग से उनके कार्ड में इतने पैसे बचे थे कि वह एक साइड अपने गंतव्य तक की यात्रा कर सकती थीं, इसी वजह से वह परेशानी झेलने से बच गईं, मगर उनका कहना था कि अब तो सब जब कैश का लेन-देन हो रहा है, तो फिर मेट्रो में इसे शुरू करने में क्या दिक्कत है।

मूलचंद
इस मेट्रो स्टेशन पर लगी पांच टिकट वेंडिंग मशीनों में से सिर्फ एक ही मशीन काम कर रही थी। मशीन के जरिए 100 रुपए का रिचार्ज तो हो रहा था, लेकिन सिर्फ क्रेडिट और डेबिट कार्ड से। यहां पहुंचे स्टूडेंट देव शर्मा और उनके दोस्त उस वक्त उलझन में पड़ गए, जब उन्हें पता चला कि टोकन तो मिल ही नहीं रहे हैं। देव ने बताया, मैं रोज मेट्रो से सफर नहीं करता, इसलिए मैंने स्मार्ट कार्ड नहीं खरीदा था और अब नया स्मार्ट कार्ड खरीदने के लिए मेरे पास कैश तो है, लेकिन डेबिट या क्रेडिट कार्ड अभी मेरे पास है नहीं। मेरे पेटीएम अकाउंट में कुछ पैसे हैं, मगर कस्टमर केयर काउंटर पर बैठे स्टाफ ने बताया है सर्वर डाउन होने की वजह से अभी वे पेटीएम नहीं ले पा रहे हैं।

लाजपत नगर
लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन पर भी 3 वेडिंग मशीनें नहीं चल रही थीं। हालांकि, बाकी की तीन मशीन से लोगों को कार्ड रिचार्ज कराने की सुविधा मिल रही थी। यहां अपना कार्ड रिचार्ज कराने पहुंचे इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सुबह और शाम के वक्त यहां काफी भीड़ हो जाती है और तब रिचार्ज करना मुश्किल हो जाता है, इसलिए वह जल्दी आकर रिचार्ज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह कालकाजी मेट्रो स्टेशन पर भी गए थे, लेकिन वहां भी केवल एक ही मशीन चल रही थी। उनका कहना था कि स्टेशनों पर कम से कम सभी टिकट वेंडिंग मशीनें तो चालू करनी चाहिए, ताकि लोग उनसे अपने कार्ड रिचार्ज करा सकें और संभव हो तो मशीनों के जरिए कैश देकर रिचार्ज करने का सिस्टम भी दोबारा शुरू करना चाहिए। उससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
यलो लाइन के इस स्टेशन का हाल तो और भी अजीब था। यहां जगह-जगह कॉरिडोर में और सीढ़ियों के रास्ते पर डीएमआरसी ने बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है कि सभी स्टेशनों के लिए टोकन उपलब्ध हैं, लेकिन बाहर से दिल्ली आए लोग जब यात्रा करने के लिए टोकन खरीदने वेंडिंग मशीन के सामने या कस्टमर केयर काउंटर पर जाते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि टोकन सिस्टम तो बंद है और मेट्रो यात्रा करने के लिए उन्हें 150 रुपए देकर नया स्मार्ट कार्ड खरीदना पड़ेगा। वहीं, जिनके पास पहले से कार्ड था, मगर उसमें पैसे कम या न के बराबर थे, ऐसे लोगों को कार्ड रिचार्ज कराने में दिक्कत हो रही थी। यहां तैनात सिविल डिफेंस के एक वॉलंटियर ने बताया कि ट्रेनों की आवाजाही के समय तो यहां अक्सर बहुत लंबी लाइन लग जाती है, क्योंकि लोगों को अंदर पहुंचकर पता चलता है कि टोकन तो मिल नहीं रहा। ऐसे में सामान उठाकर फिर से बाहर जाने की बजाय उन्हें नया कार्ड ही खरीदना पड़ता है। यहां अपना कार्ड रिचार्ज कराने के लिए लाइन में लगे अवधेश कुमार ने बताया कि उन्हें आज तक पैसे डालकर ही वेंडिंग मशीन से अपना कार्ड रिचार्ज कराया है। डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए वेंडिंग मशीन से कार्ड रिचार्ज करना उन्हें नहीं आता है। इसलिए किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए वह कस्टमर केयर सेंटर पर लाइन में लगकर अपना कार्ड रिचार्ज करवा रहे थे।


द्वारका सेक्टर-21
यहां पर कार्ड रीचार्ज करने के लिए लगी दो मशीनें काम कर रही थीं, लेकिन कुछ लोग मशीन में कैश डालकर कार्ड रिचार्ज करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मशीन कैश एक्सेप्ट नहीं कर रही थी। इसकी वजह से वो लोग परेशान हो रहे थे। कस्टमर केयर पर जाकर जब लोगों ने इस बारे में शिकायत करनी चाही, तो उन्हें बताया कि मशीन में भी कैश से रिचार्ज करने का सिस्टम अभी बंद है। केवल ऑनलाइन तरीके से ही कार्ड रिचार्ज हो पाएगा। उन लोगों का कहना था कि अगर किसी के पास क्रेडिट/डेबिट कार्ड नहीं है, तो क्या वह यात्रा नहीं कर सकता? अब जब सारी दुनिया में पहली की तरह ही पैसों का लेन-देन हो रहा है, तो फिर मेट्रो में अभी तक पाबंदी क्यों है?

उत्तम नगर वेस्ट
इस स्टेशन पर सिर्फ एक वेंडिंग मशीन काम कर रही थी, जिससे कार्ड रिचार्ज कराने के लिए लोग उसके आगे लाइन लगाकर खड़े हुए थे और अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। यहां पर भी कुछ लोग नोट डालकर कार्ड रिचार्ज कराने की कोशिश कर रह थे। ऐसे लोगों को उनके पीछे लाइन में लगे लोग बता रहे थे कि मशीन में भी पैसे डालकर रिचार्ज नहीं होगा, बल्कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड से रिचार्ज कराना पड़ेगा। वहीं कुछ लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी मशीन एक्सेप्ट नहीं कर रही थी। ऐसे लोगों को जब रिचार्ज कराने में ज्यादा टाइम लगने लगा, तो पीछे खड़े लोग नाराज होकर उन्हें साइड में हटने के लिए कहने लगे।

पालम
यहां पर वेंडिंग मशीनें काम कर रही थीं, दो लोगों का रिचार्ज भी आसानी से हो गया, लेकिन तीसरा आदमी बार-बार नोट डालकर कार्ड रिचार्ज करने की कोशिश करता रहा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली, तो वह कस्टमर केयर पर गए। वहां पर उन्होंने नोट बदलने की गुजारिश की, तो उन्हें बताया गया कि मेट्रो स्टेशन में नोटों का लेन-देन बंद है और कैश से कार्ड रिचार्ज नहीं होगा। कोई मदद नहीं मिलने पर वह शख्स गुस्से से कुछ बड़बड़ाते हुए मेट्रो स्टेशन से ही बाहर चला गया। हमने उनसे बात करने की कोशिश भी की, लेकिन वह इस कदर परेशान थे कि उसने बात करने से ही यह कहते हुए इनकार कर दिया कि 'आप सब देख ही रहे हो, यहां क्या हो रहा है।'

रोहिणी वेस्ट
यहां लगी टिकट वेंडिंग मशीनों के डिस्प्ले पर 'आउट ऑफ सर्विस' लिखा आ रहा था। यह देखकर कुछ यात्री वापस जाने लगे। पूछने पर उनमें से एक ने बताया कि उनके पास स्मार्ट कार्ड नहीं है और टोकन मिल नहीं रहे हैं। इस वजह से वे लोग वापस जा रहे हैं। कार्ड नहीं खरीदने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि हम कभी कभार ही मेट्रो से सफर करते हैं, इसलिए कभी कार्ड खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं, एक अन्य यात्री ने बताया कि इस स्टेशन पर टिकट वेंडिंग मशीन अक्सर खराब ही पड़ी रहती है, इसी वजह से वे किसी दूसरे स्टेशन से आते-जाते वक्त रिचार्ज कराते हैं। कुछ अन्य यात्रियों का कहना था कि अब जब सबकुछ सामान्य होता जा रहा है, तो फिर मेट्रो में इतनी पाबंदियां क्यों लगी हुई हैं? इसके कारण लोगों को बेवजह परेशानी होती है।

रिठाला
इस स्टेशन पर दो टिकट वेंडिंग मशीनें लगी थीं और दोनों ही खराब थीं। कुछ यात्री कस्टमर केयर सेंटर से कार्ड रिचार्ज करते दिखे। उन्हीं में से एक सिकंदर प्रताप ने बताया कि इस स्टेशन पर वेंडिंग मशीनें अक्सर खराब रहती हैं। इस वजह से पीक आवर्स में यहां कस्टमर केयर सेंटर पर यात्रियों की लंबी लाइन लग जाती है। अगर मशीन से न टोकन ले सकते हैं, न कार्ड रिचार्ज करा सकते हैं, तो फिर इनकी जरूरत क्या है? एक अन्य यात्री ने बताया कि बाहरी दिल्ली में आने-जाने वाले लोगों के लिए रिठाला सबसे महत्वपूर्ण मेट्रो स्टेशन है। आस-पास के काफी बड़े एरिया में रहने वाले लोग यहीं से मेट्रो लेकर सफर करते हैं, लेकिन टोकन सिस्टम बंद होने क वजह से रोज कई लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां मौजूद अमरेश सिंह ने कहा कि मैं अक्सर रिठाला से ही मेट्रो लेकर काम के सिलसिले में दूसरी जगहों पर आता-जाता हूं। लॉकडाउन के बाद जब से मेट्रो सेवा शुरू हुई है, तभी से टोकन नहीं मिलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

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