विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
साल के अंतिम दिनों में प्रदूषण ने राजधानी वालों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है। मंगलवार को प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का अनुभव हुआ। दिसंबर में दूसरी बार प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा है। प्रदूषण के बढ़ने की वजह हवाओं की गति धीमी हो जाना और कोहरे का छाना रहा।
सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का एक्यूआई मंगलवार को बढ़कर 418 हो गया। सुबह करीब आठ बजे एक्यूआई 350 था। लेकिन कोहरे की वजह से प्रदूषक तत्व निचली सतह पर जमने लगे। हवाओं की गति इतनी नहीं थी कि इन प्रदूषकों को बहा सके, जिसकी वजह से यह तेजी से बढ़ता रहा। सुबह 9 बजे तक कोहरे के बाद स्मॉग की चादर पूरे दिन दिल्ली एनसीआर पर छाई रही।
राजधानी के कुछ एरिया तो इमरजेंसी स्तर पर पहुंच गए। इनमें डीटीयू में 451, आईटीओ में 431,पंजाबी बाग 443, नेहरू नगर 458, पटपटगंज 478, अशोक विहार 465, सोनिया विहार 459, जहांगीरपुरी 482, रोहिणी 450, विवेक विहार 474, नरेला 432, ओखला फेज-2 में 433, वजीरपुर 443, बवाना 432, मुंडका 438, आनंद विहार 478 और चांदनी चौक 448 पर रहे।
एनसीआर के अलावा उत्तर भारत के कई शहरों में प्रदूषण गंभीर स्तर पर बना रहा। इनमें बागपत 407, बुलंदशहर 458, फरीदाबाद 407, गाजियाबाद 458, ग्रेटर नोएडा 450, हिसार 417,कानपुर 452, लखनऊ 412, मेरठ 446, मुरादाबाद 408, नोएडा 437 पर रहे। सफर के अनुसार, मंगलवार सुबह राजधानी का प्रदूषण स्तर बेहद खराब स्तर पर रहा। जमीनी सतह पर हवाएं एकदम कमजोर रही। आने वाले समय में यह और अधिक धीमी हो जाएंगी। गिरते तापमान और हवाओं के मंद पड़ जाने की वजह से पूरे उत्तर भारत में धुंध बन रही है। इस समय रेडिएटिव फॉग बन रही है, जिसकी वजह स्थानीय मौसमी कंडीशन है। इसलिए यह लंबे समय तक नहीं रहेगी। हालांकि 23 और 24 दिसंबर को प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहेगा। कुछ जगहों पर यह गंभीर भी रह सकता है।
साल के अंतिम दिनों में प्रदूषण ने राजधानी वालों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है। मंगलवार को प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का अनुभव हुआ। दिसंबर में दूसरी बार प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा है। प्रदूषण के बढ़ने की वजह हवाओं की गति धीमी हो जाना और कोहरे का छाना रहा।
सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का एक्यूआई मंगलवार को बढ़कर 418 हो गया। सुबह करीब आठ बजे एक्यूआई 350 था। लेकिन कोहरे की वजह से प्रदूषक तत्व निचली सतह पर जमने लगे। हवाओं की गति इतनी नहीं थी कि इन प्रदूषकों को बहा सके, जिसकी वजह से यह तेजी से बढ़ता रहा। सुबह 9 बजे तक कोहरे के बाद स्मॉग की चादर पूरे दिन दिल्ली एनसीआर पर छाई रही।
राजधानी के कुछ एरिया तो इमरजेंसी स्तर पर पहुंच गए। इनमें डीटीयू में 451, आईटीओ में 431,पंजाबी बाग 443, नेहरू नगर 458, पटपटगंज 478, अशोक विहार 465, सोनिया विहार 459, जहांगीरपुरी 482, रोहिणी 450, विवेक विहार 474, नरेला 432, ओखला फेज-2 में 433, वजीरपुर 443, बवाना 432, मुंडका 438, आनंद विहार 478 और चांदनी चौक 448 पर रहे।
एनसीआर के अलावा उत्तर भारत के कई शहरों में प्रदूषण गंभीर स्तर पर बना रहा। इनमें बागपत 407, बुलंदशहर 458, फरीदाबाद 407, गाजियाबाद 458, ग्रेटर नोएडा 450, हिसार 417,कानपुर 452, लखनऊ 412, मेरठ 446, मुरादाबाद 408, नोएडा 437 पर रहे। सफर के अनुसार, मंगलवार सुबह राजधानी का प्रदूषण स्तर बेहद खराब स्तर पर रहा। जमीनी सतह पर हवाएं एकदम कमजोर रही। आने वाले समय में यह और अधिक धीमी हो जाएंगी। गिरते तापमान और हवाओं के मंद पड़ जाने की वजह से पूरे उत्तर भारत में धुंध बन रही है। इस समय रेडिएटिव फॉग बन रही है, जिसकी वजह स्थानीय मौसमी कंडीशन है। इसलिए यह लंबे समय तक नहीं रहेगी। हालांकि 23 और 24 दिसंबर को प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहेगा। कुछ जगहों पर यह गंभीर भी रह सकता है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: Delhi Pollution: प्रदूषण हुआ गंभीर, अगले कुछ दिनों तक नहीं मिलेगी राहत