Saturday, December 26, 2020

गालिब जयंती: वीराने में वह हवेली जहां कभी रोज होते थे जश्न-ए-चरागा, अब है सूना-सूना

गालिब को गुनगुनाने वाले सेंट स्टीफंस के प्रोफेसर डा शमीम अहमद कहते हैं कि मायूस होने का समय जरूर है पर निराश होने का नहीं है। दिसंबर में न सही माहौल ठीक रहा तो जनवरी में उनकी जयंती धूमधाम से मना लेंगे। गालिब भले ही नहीं हैं।
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