Saturday, December 26, 2020

ओहहहहहह! दिसंबरररररर.... 28 साल बाद दिल्ली में दूसरी बार इतनी ठंड

प्रियांगी अग्रवाल, नई दिल्ली
दिल्ली की सर्दी मशहूर है और इस बात यह अपना अंदाज दिखा भी रही है। यह बीते 28 साल का दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर रहा है। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़े इसी बात की तस्दीक करते हैं। इस साल दिल्ली में पांच दिन 'शीत लहर' चली है। वहीं 'शीत लहर जैसी परिस्थितियां' कुछ ज्यादा दिन देखी गईं।

'शीत लहर' तब होती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम हो और सामान्य से कम से कम चार डिग्री कम हो। वहीं 'शीत लहर जैसी परिस्थितियां' तब होती हैं जब शहर में तामपान को रेकॉर्ड करने वाले कुछ सेंटर पर शीत लहर जैसी परिस्थितियां हों।

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बादलों की कमी और बर्फ से ढकीं चोटियों से आने वालीं उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के कारण ही अधिकतर शीत लहर के दिनों में इजाफा देखा गया।

मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान के केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिसंबर 1992 के बाद से यह दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर रहा है। साल 2018 के दिसंबर में शीत लहर के आठ दिन थे। इस बार इनकी संख्या पांच है। उन्होंने कहा, 'कई परिस्थितियों के कारण शीत लहर के दिन बनते हैं। इसमें साफ आकाश, बर्फ से ढकीं हिमालय की पश्चिमी चोटियों से चलने वालीं ठंडी हवाओं और कम संख्या में पश्चिमी मौसम दबाव शामिल हैं।'

मौसम विभाग के एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा कि कम बादल दिन को गर्म बनाते हैं लेकिन इससे गर्मी रात में जल्दी गायब होती है और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होती है।



मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2011 में तीन दिन शीत लहर चली थी। 1992 से 2017 के बीच दिसंबर के महीनों में कुल 17 दिन शीत लहर चली। हालांकि इसमें से ज्यादातर दिसंबर ऐसे रहे जहां एक भी शीत लहर का आंकड़ा दर्ज नहीं किया गया।

इस बीच शनिवार को तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। सफदरजंग इलाके में स्थित बेस पर अधिकतम तापमान 21.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा।

रविवार और सोमवार को अधिकतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है। पश्चिमी दबाव, खासतौर पर हिमालय के पश्चिमी इलाके में दबाव की स्थिति बनने का अनुमान है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। पंजाब के उत्तरी इलाकों में हल्की बारिश की भी संभावना है। पश्चिमी दबाव के कारण हवाओं की दिशा पूर्व की ओर होने का अनुमान है जिससे दिल्ली के तापमान में इजाफा हो सकता है। हालांकि हवाओं की दिशा बदलने से 29 दिसंबर से दिल्ली में ठंड फिर बढ़ सकती है।

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