Sunday, November 29, 2020

जानवरों को भगाने के लिए किया ब्लास्ट, मेटल का टुकड़ा गले में धंसा

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
देसी तरीके से ब्लास्ट करके जानवरों को भगाने का तरीका 16 साल के देवेश पर इतना भारी पड़ा कि उसकी जान पर बन आई। ब्लास्ट के दौरान बॉउल (कटोरा) के इस्तेमाल की वजह से उसका एक टुकड़ा टूट कर देवेश के गले में धंस गया। मेटल का 2 सेंटीमीटर का यह टुकड़ा गले में छेद करते हुए थाइराइड ग्लैंड को चीरते हुए सर्वाइकल बोन तक पहुंच गया। लेकिन दिल्ली के डॉक्टरों ने इस चुनौती पूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया और किशोर की जान बचा ली।

मामला यूपी के बिजनौर का है। 16 साल का किशोर जानवारों को भगाने के लिए देसी तरीके से ब्लास्ट कराता था। देवेश ने बताया कि ब्लास्ट के लिए वह पोटाश और सल्फर का इस्तेमाल करता था। उस दिन उसने ब्लास्ट वाली जगह एक कटोरा रख दिया था, जब ब्लास्ट हुआ तो कटोरे का एक टुकड़ा छिटक कर उसके गले में धंस गया। सर्जरी के बाद देवेश ने अपनी गलती मानी और उसने अपने जैसे किशोर से अपील करते हुए कहा कि वो इस तरह का काम ना करें। देवेश को इलाज के लिए दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में एडमिट किया गया।

डॉक्टर का कहना है कि यह सर्जरी बहुत चुनौतीपूर्ण थी। क्योंकि जहां तक मेटल पहुंच गया था, वहां से उसे निकाल पाना आसान नहीं था। मेटल का टुकड़ा फूड पाइप और विंड पाइप और ब्लड वेसेसल्स तक पहुंच गया था। सर्जरी के दौरान अगर विंड पाइप और नसों को नुकसान पहुंचता तो मरीज की जान भी जा सकती थी। डॉक्टर ने कहा कि मेटल का यह टुकड़ा सर्वाइकल बोन से कुछ दूर रह गया, वरना उसको भी नुकसान हो सकता था।



गंगाराम अस्पताल के हेड एंड नेक सर्जरी के एक्सपर्ट डॉ. संगीत अग्रवाल ने कहा कि गांवों में खेतों से जानवरों को भगाने के लिए इस तरह के देसी तरीके से विस्फोट कराया जाता है। यह सही नहीं है। लोग किसी पतली पाइप में पोटाश और सल्फर डालकर विस्फोट कराते हैं। इस किशोर ने भी यही गलती की और उसने विस्फोट करने के लिए कटोरे का भी इस्तेमाल किया। विस्फोट होने पर उसी कटोरे का टुकड़ा उसके गले में धंस गया।

स्पाइनल सर्जरी विभाग के डॉ. रुपिंदर एस चहल ने कहा कि जांच करने पर पता चला कि मेटल का टुकड़ा मुड़ा हुआ है। जिसने उसके गले को काफी डैमेज किया था। उसके गले में 1.5 सेंटीमीटर का छेद बन गया था। राहत की बात यह रही कि मेटल मुड़ने के बाद भी किसी अंगों को नुकसान नहीं हुआ और उसे निकाल पाने में हम सफल रहे। सर्जरी के दौरान मरीज के थायराइड ग्लैंड को ठीक किया गया। अब पीड़ित ठीक है। वह चलने लगा है और बातचीत भी करने लगा है। डॉक्टर ने कहा कि पशु पक्षियों और जानवरों को भगाने के लिए इस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए। यह इंसान और जानवर दोनों के लिए खतरा है।

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