रहमान ने बताया कि नैनो सीमेंट के आविष्कार में उन्हें दो साल का समय लगा। उन्होंने वर्ष 2012 में प्रयोग करना शुरू किया था और 2014 में उन्हें सफलता मिली। तब इसे सरकार के पास पेटेंट के लिए भेजा गया।
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