ईपीसीए का कहना है कि पराली को किसान के खेत से लेकर यदि संयंत्र तक पहुंचाया जाए तो उसका फायदेमंद इस्तेमाल हो सकता है और इससे लोगों को प्रदूषण से भी काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा।
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