नई दिल्ली
अनलॉक 1.0 (Unlock 1.0) भले लागू हो चुका है लेकिन दिल्ली आने-जानेवालों के परेशानी अभी कम नहीं हुई हैं। पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा और अब दिल्ली सरकार ने बॉर्डर सील का आदेश दिया है। दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद बॉर्डर पर पहले ही नो एंट्री थी। अब सोमवार को दिल्ली ने भी अपनी तरफ से रोक लगा दी। यह रोक 8 जून तक है।
दिल्ली में नहीं मिलेगी एंट्री
अगर गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद से कोई दिल्ली जाना चाहता है तो इस बात का ध्यान रखे कि दिल्ली सरकार ने भी बॉर्डर सील तक दिए हैं यानी आपकी एंट्री आसान नहीं होगी। सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग, सरकारी कर्मचारी और जिनके पास पास होगा, उन्हें आवाजाही की अनुमति होगी। मतलब यह, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों से दिल्ली में आम लोगों को अभी एंट्री नहीं मिलेगी। दिल्ली में बॉर्डर सील होने के बावजूद जो लोग काम के लिए दिल्ली आना चाहेंगे, उन्हें एंट्री मिलेगी। जो अपना कारोबार करते हैं या दुकानदार हैं, ऐसे लोग समीपवर्ती जिलों की ओर से या दिल्ली से जारी पास को दिखाकर दिल्ली में आ सकेंगे।
गुड़गांव-नोएडा बॉर्डर का रहा बुरा हाल
अनलॉक-1 के पहले दिन राजधानी से लगते एनसीआर के बॉर्डरों पर बदलाव नहीं दिखा। यूपी-हरियाणा की तरफ से बॉर्डर नहीं खुले। सोमवार को ज्यादा परेशानी गुड़गांव और नोएडा से लगती सीमाओं पर दिखी। हरियाणा सरकार के रविवार को बॉर्डर खोलने के ऐलान के बाद ज्यादा वाहन गुड़गांव के सरहौल और कापसहेड़ा बॉर्डरों पर दिखे, लेकिन गुड़गांव प्रशासन से स्थिति साफ न होने के कारण सैकड़ों को बैरंग लौटना पड़ा। फरीदाबाद से बदरपुर बॉर्डर होते हुए कई लोग दिल्ली आए। वहां ज्यादा परेशानी नहीं दिखी। लेकिन दोपहर में दिल्ली सरकार के सीमाएं सील करने के ऐलान के बाद ये लोग उलझन में फंस गए कि अब दफ्तर से घर कैसे लौटेंगे।
सुबह से ही दिल्ली से नोएडा आने वाले वाहनों की डीएनडी और कालिंदीकुंज पर लंबी कतारें लगीं। बिना पास के वाहन लौटाए गए। शाम को नोएडा लौटने वालों को जाम का सामना करना पड़ा। लेकिन गाजियाबाद से लगते यूपी बॉर्डर पर सुबह-शाम ट्रैफिक स्मूद रहा। लेकिन लोनी बॉर्डर पर दिक्कत रही। वहीं फरीदाबाद से दिल्ली जाने वाले लोग भी परेशान रहे। पर उनके लिए दिनभर राहत की बात यह रही कि बॉर्डर पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। बॉर्डर पर नाके तो लगे रहे पर लोग आराम से आते-जाते रहे।
गुड़गांव में फिलहाल किन्हें एंट्री
प्रदेश सरकार ने दिल्ली में बढ़ते मामलों को देखते हुए एक मई को बॉर्डर सील कर दिए थे। शुरुआत में केवल केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को एंट्री दी गई। इसके बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, प्राइवेट हॉस्पिटल व लैब से जुड़े कर्मचारियों को एंट्री मिली। मई के दूसरे सप्ताह में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद फायर, फूड सप्लाई, गैस एजेंसी, सब्जी-फल, दूध, दवा आदि जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को एंट्री दी गई।
26 मई को जिला प्रशासन के आदेश पर एयरपोर्ट के साथ-साथ 1 जून से रेलवे स्टेशनों तक कैब को कन्फर्म टिकट के साथ एंट्री दी गई। इसके अलावा, उस व्यक्ति की एंट्री है, जिसके पास दिल्ली और गुडगांव प्रशासन का मूवमेंट पास है। इन सभी के अलावा, किसी की एंट्री बॉर्डर से अभी तक नहीं है।
अनलॉक 1.0 (Unlock 1.0) भले लागू हो चुका है लेकिन दिल्ली आने-जानेवालों के परेशानी अभी कम नहीं हुई हैं। पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा और अब दिल्ली सरकार ने बॉर्डर सील का आदेश दिया है। दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद बॉर्डर पर पहले ही नो एंट्री थी। अब सोमवार को दिल्ली ने भी अपनी तरफ से रोक लगा दी। यह रोक 8 जून तक है।
दिल्ली में नहीं मिलेगी एंट्री
अगर गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद से कोई दिल्ली जाना चाहता है तो इस बात का ध्यान रखे कि दिल्ली सरकार ने भी बॉर्डर सील तक दिए हैं यानी आपकी एंट्री आसान नहीं होगी। सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग, सरकारी कर्मचारी और जिनके पास पास होगा, उन्हें आवाजाही की अनुमति होगी। मतलब यह, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों से दिल्ली में आम लोगों को अभी एंट्री नहीं मिलेगी। दिल्ली में बॉर्डर सील होने के बावजूद जो लोग काम के लिए दिल्ली आना चाहेंगे, उन्हें एंट्री मिलेगी। जो अपना कारोबार करते हैं या दुकानदार हैं, ऐसे लोग समीपवर्ती जिलों की ओर से या दिल्ली से जारी पास को दिखाकर दिल्ली में आ सकेंगे।
गुड़गांव-नोएडा बॉर्डर का रहा बुरा हाल
अनलॉक-1 के पहले दिन राजधानी से लगते एनसीआर के बॉर्डरों पर बदलाव नहीं दिखा। यूपी-हरियाणा की तरफ से बॉर्डर नहीं खुले। सोमवार को ज्यादा परेशानी गुड़गांव और नोएडा से लगती सीमाओं पर दिखी। हरियाणा सरकार के रविवार को बॉर्डर खोलने के ऐलान के बाद ज्यादा वाहन गुड़गांव के सरहौल और कापसहेड़ा बॉर्डरों पर दिखे, लेकिन गुड़गांव प्रशासन से स्थिति साफ न होने के कारण सैकड़ों को बैरंग लौटना पड़ा। फरीदाबाद से बदरपुर बॉर्डर होते हुए कई लोग दिल्ली आए। वहां ज्यादा परेशानी नहीं दिखी। लेकिन दोपहर में दिल्ली सरकार के सीमाएं सील करने के ऐलान के बाद ये लोग उलझन में फंस गए कि अब दफ्तर से घर कैसे लौटेंगे।
सुबह से ही दिल्ली से नोएडा आने वाले वाहनों की डीएनडी और कालिंदीकुंज पर लंबी कतारें लगीं। बिना पास के वाहन लौटाए गए। शाम को नोएडा लौटने वालों को जाम का सामना करना पड़ा। लेकिन गाजियाबाद से लगते यूपी बॉर्डर पर सुबह-शाम ट्रैफिक स्मूद रहा। लेकिन लोनी बॉर्डर पर दिक्कत रही। वहीं फरीदाबाद से दिल्ली जाने वाले लोग भी परेशान रहे। पर उनके लिए दिनभर राहत की बात यह रही कि बॉर्डर पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। बॉर्डर पर नाके तो लगे रहे पर लोग आराम से आते-जाते रहे।
गुड़गांव में फिलहाल किन्हें एंट्री
प्रदेश सरकार ने दिल्ली में बढ़ते मामलों को देखते हुए एक मई को बॉर्डर सील कर दिए थे। शुरुआत में केवल केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को एंट्री दी गई। इसके बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, प्राइवेट हॉस्पिटल व लैब से जुड़े कर्मचारियों को एंट्री मिली। मई के दूसरे सप्ताह में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद फायर, फूड सप्लाई, गैस एजेंसी, सब्जी-फल, दूध, दवा आदि जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को एंट्री दी गई।
26 मई को जिला प्रशासन के आदेश पर एयरपोर्ट के साथ-साथ 1 जून से रेलवे स्टेशनों तक कैब को कन्फर्म टिकट के साथ एंट्री दी गई। इसके अलावा, उस व्यक्ति की एंट्री है, जिसके पास दिल्ली और गुडगांव प्रशासन का मूवमेंट पास है। इन सभी के अलावा, किसी की एंट्री बॉर्डर से अभी तक नहीं है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद से दिल्ली आनेवाले ध्यान दीजिए