नई दिल्ली
दिल्ली ने अपनी सारी सीमाएं अगले एक सप्ताह के लिए सील कर दी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका ऐलान किया। इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों और व्यक्तियों को जाने की परमिशन होगी। सीएम ने दिल्ली की जनता से दो बिंदुओं पर राय भी मांगी है। एक ये कि क्या दिल्ली के बॉर्डर को बंद ही रखा जाए। और दूसरा कि दिल्ली में दूसरे राज्यों के लोगों के इलाज को रोका जाए या नहीं।
सीएम बोले, घबराने की बात नहीं मगर...
केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि "दिल्ली के अंदर कोरोना के मामले काफी बढ़ रहे हैं। यह चिंता की बात तो है मगर घबराने की बात नहीं है। दिल्ली के अंदर पिछले पांच साल में AAP की सरकार ने अस्पतालों में खूब पैसा लगाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जब स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, तो दिल्ली का मुख्यमंत्री विश्वास दिला रहा है कि आपके लिए बेड है। आपके लिए बेड का इंतजाम कर लिया गया है। मैंने तीन'चार दिन पहले कहा था दिल्ली में 21 सौ मरीज हैं, लेकिन 6600 बेड हैं।" उन्होंने कहा कि जल्द साढ़े नौ हजार बेड का इंतजाम हो जाएगा।
जनता से पूछा, क्या खोला जाए दिल्ली का बॉर्डर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बॉर्डर खोलने पर आम जनता से राय मांगी है। उन्होंने कहा कि 'अगर बॉर्डर खोल दिए तो देश भर से लोग इलाज के लिए दिल्ली आते हैं। दो कारणों से आते हैं। एक तो दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं सबसे अच्छी हैं। दूसरा लोग इसलिए दिल्ली आते हैं कि यहां सबकुछ मुफ्त है। जैसे ही हम बॉर्डर खोलेंगे, देशभर से लोग दिल्ली में इलाज के लिए आएंगे। जो साढ़े 7 हजार बेड रखे गए हैं, ये दो दिन के अंदर भर जाएंगे। हमें क्या करना चाहिए? क्या बॉर्डर खोलने चाहिए? कुछ लोगों का कहना है कि बॉर्डर खोल देना चाहिए। कुछ लोगों का सुझाव है कि कोरोना काल तक दिल्ली में सिर्फ दिल्ली के मरीजों का इलाज हो। क्या किया जाना चाहिए, आपका सुझाव चाहिए।"
दिल्ली में जानें क्या-क्या छूट
दिल्ली में अब सारी दुकानें खुलेंगी
सीएम ने कहा कि दिल्ली में दुकानों के लिए ऑड-ईवन व्यवस्था लागू थी। मगर केंद्र ने कोई नियम नहीं बनाया है इसलिए दिल्ली में अब सारी दुकानें खुल सकती हैं। उन्होंने कहा कि सलून खुलेंगे मगर स्पॉ खुलने की परमिशन नहीं होगी। ऑटो, ई-रिक्शा और अन्य गाड़ियों ने पैसेंजर्स की संख्या तय थी मगर अब वह नियम भी वापस ले लिया गया है। दिल्ली में मोटरसाइकिल पर अब दो लोगों को बैठने की अनुमति दे दी गई है। कार में सिर्फ दो सवारियों की सवारी से जुड़ा नियम भी खत्म कर दिया गया है।
दिल्ली ने अपनी सारी सीमाएं अगले एक सप्ताह के लिए सील कर दी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका ऐलान किया। इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों और व्यक्तियों को जाने की परमिशन होगी। सीएम ने दिल्ली की जनता से दो बिंदुओं पर राय भी मांगी है। एक ये कि क्या दिल्ली के बॉर्डर को बंद ही रखा जाए। और दूसरा कि दिल्ली में दूसरे राज्यों के लोगों के इलाज को रोका जाए या नहीं।
सीएम बोले, घबराने की बात नहीं मगर...
केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि "दिल्ली के अंदर कोरोना के मामले काफी बढ़ रहे हैं। यह चिंता की बात तो है मगर घबराने की बात नहीं है। दिल्ली के अंदर पिछले पांच साल में AAP की सरकार ने अस्पतालों में खूब पैसा लगाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जब स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, तो दिल्ली का मुख्यमंत्री विश्वास दिला रहा है कि आपके लिए बेड है। आपके लिए बेड का इंतजाम कर लिया गया है। मैंने तीन'चार दिन पहले कहा था दिल्ली में 21 सौ मरीज हैं, लेकिन 6600 बेड हैं।" उन्होंने कहा कि जल्द साढ़े नौ हजार बेड का इंतजाम हो जाएगा।
जनता से पूछा, क्या खोला जाए दिल्ली का बॉर्डर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बॉर्डर खोलने पर आम जनता से राय मांगी है। उन्होंने कहा कि 'अगर बॉर्डर खोल दिए तो देश भर से लोग इलाज के लिए दिल्ली आते हैं। दो कारणों से आते हैं। एक तो दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं सबसे अच्छी हैं। दूसरा लोग इसलिए दिल्ली आते हैं कि यहां सबकुछ मुफ्त है। जैसे ही हम बॉर्डर खोलेंगे, देशभर से लोग दिल्ली में इलाज के लिए आएंगे। जो साढ़े 7 हजार बेड रखे गए हैं, ये दो दिन के अंदर भर जाएंगे। हमें क्या करना चाहिए? क्या बॉर्डर खोलने चाहिए? कुछ लोगों का कहना है कि बॉर्डर खोल देना चाहिए। कुछ लोगों का सुझाव है कि कोरोना काल तक दिल्ली में सिर्फ दिल्ली के मरीजों का इलाज हो। क्या किया जाना चाहिए, आपका सुझाव चाहिए।"
दिल्ली में जानें क्या-क्या छूट
दिल्ली में अब सारी दुकानें खुलेंगी
सीएम ने कहा कि दिल्ली में दुकानों के लिए ऑड-ईवन व्यवस्था लागू थी। मगर केंद्र ने कोई नियम नहीं बनाया है इसलिए दिल्ली में अब सारी दुकानें खुल सकती हैं। उन्होंने कहा कि सलून खुलेंगे मगर स्पॉ खुलने की परमिशन नहीं होगी। ऑटो, ई-रिक्शा और अन्य गाड़ियों ने पैसेंजर्स की संख्या तय थी मगर अब वह नियम भी वापस ले लिया गया है। दिल्ली में मोटरसाइकिल पर अब दो लोगों को बैठने की अनुमति दे दी गई है। कार में सिर्फ दो सवारियों की सवारी से जुड़ा नियम भी खत्म कर दिया गया है।
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