Wednesday, May 6, 2020

कोरोना से कॉन्स्टेबल की मौत, अस्पताल लेकर भटकते रहे

प्रमुख संवाददाता, भारत नगर
भारत नगर थाने में तैनात कॉन्स्टेबल अमित की मौत से पुलिसकर्मी गमगीन हैं। नाम न छापने की शर्त पर कई पुलिसकर्मियों ने अपना रोष जाहिर किया। दरअसल, पुलिसकर्मियों में रोष एक ऑडियो को सुनने और एक इंस्पेक्टर के खुले पार्क में मैरिज एनिवर्सिरी का केक काटते विडियो के बाद से उभरा है। बुधवार सुबह से ऑडियो-विडियो वायरल हैं। वायरल ऑडियो में दो पुलिसकर्मी आपस में बात कर रहे हैं। इसमें अमित के साथ रहे एक पुलिसकर्मी ने सारी घटना का जिक्र किया है।

किस तरह वह अमित को अस्पताल लेकर गए और कैसे उनकी मौत हुई। इसी ऑडियो को सुनकर पुलिसकर्मियों का कहना है कि क्या दिल्ली का एक भी हॉस्पिटल कॉन्स्टेबल अमित कुमार को भर्ती न कर सका। अगर कोई और होता, तो शायद उसे अच्छे अस्पताल में तुरंत भर्ती भी कराया जाता और अच्छा ट्रीटमेंट भी मिलता। अमित की मौत में जिस तरह की अनदेखी की गई है, उससे तमाम ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को खुद की चिंता सता रही है। साथी पुलिसकर्मी उसे लेकर एक से दूसरे अस्पताल भटकता रहा, लेकिन किसी ने उसे भर्ती नहीं किया।

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ऑडियो में रोता हुआ पुलिसकर्मी बता रहा है, कैसे तड़प रहे थे अमित
ऑडियो में अमित के एक साथी पुलिसकर्मी एक अन्य पुलिसकर्मी को बताते हुए रो रहा हैं। वह कह रहे हैं कि ‘उसकी पत्नी बार-बार फोन करके पूछ रही है। अब क्या हो रहा है। वह कह रही हैं कि अमित को लेकर आओ। अब मैं कहां से लाऊं। अब मैं भाभी को क्या जवाब दूं।'

'किसी ने नहीं पूछा, कैसे हैं अमित'
ऑडियो में पुलिसकर्मी कह रहा है, 'सब के यह तो फोन आ गए कि भाई तुम लोग किस-किस से मिले थे। किस-किस की ड्यूटी की थी। लेकिन किसी को अमित के बारे में अफसोस नहीं। कोई कुछ नहीं कर रहा हमारे साथ। दिल्ली पुलिस की नौकरी कर रहे हैं। हम तो परिवार बच्चों को छोड़कर ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन हमारा कोई नहीं है। कोई हमारा नहीं है। मरो चाहे जियो। इतने दावे किए जा रहे हैं... हम यूं कर रहे हैं, वूं कर रहे हैं। कुछ ना भाई। मैं सब जगह अस्पताल में फोन करता रहा’।

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आरोप, किसी अस्पताल ने नहीं किया भर्ती
ऑडियो में 2 पुलिसकर्मियों की बातचीत है। जो पुलिसकर्मी कमरे में अमित के साथ रहते हैं। वह अपनी गाड़ी में लेकर अमित को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर काटते रहे। आरोप है कि किसी अस्पताल ने अमित को भर्ती नहीं किया। रात दो बजे साथी से अमित ने बोला कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथी ने अमित को गर्म पानी और चाय दी। सुबह होते ही वह अमित को नजदीकी कोविड सेंटर ले गए। वहां उन्होंने बताया कि उन्हें काफी तकलीफ हो रही है। सेंटर से उसे रोहिणी के आंबेडकर अस्पताल ले जाने को कहा गया। अमित को लेकर साथी अंबेडकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां भर्ती करने से इनकार कर दिया गया।

एसएचओ ने भी अस्पताल में डॉक्टर से बात की, लेकिन उन्होंने कहा कि वह केवल टेस्ट कर सकते हैं। वहां से अमित को दीप चंद बंधु अस्पताल ले जाया गया। कांस्टेबल ने डॉक्टर से बातचीत की, तो उन्होंने दवा दे दी। इसके बाद अमित को अशोक विहार स्थित सेंटर जाने के लिए कहा गया। वहां पहुंचे, तो कोरोना टेस्ट बंद हो गए थे। बड़ी मुश्किल से टेस्ट करवाया। सेंटर में बताया गया कि देखभाल खुद करनी होगी। वह इस हालत में नहीं थे, इसलिए अमित के साथी उन्हें ले आए। अमित के साथी सामान लेने चले गए। लौटे तो उनकी तबीयत बिगड़ चुकी थी। अमित को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।


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