सिद्धार्थ रॉय/नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो सेवाएं लॉकडाउन शुरू होने से ही बंद हैं। रविवार को इस बंदी के छह सप्ताह पूरे हो गए। हालांकि, लॉकडाउन में भी दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों ने 3,500 चक्कर लगाए हैं ताकि अगर ऑपरेशंस शुरू हों तो कोई दिक्कत ना आए। पूरी तरह शटडाउन से दोबारा मेट्रो सेवाएं शुरू करने पर खराबी आने की संभावना थी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने लॉकडाउन के दौरान सिस्टम की मेंटेनेंस की है। 360 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को खोला कब जाएगा, इसे लेकर कोई फैसला अभी नहीं किया गया है।
...ताकि चालू रहे पूरा सिस्टम
दिल्ली मेट्रो के 264 स्टेशंस और 14 डिपो को सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार रखा गया है। सभी कॉरिडोर्स पर दिन में दो बार ट्रेनें चलाई गई हैं। DMRC ने लॉकडाउन के दौरान अधिकतर कॉरिडोर्स पर कम से कम दो ट्रेनों दोनों एंड से चलाईं। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि ट्रैक, ट्रैक्शन, सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशस जैसे सभी सिस्टम ठीक से काम करते रहें। DMRC ने लॉकडाउन के दौरान दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क का एक वीडियो भी जारी किया है।
कैसे मेट्रो हो रही है तैयार?
DMRC के एक अधिकारी के मुताबिक, स्टेशंस पर सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल, टेलिकॉम, सिविल, ट्रैक्शन और ट्रैक जैसी सिस्टम-रिलेटेड विंग्स के स्टाफ को कम से कम तैनात रखा गया। मकसद यही था कि सारे सिस्टम ठीक से काम करते रहे। उन्होंने बताया कि ड्यूटी रोस्टर इस तरह से बनाया गया था कि एक स्टेशन मैनेजर/स्टेशन कंट्रोलर हर छठे दिन किसी अनमैन्ड स्टेशन को विजिट करता। मेट्रो भवन और शास्त्री पार्क के ऑपेरशन कंट्रोल सेंटर में चौबीसों घंटे मिनिमम स्टाफ के साथ काम होता रहा।
पढ़ें: दिल्ली में कोरोना की लेटेस्ट अपडेट
दिल्ली मेट्रो के 26 साल पूरे
3 मई को DMRC का 26वां स्थापना दिवस था। पहली बार ऐसा हुआ जब इस दिन को वर्चुअली सेलिब्रेट किया गया। DMRC के मैनेजिंग डायरेक्टर मंगू सिंह ने दिल्ली मेट्रो के 14,000 कर्मचारियों को मैसेज के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "एक संस्थान के तौर पर हमने जो कुछ हासिल किया है, उसपर हमें इस खास दिन पर बेहद गर्व महसूस करना चाहिए। मार्च में सर्विसेज संस्पेंड होने से पहले दिल्ली मेट्रो ने 99 प्रतिशत पंक्चुएलिटी के साथ 60 लाख यात्राएं कराई हैं। हमने सोशल मीडिया के जरिए अपना फाउंडेशन डे मनाने के लिए कड़ी मेहनत की है।"
CISF रखे है स्टेशंस पर नजर
DMRC ने सभी स्टेशंस पर तैनात सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों, स्टेशन कंट्रोल रूम, टॉयलेट्स और पानी समेत मिनिमम लाइटिंग के लिए पावर सप्लाई जारी रखी है। ओवरहेड इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट और सिग्नलिंग सिस्टम को भी लॉकडाउन के दौरान चालू रखा गया। स्टेशंस पर तैनात CISF के जवान लगातार स्टेशंस पर राउंड लगाते हैं और CCTVs पर नजर रखते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो सेवाएं लॉकडाउन शुरू होने से ही बंद हैं। रविवार को इस बंदी के छह सप्ताह पूरे हो गए। हालांकि, लॉकडाउन में भी दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों ने 3,500 चक्कर लगाए हैं ताकि अगर ऑपरेशंस शुरू हों तो कोई दिक्कत ना आए। पूरी तरह शटडाउन से दोबारा मेट्रो सेवाएं शुरू करने पर खराबी आने की संभावना थी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने लॉकडाउन के दौरान सिस्टम की मेंटेनेंस की है। 360 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को खोला कब जाएगा, इसे लेकर कोई फैसला अभी नहीं किया गया है।
...ताकि चालू रहे पूरा सिस्टम
दिल्ली मेट्रो के 264 स्टेशंस और 14 डिपो को सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार रखा गया है। सभी कॉरिडोर्स पर दिन में दो बार ट्रेनें चलाई गई हैं। DMRC ने लॉकडाउन के दौरान अधिकतर कॉरिडोर्स पर कम से कम दो ट्रेनों दोनों एंड से चलाईं। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि ट्रैक, ट्रैक्शन, सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशस जैसे सभी सिस्टम ठीक से काम करते रहें। DMRC ने लॉकडाउन के दौरान दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क का एक वीडियो भी जारी किया है।
कैसे मेट्रो हो रही है तैयार?
DMRC के एक अधिकारी के मुताबिक, स्टेशंस पर सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल, टेलिकॉम, सिविल, ट्रैक्शन और ट्रैक जैसी सिस्टम-रिलेटेड विंग्स के स्टाफ को कम से कम तैनात रखा गया। मकसद यही था कि सारे सिस्टम ठीक से काम करते रहे। उन्होंने बताया कि ड्यूटी रोस्टर इस तरह से बनाया गया था कि एक स्टेशन मैनेजर/स्टेशन कंट्रोलर हर छठे दिन किसी अनमैन्ड स्टेशन को विजिट करता। मेट्रो भवन और शास्त्री पार्क के ऑपेरशन कंट्रोल सेंटर में चौबीसों घंटे मिनिमम स्टाफ के साथ काम होता रहा।
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दिल्ली मेट्रो के 26 साल पूरे
3 मई को DMRC का 26वां स्थापना दिवस था। पहली बार ऐसा हुआ जब इस दिन को वर्चुअली सेलिब्रेट किया गया। DMRC के मैनेजिंग डायरेक्टर मंगू सिंह ने दिल्ली मेट्रो के 14,000 कर्मचारियों को मैसेज के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "एक संस्थान के तौर पर हमने जो कुछ हासिल किया है, उसपर हमें इस खास दिन पर बेहद गर्व महसूस करना चाहिए। मार्च में सर्विसेज संस्पेंड होने से पहले दिल्ली मेट्रो ने 99 प्रतिशत पंक्चुएलिटी के साथ 60 लाख यात्राएं कराई हैं। हमने सोशल मीडिया के जरिए अपना फाउंडेशन डे मनाने के लिए कड़ी मेहनत की है।"
CISF रखे है स्टेशंस पर नजर
DMRC ने सभी स्टेशंस पर तैनात सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों, स्टेशन कंट्रोल रूम, टॉयलेट्स और पानी समेत मिनिमम लाइटिंग के लिए पावर सप्लाई जारी रखी है। ओवरहेड इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट और सिग्नलिंग सिस्टम को भी लॉकडाउन के दौरान चालू रखा गया। स्टेशंस पर तैनात CISF के जवान लगातार स्टेशंस पर राउंड लगाते हैं और CCTVs पर नजर रखते हैं।
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