नई दिल्ली
देशभर में फैले घातक कोरोना वायरस के बीच आम लोग किस दर्द से गुजर रहे हैं इसका ताजा मामला सामने आया है। दिल्ली में एक शख्स की मौत हो गई। बेटी पिता को लेकर ऐम्बुलेंस में हॉस्पिटल दर हॉस्पिटल चक्कर काटती रही लेकिन किसी ने कोरोना के खौफ के चलते उनको देखा तक नहीं। बेटी यह चाहती थी कि अगर पिता की मौत हो भी गई है तो डेथ सर्टिफिकेट जारी हो जाए जिससे बिना परेशानी के अंतिम संस्कार हो सके। इतना ही नहीं बेटी और उनके पति से एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बदतमीजी तक की।
पढ़ें- देश में कोरोना मरीजों की पूरी लिस्ट यहां देखिए
मामला दिल्ली के चितरंजन पार्क का है। वहां रहनेवाले सुभ्रत दास (65 साल) की 23 अप्रैल को मौत हुई थी। बेटी शादी के बाद पति के साथ बराबर वाले घर में ही रहती हैं। उन्होंने बताया कि सुबह अचानक मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह घर पहुंचीं। देखा कि पापा के शरीर में कोई हरकत नहीं थी। उन्होंने फटाफट ऐम्बुलेंस बुलाई और पति के साथ अपने पापा को लेकर पास के प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचीं। बेटी के मुताबिक उन्हें लगता है कि अगर पिता को समय रहते कोई डॉक्टर देख लेता तो जान बच सकती थी।
'गंदे लोग, कोरोना फैला रहे'
दास की बेटी बताती हैं कि प्राइवेट हॉस्पिटल में से निकले एक डॉक्टर ने उनके साथ गंदा बर्ताव किया। पूरी तरह से कवर वह डॉक्टर बाहर आए और बोले, 'चुप चाप निकल जाओ यहां से, गंदे लोग कोरोना फैला रहे हो।' बेटी का कहना है कि उस डॉक्टर ने कहा कि उनके पिता कोरोना के मरीज जैसे लग रहे हैं और उसने यह तक देखने से इनकार कर दिया कि वह जिंदा हैं या नहीं।
कोरोना से नहीं हुई थी मौत
वे लोग ऐम्बुलेंस को लेकर दूसरे हॉस्पिटल पहुंचे। वहां भी उनके पिता को चेक नहीं किया गया और भेज दिया गया। फिर उन्होंने घर के पास एक डॉक्टर से पिता का चेकअप करवाया। उन्होंने डेथ सर्टिफिकेट जारी किया और बताया कि मौत कोरोना से नहीं है। बेटी बताती है कि उन्हें कम से कम डेथ सर्टिफिकेट चाहिए था क्योंकि उसके बिना ठीक से अंतिम संस्कार कर पाना मुश्किल होता। क्योंकि फिर सब यही समझते की मौत कोरोना से हुई है। फिलहाल परिवार चितरंजन पार्की की RWA के साथ मिलकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखनेवाला है।
देशभर में फैले घातक कोरोना वायरस के बीच आम लोग किस दर्द से गुजर रहे हैं इसका ताजा मामला सामने आया है। दिल्ली में एक शख्स की मौत हो गई। बेटी पिता को लेकर ऐम्बुलेंस में हॉस्पिटल दर हॉस्पिटल चक्कर काटती रही लेकिन किसी ने कोरोना के खौफ के चलते उनको देखा तक नहीं। बेटी यह चाहती थी कि अगर पिता की मौत हो भी गई है तो डेथ सर्टिफिकेट जारी हो जाए जिससे बिना परेशानी के अंतिम संस्कार हो सके। इतना ही नहीं बेटी और उनके पति से एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बदतमीजी तक की।
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मामला दिल्ली के चितरंजन पार्क का है। वहां रहनेवाले सुभ्रत दास (65 साल) की 23 अप्रैल को मौत हुई थी। बेटी शादी के बाद पति के साथ बराबर वाले घर में ही रहती हैं। उन्होंने बताया कि सुबह अचानक मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह घर पहुंचीं। देखा कि पापा के शरीर में कोई हरकत नहीं थी। उन्होंने फटाफट ऐम्बुलेंस बुलाई और पति के साथ अपने पापा को लेकर पास के प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचीं। बेटी के मुताबिक उन्हें लगता है कि अगर पिता को समय रहते कोई डॉक्टर देख लेता तो जान बच सकती थी।
'गंदे लोग, कोरोना फैला रहे'
दास की बेटी बताती हैं कि प्राइवेट हॉस्पिटल में से निकले एक डॉक्टर ने उनके साथ गंदा बर्ताव किया। पूरी तरह से कवर वह डॉक्टर बाहर आए और बोले, 'चुप चाप निकल जाओ यहां से, गंदे लोग कोरोना फैला रहे हो।' बेटी का कहना है कि उस डॉक्टर ने कहा कि उनके पिता कोरोना के मरीज जैसे लग रहे हैं और उसने यह तक देखने से इनकार कर दिया कि वह जिंदा हैं या नहीं।
कोरोना से नहीं हुई थी मौत
वे लोग ऐम्बुलेंस को लेकर दूसरे हॉस्पिटल पहुंचे। वहां भी उनके पिता को चेक नहीं किया गया और भेज दिया गया। फिर उन्होंने घर के पास एक डॉक्टर से पिता का चेकअप करवाया। उन्होंने डेथ सर्टिफिकेट जारी किया और बताया कि मौत कोरोना से नहीं है। बेटी बताती है कि उन्हें कम से कम डेथ सर्टिफिकेट चाहिए था क्योंकि उसके बिना ठीक से अंतिम संस्कार कर पाना मुश्किल होता। क्योंकि फिर सब यही समझते की मौत कोरोना से हुई है। फिलहाल परिवार चितरंजन पार्की की RWA के साथ मिलकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखनेवाला है।
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