नई दिल्ली
आईजीआई एयरपोर्ट के टी-3 पर बुधवार देर रात कृपाण को लेकर बवाल खड़ा हो गया। मुंबई जा रहे एक सिख यात्री को सिक्यॉरिटी अधिकारियों ने कृपाण के साथ यात्रा करने की इजाजत नहीं दी। यात्री ने कहा कि आज तक ऐसा नहीं हुआ कि उन्हें भारत में एक जगह से दूसरी जगह कृपाण के साथ यात्रा करने से रोका गया हो।
मामला धर्म से जुड़ा होने की वजह से वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। यात्री की कोई बात नहीं मानी गई। उन्हें तभी यात्रा करने की इजाजत दी गई, जब वह कृपाण उतारने को राजी हो गए। वहीं, सीआईएसएफ का कहना था कि यात्री की फ्लाइट को इंटरनैशनल एरिया से टेकऑफ करना था। ऐसे में उन्हें कृपाण के साथ जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती थी।
बताया गया है कि हरप्रीत सिंह को एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर-एआई-349 से मुंबई जाना था। उनके पास 11-12 सेंटीमीटर लंबी एक कृपाण थी। वह कृपाण के साथ एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश तो कर गए, लेकिन जब वह फाइनल सिक्यॉरिटी होल्ड एरिया में पहुंचे तो सीआईएसएफ ने उन्हें कृपाण को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी। हरप्रीत ने इसका कारण पूछा तो जांच अधिकारी ने बताया कि इस एरिया में कृपाण लेकर यात्रा करने पर पाबंदी है।
हरप्रीत ने कहा कि उनकी कृपाण का साइज बहुत छोटा है, लेकिन जांच अधिकारी नहीं माने। इस पर हरप्रीत को गुस्सा आ गया। उन्होंने कहा कि उनके धर्म में एक बार कृपाण धारण कर लेने के बाद उसे कहीं भी छोड़कर नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह तो डोमेस्टिक फ्लाइट में यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद भी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इजाजत नहीं दी। बाद में कृपाण उतारने के बाद ही वह फ्लाइट में जा सके।
मामले में सीआईएसएफ का कहना है कि यात्री को जो फ्लाइट पकड़नी थी। वह टी-3 के इंटरनैशनल एरिया में खड़ी थी। भले ही वह डोमेस्टिक फ्लाइट थी, लेकिन इंटरनैशनल सेक्टर में प्रतिबंध होने की वजह से यात्री को कृपाण साथ लेकर जाने की अनुमति नहीं दी गई। अगर कोई डोमेस्टिक फ्लाइट भी इंटरनैशनल साइड से टेक ऑफ होगी, तो किसी भी सूरत में कृपाण या इस तरह की अन्य कोई भी प्रतिबंधित चीज को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
आईजीआई एयरपोर्ट के टी-3 पर बुधवार देर रात कृपाण को लेकर बवाल खड़ा हो गया। मुंबई जा रहे एक सिख यात्री को सिक्यॉरिटी अधिकारियों ने कृपाण के साथ यात्रा करने की इजाजत नहीं दी। यात्री ने कहा कि आज तक ऐसा नहीं हुआ कि उन्हें भारत में एक जगह से दूसरी जगह कृपाण के साथ यात्रा करने से रोका गया हो।
मामला धर्म से जुड़ा होने की वजह से वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। यात्री की कोई बात नहीं मानी गई। उन्हें तभी यात्रा करने की इजाजत दी गई, जब वह कृपाण उतारने को राजी हो गए। वहीं, सीआईएसएफ का कहना था कि यात्री की फ्लाइट को इंटरनैशनल एरिया से टेकऑफ करना था। ऐसे में उन्हें कृपाण के साथ जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती थी।
बताया गया है कि हरप्रीत सिंह को एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर-एआई-349 से मुंबई जाना था। उनके पास 11-12 सेंटीमीटर लंबी एक कृपाण थी। वह कृपाण के साथ एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश तो कर गए, लेकिन जब वह फाइनल सिक्यॉरिटी होल्ड एरिया में पहुंचे तो सीआईएसएफ ने उन्हें कृपाण को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी। हरप्रीत ने इसका कारण पूछा तो जांच अधिकारी ने बताया कि इस एरिया में कृपाण लेकर यात्रा करने पर पाबंदी है।
हरप्रीत ने कहा कि उनकी कृपाण का साइज बहुत छोटा है, लेकिन जांच अधिकारी नहीं माने। इस पर हरप्रीत को गुस्सा आ गया। उन्होंने कहा कि उनके धर्म में एक बार कृपाण धारण कर लेने के बाद उसे कहीं भी छोड़कर नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह तो डोमेस्टिक फ्लाइट में यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद भी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इजाजत नहीं दी। बाद में कृपाण उतारने के बाद ही वह फ्लाइट में जा सके।
मामले में सीआईएसएफ का कहना है कि यात्री को जो फ्लाइट पकड़नी थी। वह टी-3 के इंटरनैशनल एरिया में खड़ी थी। भले ही वह डोमेस्टिक फ्लाइट थी, लेकिन इंटरनैशनल सेक्टर में प्रतिबंध होने की वजह से यात्री को कृपाण साथ लेकर जाने की अनुमति नहीं दी गई। अगर कोई डोमेस्टिक फ्लाइट भी इंटरनैशनल साइड से टेक ऑफ होगी, तो किसी भी सूरत में कृपाण या इस तरह की अन्य कोई भी प्रतिबंधित चीज को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
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