Monday, February 24, 2020

दिल्ली ने जब आंख खोली, ऐसा था डरावना मंजर

सचिन त्रिवेदी, नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उठे बवाल के चलते सोमवार को दिनभर आगजनी से लेकर मौतों तक की खबरें आईं, जिसने दिल्ली के यमुनापार इलाके के लोगों को हिलाकर रख दिया। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लोगों में तो दहशत का ऐसा माहौल है कि रात-दिन काटने मुश्किल हो रहे हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। टीवी चैनल के मुताबिक, उत्तर पूर्वी-दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। इसी इलाके में हिंसा का अधिक असर देखने को मिला।

जो लोग रात को दंगे से बचकर अपने घरों को लौटे थे, वही जब सुबह फिर से घटनास्थलों पर पहुंचे, तो उन्हें बेहद खौफनाक मंजर दिखे। दिल्ली पर मौजपुर में जहां सुबह के समय धरनास्थल पर कम लोग थे, वहां पहुंचने पर लोगों को टूटी-फूटी दुकानें दिखीं। थोड़ा आगे बढ़ने पर लोग इकट्ठे होते दिखे और फिर नजर गई एक दूध का वाहन पलटा हुआ था, सड़क पर दूध गिरा हुआ था। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि सुबह के समय यह वाहन रोज की तरह किसी दुकान पर दूध सप्लाइ करने आ रहा होगा और इतने बुरे हालात की अंदाजा नहीं लगा पाया होगा। फिर नजर पड़ती है ऐसी बाइकों पर जो शायद तड़के आग के हवाले कर दी गई होंगी, वे सुबह तक जलती दिखीं।


दंगाइयों के पास दिखे पेट्रोल बम
बाबरपुर बस टर्मिनल पर एक ऑटो खस्ता हालत में था और यहां तीन-चार बाइक इकट्ठी जल रही थीं। थोड़ा और आगे बढ़कर कबीर नगर इलाका आता है, जहां सुबह से ही दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू हो चुकी थी। यहां दंगाइयों के हाथों में कांच की बोतलें थीं, जिनमें पेट्रोल भरा हुआ था। सीलमपुर रोड नंबर-66 पर कर्दमपुरी से बाबरपुर की ओर आने वालों से उनकी पहचान पूछकर दंगाई मारपीट करते भी दिखे।

ठोक कदम उठाने की मांग
हालांकि इसी बीच पुलिसकर्मी और कुछ शांति चाहते वाले स्थानीय लोग, दंगाइयों से पीड़ितों को बचाते भी नजर आए। दोनों ही ओर अमन-शांति चाहने वाले लोग दंगाइयों से छूटे पीड़ितों को शरण देते दिखे। लेकिन तब तक दंगाइयों ने उन्हें जमकर पीट लिया था। पुलिस सुरक्षा बल भी अभी तक दंगाइयों की भीड़ से निपटने में नाकाम ही साबित हो रहा है। ऐसे में लोग यहां यह चर्चा करते नजर आए कि ये हालात इससे ज्यादा न बिगड़ें, इसके लिए अब पड़े पैमाने पर ठोस कदम उठाने होंगे।

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