नई दिल्ली
मेट्रो में सफर करने वाली महिलाएं ट्रेन के महिला कोच में भी सुरक्षित नहीं हैं। वहां भी मनचले घुस जाते हैं। बदतमीजी पर भी उतारू हो जाते हैं। सामान्य कोच में भी कुछ मनचले लड़कियों के सामने खड़े हो जाते हैं। उन्हें हटने के लिए बोला जाए तो भी नहीं हटते। पब्लिक ट्रांसपॉर्ट के अन्य साधनों में अभी भी दिल्ली मेट्रो कहीं अधिक सुरक्षित है, लेकिन शिकायतें यहां भी सामने आती रहती हैं।
बदतमीजी करने की सामने आईं 300 कॉल्स
दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले विभिन्न यात्रियों ने पिछले साल विभिन्न जानकारी लेने और शिकायत करने के लिए सीआईएसएफ हेल्पलाइन नंबर-155655 और 22185555 पर 7300 कॉल्स कीं। इनमें 300 से अधिक कॉल महिलाओं ने कीं। इन कॉल्स में अधिकतर शिकायतें इस तरह की थीं जिसमें बताया गया था कि महिला कोच में एक मेल घुस गया है और वह उस कोच से सामान्य कोच में जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा। सामान्य कोच में लड़की के सामने खड़ा आदमी हट नहीं रहा है। लड़कियों को घूरने या फिर रास्ता ना छोड़ने या टच करने जैसी शिकायतें रहीं।
इनके अलावा 150 कॉल्स इस बात की जानकारी लेने के लिए आईं कि कोई लाइन कौन सी जगह तक जाती है। 500 कॉल्स में लोगों ने यह जानना चाहा कि क्या हम मेट्रो में सामान ले जा सकते हैं, और तो किस तरह का और कितना? 250 कॉल्स सामान छूट जाने और अदला-बदली की मिलीं। जबकि सबसे अधिक 650 कॉल्स लावारिस बैग मिलने की आईं। जिनमें अधिकतर में बम होने की संभावना जताते हुए सिक्यॉरिटी ड्रिल की गईं।
137 कॉल जेबतराशी की मिलीं। जिसमें बताया गया कि मेट्रो में यात्रा के दौरान मेट्रो कोच के अंदर या फिर स्टेशन के अंदर या एस्केलेटर पर चढ़ते-उतरते वक्त उनका पर्स या अन्य सामान चुरा लिया गया। बाकी करीब 500 कॉल्स अन्य शिकायतों की मिलीं। सीआईएसएफ ने बताया कि जो भी कॉल्स उन्हें मिलती हैं। उनका वह तुरंत निपटारा करते हैं। यात्रियों से अपील भी की है कि यात्रा के दौरान उन्हें कोई परेशानी होती है तो वह बेझिझक उनकी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
मेट्रो में सफर करने वाली महिलाएं ट्रेन के महिला कोच में भी सुरक्षित नहीं हैं। वहां भी मनचले घुस जाते हैं। बदतमीजी पर भी उतारू हो जाते हैं। सामान्य कोच में भी कुछ मनचले लड़कियों के सामने खड़े हो जाते हैं। उन्हें हटने के लिए बोला जाए तो भी नहीं हटते। पब्लिक ट्रांसपॉर्ट के अन्य साधनों में अभी भी दिल्ली मेट्रो कहीं अधिक सुरक्षित है, लेकिन शिकायतें यहां भी सामने आती रहती हैं।
बदतमीजी करने की सामने आईं 300 कॉल्स
दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले विभिन्न यात्रियों ने पिछले साल विभिन्न जानकारी लेने और शिकायत करने के लिए सीआईएसएफ हेल्पलाइन नंबर-155655 और 22185555 पर 7300 कॉल्स कीं। इनमें 300 से अधिक कॉल महिलाओं ने कीं। इन कॉल्स में अधिकतर शिकायतें इस तरह की थीं जिसमें बताया गया था कि महिला कोच में एक मेल घुस गया है और वह उस कोच से सामान्य कोच में जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा। सामान्य कोच में लड़की के सामने खड़ा आदमी हट नहीं रहा है। लड़कियों को घूरने या फिर रास्ता ना छोड़ने या टच करने जैसी शिकायतें रहीं।
इनके अलावा 150 कॉल्स इस बात की जानकारी लेने के लिए आईं कि कोई लाइन कौन सी जगह तक जाती है। 500 कॉल्स में लोगों ने यह जानना चाहा कि क्या हम मेट्रो में सामान ले जा सकते हैं, और तो किस तरह का और कितना? 250 कॉल्स सामान छूट जाने और अदला-बदली की मिलीं। जबकि सबसे अधिक 650 कॉल्स लावारिस बैग मिलने की आईं। जिनमें अधिकतर में बम होने की संभावना जताते हुए सिक्यॉरिटी ड्रिल की गईं।
137 कॉल जेबतराशी की मिलीं। जिसमें बताया गया कि मेट्रो में यात्रा के दौरान मेट्रो कोच के अंदर या फिर स्टेशन के अंदर या एस्केलेटर पर चढ़ते-उतरते वक्त उनका पर्स या अन्य सामान चुरा लिया गया। बाकी करीब 500 कॉल्स अन्य शिकायतों की मिलीं। सीआईएसएफ ने बताया कि जो भी कॉल्स उन्हें मिलती हैं। उनका वह तुरंत निपटारा करते हैं। यात्रियों से अपील भी की है कि यात्रा के दौरान उन्हें कोई परेशानी होती है तो वह बेझिझक उनकी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
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