नई दिल्ली
हाई स्पीड आउटर रिंग रोड पर सुरक्षा के लिए करीब 6 किमी दूरी तक लगे लोहे के ग्रिल चोरी हो गए हैं। सिर्फ ग्रिल ही नहीं, मुकरबा चौक से वजीराबाद के बीच बनाए गए चार नए फुट ओवरब्रिज के लिफ्ट में लगे महंगे शीशे भी चोरों ने तोड़ दिए हैं और उसमें से लोहे का सामान चोरी कर लिया है। रोजाना स्ट्रीट लाइटों के तार भी चोरी हो रहे हैं, जिससे आउटर रिंग रोड पर अंधेरा रहता है। पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि चोरी के बारे में कई बार पुलिस के सीनियर अफसरों को पत्र लिखा गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अफसरों के अनुसार, मुकरबा चौक से लेकर वजीराबाद तक की दूरी करीब 7 किमी है और इसके दोनों तरफ कई रिहायशी कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों में रहनेवाले लोग रोजाना एक तरफ से दूसरी तरफ जान जोखिम में डालकर रोड क्रॉस करते हैं। ऐसे में कई बार हादसे भी होते रहते हैं। लगातार रोड एक्सिडेंट के बाद ट्रैफिक पुलिस ने विभाग को पत्र लिखा था और लोहे की ग्रिल लगाने के लिए कहा था। ताकि जहां-तहां लोग रोड क्रॉस न कर करके, किसी एक जगह पर रोड क्रॉस करें। ट्रैफिक पुलिस ने उन जगहों पर रेड लाइट भी लगाई है। लेकिन ग्रिल लगाने के बाद समस्या चोरी की खड़ी हो गई है।
आउटर रिंग रोड पर विभाग ने बाबू जगजीवन राम, गोपालपुर और मुकरबा चौक के पास 6 किमी दूरी तक डिवाइडर के बीच लोहे के ग्रिल लगाए थे, जिसे एक ही रात में चोरों ने चुरा लिया। गोपालपुर रेड लाइट के पास आउटर रिंग रोड पर जो एफओबी बनाया गया है, उसमें लगे लिफ्ट के अंदर से लोहे का समान चोरी करने के लिए चोरों ने शीशे भी तोड़ दिए हैं। इसके अलावा, मुकरबा चौक और आईटीआई धीरपुर के पास बने एफओबी के भी शीशे तोड़े गए हैं।
अफसरों का कहना है कि एक विंडो पेन की कीमत करीब चार हजार है और एक लिफ्ट में ऐसे दो-तीन शीशे लगे हुए थे। स्ट्रीट लाइटों के कॉपर और एल्युमिनियम वायरों को भी चोर नहीं छोड़ते। इन तारों को चोरी करने के लिए स्ट्रीट लाइट्स के निचले हिस्से के तारों में आग लगा देते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट होता है और पूरी स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती है। तारों के ऊपर लगे रबर जलने के बाद चोर तारों को निकाल लेते हैं। आउटर रिंग रोड पर लगातार ऐसे हादसे की वजह से अंधेरा रहता है और यहां से गुजरने वालों की जान को बेहद खतरा है।
हाई स्पीड आउटर रिंग रोड पर सुरक्षा के लिए करीब 6 किमी दूरी तक लगे लोहे के ग्रिल चोरी हो गए हैं। सिर्फ ग्रिल ही नहीं, मुकरबा चौक से वजीराबाद के बीच बनाए गए चार नए फुट ओवरब्रिज के लिफ्ट में लगे महंगे शीशे भी चोरों ने तोड़ दिए हैं और उसमें से लोहे का सामान चोरी कर लिया है। रोजाना स्ट्रीट लाइटों के तार भी चोरी हो रहे हैं, जिससे आउटर रिंग रोड पर अंधेरा रहता है। पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि चोरी के बारे में कई बार पुलिस के सीनियर अफसरों को पत्र लिखा गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अफसरों के अनुसार, मुकरबा चौक से लेकर वजीराबाद तक की दूरी करीब 7 किमी है और इसके दोनों तरफ कई रिहायशी कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों में रहनेवाले लोग रोजाना एक तरफ से दूसरी तरफ जान जोखिम में डालकर रोड क्रॉस करते हैं। ऐसे में कई बार हादसे भी होते रहते हैं। लगातार रोड एक्सिडेंट के बाद ट्रैफिक पुलिस ने विभाग को पत्र लिखा था और लोहे की ग्रिल लगाने के लिए कहा था। ताकि जहां-तहां लोग रोड क्रॉस न कर करके, किसी एक जगह पर रोड क्रॉस करें। ट्रैफिक पुलिस ने उन जगहों पर रेड लाइट भी लगाई है। लेकिन ग्रिल लगाने के बाद समस्या चोरी की खड़ी हो गई है।
आउटर रिंग रोड पर विभाग ने बाबू जगजीवन राम, गोपालपुर और मुकरबा चौक के पास 6 किमी दूरी तक डिवाइडर के बीच लोहे के ग्रिल लगाए थे, जिसे एक ही रात में चोरों ने चुरा लिया। गोपालपुर रेड लाइट के पास आउटर रिंग रोड पर जो एफओबी बनाया गया है, उसमें लगे लिफ्ट के अंदर से लोहे का समान चोरी करने के लिए चोरों ने शीशे भी तोड़ दिए हैं। इसके अलावा, मुकरबा चौक और आईटीआई धीरपुर के पास बने एफओबी के भी शीशे तोड़े गए हैं।
अफसरों का कहना है कि एक विंडो पेन की कीमत करीब चार हजार है और एक लिफ्ट में ऐसे दो-तीन शीशे लगे हुए थे। स्ट्रीट लाइटों के कॉपर और एल्युमिनियम वायरों को भी चोर नहीं छोड़ते। इन तारों को चोरी करने के लिए स्ट्रीट लाइट्स के निचले हिस्से के तारों में आग लगा देते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट होता है और पूरी स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती है। तारों के ऊपर लगे रबर जलने के बाद चोर तारों को निकाल लेते हैं। आउटर रिंग रोड पर लगातार ऐसे हादसे की वजह से अंधेरा रहता है और यहां से गुजरने वालों की जान को बेहद खतरा है।
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