नई दिल्ली
चुनावों में करारी हार से सबक लेते हुए कांग्रेस इस बार दिल्ली के लिए नया अध्यक्ष चुनने में लेट लतीफी नहीं करेगी। उम्मीद की जा रही है कि मार्च के पहले हफ्ते में दिल्ली को नया अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस के अंतरिम प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि विधिवत प्रभार संभालने से पहले ही गोहिल ने काम शुरू कर दिया है और अब तक दिल्ली के 65 नेताओं से मिल भी चुके हैं और गुरुवार को भी उनसे मुलाकात का दौर जारी रहने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि इस बार नए अध्यक्ष के चयन में देरी नहीं होगी। संगठन को मजबूत करना है। इसलिए कांग्रेस इस बार पिछली वाली गलती नहीं दोहराना चाहेगी। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का ग्राफ बढ़ता दिख रहा था, लेकिन 20 जुलाई को शीला दीक्षित के निधन के बाद प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष के लिए 3 महीने से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ा।
23 अक्टूबर को सुभाष चोपड़ा को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि 8 फरवरी को दिल्ली में चुनाव होने थे। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। शक्ति सिंह गोहिल सोमवार या मंगलवार को अपना प्रभार संभाल सकते हैं। जानकारी मिली है कि वो 17 फरवरी से ही दिल्ली में है और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से मिल रहे हैं।
अब तक वो 65 नेताओं से मिल चुके हैं और इस दिशा में गुरुवार को भी वो बाकी नेताओं से मिलेंगे। उनसे मिलने वालों में कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, चुनाव लड़ने वाले कई उम्मीदवार भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी वो हर नेता को सिर्फ 5 मिनट का समय दे रहे हैं। इस दौरान नेता इस चुनाव में हार की वजह गिना रहे हैं तो कुछ अपनी समस्या बता रहे हैं।
चुनावों में करारी हार से सबक लेते हुए कांग्रेस इस बार दिल्ली के लिए नया अध्यक्ष चुनने में लेट लतीफी नहीं करेगी। उम्मीद की जा रही है कि मार्च के पहले हफ्ते में दिल्ली को नया अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस के अंतरिम प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि विधिवत प्रभार संभालने से पहले ही गोहिल ने काम शुरू कर दिया है और अब तक दिल्ली के 65 नेताओं से मिल भी चुके हैं और गुरुवार को भी उनसे मुलाकात का दौर जारी रहने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि इस बार नए अध्यक्ष के चयन में देरी नहीं होगी। संगठन को मजबूत करना है। इसलिए कांग्रेस इस बार पिछली वाली गलती नहीं दोहराना चाहेगी। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का ग्राफ बढ़ता दिख रहा था, लेकिन 20 जुलाई को शीला दीक्षित के निधन के बाद प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष के लिए 3 महीने से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ा।
23 अक्टूबर को सुभाष चोपड़ा को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि 8 फरवरी को दिल्ली में चुनाव होने थे। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। शक्ति सिंह गोहिल सोमवार या मंगलवार को अपना प्रभार संभाल सकते हैं। जानकारी मिली है कि वो 17 फरवरी से ही दिल्ली में है और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से मिल रहे हैं।
अब तक वो 65 नेताओं से मिल चुके हैं और इस दिशा में गुरुवार को भी वो बाकी नेताओं से मिलेंगे। उनसे मिलने वालों में कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, चुनाव लड़ने वाले कई उम्मीदवार भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी वो हर नेता को सिर्फ 5 मिनट का समय दे रहे हैं। इस दौरान नेता इस चुनाव में हार की वजह गिना रहे हैं तो कुछ अपनी समस्या बता रहे हैं।
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