Tuesday, February 18, 2020

कमाल! 93 की उम्र में दादाजी ने पूरी की मास्टर्स

नई दिल्ली
पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। इस बात का जीता-जागता उदाहरण सोमवार को इग्नू के दीक्षांत समारोह में देखने को मिला। यहां 93 साल के सीआई शिवासुब्रमण्यम ने अपनी मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की। वह इस बार के दीक्षांत समारोह के सबसे बुजुर्ग छात्र भी बन गए। शिवा ने पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन में अपनी मास्टर्स की पढ़ाई की। दीक्षांत समारोह में एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल भी मौजूद थे, जिन्होंने शिवा की तारीफ की और उन्हें 90 साल का 'युवा' बताया।

शिवा बताते हैं कि 1940 में उन्होंने स्कूल की पढ़ाई खत्म की थी। उसके बाद वह कॉलेज जाना चाहते थे, लेकिन माता-पिता बीमार रहने लगे। दोनों की देखभाल और परिवार के लिए उन्हें पढ़ाई छोड़ नौकरी करनी पड़ी। उस वक्त शिवा चेन्नै में रहते थे। बाद में वह दिल्ली शिफ्ट हो गए। यहां मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स में उन्हें क्लर्क की नौकरी मिल गई। फिर 1986 में 58 साल की उम्र में वह डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए।

अधूरा था पढ़ाई का सपना
लेकिन तबतक शिवा का ग्रेजुएट होने का सपना अधूरा था। फिर रिटायरमेंट के बाद परिवार की जिम्मेदारियों में वह ऐसा नहीं कर पाए। फिर एक दिन उनके फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया कि वह इग्नू से कोई कोर्स करने वाला है। उन्होंने अपने लिए भी पता करने को कहा। पता चला कि इग्नू में उम्र की कोई सीमा नहीं है। इसपर शिवा ने बैचलर कोर्स के लिए अप्लाइ कर दिया। उस वक्त का जिक्र करते हुए शिवा ने बताया, 'मुझे पता नहीं था कि कोर्स पूरा होने तक मैं जिंदा भी रहूंगा या नहीं।'

अपने परिवार का जिक्र करते हुए शिवा ने कहा कि, 'मेरे पोते-पोतियों की पढ़ाई खत्म हो चुकी है। कुछ की शादी हो गई है। एक पोती यूएस में पढ़ रही है।'

शिवा यहीं रुकनेवाले नहीं थे। वह एमफिल करना चाहते थे। लेकिन फिर उनकी बेटी ने कहा कि एमफिल में काफी कम सीट होती हैं। ऐसे में वह दाखिला लेकर किसी और की सीट कम करेंगे। ऐसे में अब शिवा किसी शॉर्ट टर्म कोर्स की तलाश में हैं।

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