Saturday, February 22, 2020

शाहीन बाग: 70 दिन बाद खुली सड़क, फरीदाबाद जाना आसान

नई दिल्ली
70 दिन से धरनास्थल बने शाहीन बाग से शनिवार को अच्छी खबर आई। प्रदर्शनकारियों ने शाम को कालिंदी कुंज 9 नंबर की सड़क खोल दी। जानकार इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त वार्ताकारों की चार दिन की मेहनत को देख रहे हैं, जो रोज यहां पहुंचकर लोगों को समझा रहे थे। इस रोड के खुलने से बटला हाउस, जैतपुर, जामिया नगर और होली फैमिली अस्पताल से फरीदाबाद जाने वालों को फायदा होगा। कालिंदी कुंज रोड से होकर वाया पुश्ता रोड फरीदाबाद आसानी से पहुंच सकेंगे। लेकिन फरीदाबाद से दिल्ली आने वालों की मुश्किलें जस की तस हैं।

प्रदर्शनकारियों ने जब 9 नंबर की सड़क के बैरिकेड हटाए तो पुलिस ने वहां पहुंचकर फिर बैरिकेड लगा दिए। बाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत हुई और सहमति बनी। इसके बाद पुलिस ने बैरिकेड हटा दिए।

लेकिन नोएडा के लिए अभी मुश्किल
नोएडा जाने वालों के लिए भी मुश्किलें बरकरार हैं। क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज-नोएडा के रास्ते से बैरिकेड हटा दिए, लेकिन यूपी पुलिस ने अभी तक बैरिकेडिंग नहीं हटाई हैं।

'आपने रास्ता नहीं खोला तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे'
इससे पहले लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह वार्ताकार रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया। प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांगे रखते हुए कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा। सुबह 10.30 बजे यहां पहुंची साधना रामचंद्रन ने कहा, ‘यदि मार्ग नहीं खुला तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे। हम प्रदर्शन खत्म करने को नहीं कह रहे हैं।’

प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों की अपील का खंडन कर दिया
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां सरकार की ओर से नहीं आई हूं। हम सुप्रीम कोर्ट से कहेंगे की आपको सुरक्षा दी जाए। आपको एक पार्क दे दिया जाएगा, जहां पर आप प्रदर्शन को जारी रख सकते हैं।’

हालांकि, वार्ताकार की इस बात का सभी प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में खंडन कर दिया और उनके समक्ष सात मांगे रखीं। प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘हमारी मांग है कि यदि आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और एल्युमिनियम शीट चाहिए। साथ ही शाहीनबाग के लोगों और जामिया के विद्यार्थियों पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाने चाहिए।’

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: शाहीन बाग: 70 दिन बाद खुली सड़क, फरीदाबाद जाना आसान