Tuesday, February 11, 2020

वो 5 फैक्टर, जिनसे केजरीवाल ने लगाई जीत की हैट ट्रिक

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर ऐतिहासिक बहुमत के साथ जीत की हैट ट्रिक लगा दी है। इस जीत के नायक और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के तुरंत बाद ही नई रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थी। केजरीवाल यह सुनिश्चित करने में कामयाब रहे कि विधानसभा चुनाव केवल स्थानीय मुद्दों पर ही केंद्रित हों और उन्होंने इस चुनाव को केजरीवाल बनाम मोदी नहीं बनने दिया। इसके अलावा बीजेपी नेताओं के बड़बोलेपन ने भी उनकी जीत की राह कुछ हद तक आसान की। बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल को आतंकवादी कह दिया और उनकी हनुमान भक्ति पर भी सवाल उठाए। केजरीवाल ने बीजेपी नेताओं के बयानों को चुनाव प्रचार के आखिर तक उठाया और बीजेपी अपने ही जाल में फंसती चली गई।

बीजेपी पर सीएम फेस को लेकर लगातार बनाया दबाव
केजरीवाल हमेशा कहते रहे कि यह चुनाव काम पर लड़ा जाएगा और जनता काम पर वोट करेगी। एक के बाद एक जनता की जेब को सीधे राहत पहुंचाने वाले फैसले लिए गए और इसका नतीजा साफ नजर आया। इसके अलावा केजरीवाल ने पूरे चुनाव में बीजेपी पर सीएम फेस घोषित करने का दबाव बनाए रखा। उन्होंने बार-बार यह मुद्दा उठाया कि बीजेपी का सीएम फेस कौन है, बीजेपी का सीएम फेस घोषित ना करना आप के पक्ष में रहा और केजरीवाल दिल्ली के सीएम के लिए लोगों की पहली पसंद बने रहे। इसके अलावा स्कूलों में सुधार, अस्पतालों में फ्री इलाज जैसे मुद्दे भी बहुत अहम रहे।

दिल्ली में बंपर जीत के पीछे केजरीवाल की यह गुप्त टीम

200 यूनिट फ्री बिजली और पानी का मुद्दा रहा सबसे बड़ा
केजरीवाल सरकार का 200 यूनिट फ्री बिजली का फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। साथ ही सर्दियों में चुनाव होने के कारण इस फैसले से आम आदमी पार्टी को और ज्यादा फायदा हुआ। सर्दियों में बिजली की खपत कम होने के कारण जीरो बिल पाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ। इसके अलावा महीने में 20 हजार लीटर फ्री पानी के फैसले से भी अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार सत्ता में आने में मदद मिली। केजरीवाल ने आम जनता के लिए ‘वेलफेयर इकनॉमिक्स’ का कॉन्सेप्ट लागू किया। 1998 के विधानसभा चुनाव में प्याज की महंगी कीमतों के चलते सत्ता में बदलाव हो गया था। केजरीवाल ने महंगाई के इस दौर में आम जनता की जेब में सीधी राहत पहुंचाई। खास बात यह है कि अब पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्य भी फ्री बिजली के फॉर्म्युले पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा की सुविधा ने भी दिल्ली की आधी जनता को केजरीवाल के झाड़ू पर बटन दबाने को मजबूर किया। इस चुनाव में महिलाओं ने जमकर वोट किया है और महिलाओं व पुरुषों का वोटिंग पर्सेटेज करीब-करीब बराबर रहा है।

बीजेपी नेताओं के बड़बोलेपन का मिल गया बड़ा फायदा

चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले बीजेपी के सांसद ने केजरीवाल को आतंकवादी तक कह दिया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने चुनाव खत्म होने तक यह मुद्दा बनाए रखा। केजरीवाल ने हर जनसभा में लोगों से यही सवाल किया कि क्या वे आतंकवादी हैं। उन्होंने कई बार लोगों से भावुक अपील की कि अगर वे आतंकवादी हैं तो उन्हें वोट मत देना। उन्होंने अपने विकास कार्यों का हवाला देते हुए पूछा कि क्या वे आतंकवादी हैं। कुल मिलाकर बीजेपी नेताओं के ये बयान पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुए। इसी तरह से जब एक टीवी शो के दौरान केजरीवाल ने हनुमान चालीसा गाकर सुनाई तो भी बीजेपी नेताओं ने फिर उन पर हमला बोला। लेकिन केजरीवाल यही नहीं रुके, वे तो चुनाव से ठीक एक दिन पहले हनुमान मंदिर दर्शन के लिए पहुंच गए। यह मुद्दा भी केजरीवाल के हक में ही गया।

पीएम मोदी पर जबानी हमला नहीं

केजरीवाल ने इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोई जबानी हमला नहीं किया। बल्कि वे लोगों के बीच यही कहते दिखाई दिए कि केंद्र के साथ मिलकर दिल्ली के विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को दिल्ली चुनाव में चर्चा का केंद्र नहीं बनने दिया और अपनी पूरी रणनीति काम की राजनीति के आसपास ही रखी। वहीं बीजेपी ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव भी मोदी सरकार के काम और राष्ट्रीय सुरक्षा को मुद्दा बनाकर लड़ने की कोशिश की। बीजेपी शाहीन बाग, सीएए, एनआरसी, एनपीआर, तीन तलाक, पाकिस्तान, धारा 370, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दे जोर-शोर से उठाए। इन मुद्दों को लेकर टीवी डिबेट में तो खूब बहस होती दिखाई दी, लेकिन इन मुद्दों ने बीजेपी को फायदा नहीं पहुंचाया।

फ्री योजनाएं 5 साल जारी रखने का वादा
केजरीवाल ने अपने घोषणापत्र में साफ कहा कि अगले पांच साल भी फ्री बिजली-पानी, फ्री बस सफर जारी रहेगा। उन्होंने बस में फ्री सफर की योजना में स्टूडेंट्स और बुजुर्गों को शामिल करने की भी बात कहकर युवाओं और बुजुर्गों को साथ लाने की कोशिश की। इसके अलावा मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना में हर साल दो लाख बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा करवाने के वादे ने भी बुजुर्गों को उनकी ओर मोड़ा। तीर्थ यात्रा योजना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा फैसला साबित हुई। तीर्थ यात्रा विकास समिति के प्रयासों के चलते 40 हजार लोगों को तीर्थ यात्रा करवाई गई और ज्यादातर बुजुर्गों ने केजरीवाल सरकार को सराहा। वहीं केजरीवाल सरकार ने पिछले कई सालों से प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी और केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से वादा किया कि आगे भी स्कूलों को फीस पर मनमानी नहीं करने दी जाएगी।

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