Wednesday, February 26, 2020

एक-दूसरे की मदद कर राख होने से बचाईं 50 दुकानें

नई दिल्ली
मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन से चंद कदम दूर कर्दमपुरी-कबीर नगर के सामने विजय पार्क का इलाका। यहां मंगलवार को जमकर पथराव हुआ और गोलियां चलीं। यहां की सड़क अभी भी ईंट-पत्थरों से लाल है। लेकिन इलाके के लोगों ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल दी है। इस मिसाल की बदौलत ही कम से कम 50 दुकानों को जलने से बचा लिया गया।

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यहां रहने वाले करीम चौधरी ने बताया, मंगलवार सुबह 11:30 बजे अचानक मौजपुर और कबीर नगर की तरफ से लोगों का हुजूम आने लगा। दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। उपद्रवियों ने प्रॉपर्टी को निशाना बनाना शुरू कर दिया। सबसे पहले दो दुकानों पर हमला हुआ। यह दोनों समुदायों की थी। एक की फर्नीचर की दुकान थी तो दूसरे का क्लिनिक। भीड़ और भी दुकानों को निशाना बनाना शुरू कर चुकी थी। लेकिन वक्त रहते स्थानीय हिंदू-मुस्लिम लोगों ने मोर्चा संभाल लिया।

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लोगों के मुताबिक, उपद्रवियों की भीड़ में अधिकतर पहचान में नहीं आ रहे थे। वह बाहर से आए थे। ऐसे में लोगों ने एक-दूसरे की मदद की। मिठाई की दुकान चलाने वाले मुकेश ने कहा, हमने करीब 9 महीने पहले ही यहां शोरूम खोला है। हमारे अधिकतर ग्राहक मुस्लिम हैं। कभी लगा ही नहीं कि हम यहां सुरक्षित नहीं है। इतना प्यार कि पूछिये मत। लेकिन मंगलवार को जो कुछ हुआ, उससे दुख हुआ। उनके शोरूम में तोड़फोड़ की गई। काफी नुकसान हुआ है। कुछ मुस्लिम भाइयों ने मदद की, वरना तो भीड़ तबाही बरपाने आई थी।

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'...पर नहीं आई पुलिस'
लोगों ने बताया कि मंगलवार को यहां जो कुछ हुआ, उसमें पुलिस की बहुत बड़ी लापरवाही थी। हम मौके पर ही थे। जब पत्थरबाजी हो रही थी, तो पुलिस मौजपुर चौक पर थी। कोई भी इधर नहीं आया। काफी देर तक यहां पत्थरबाजी होती रही। गोलियां चलती रहीं। बाद में जब हालात काबू से बाहर होने लगे, तब जाकर फोर्स आई। अगर पहले ही फोर्स आ जाती, तो यह सब नहीं होता। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने तो बिजली तक काट दी थी। शायद उनका इरादा रात में लूटपाट और कत्लेआम का था। पर लोगों ने मीटिंग करके दंगाइयों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

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