Tuesday, February 25, 2020

50 घंटे तक किस बात का वेट करती रही पुलिस!

नई दिल्ली
सबसे घनी आबादी वाला नॉर्थ ईस्ट जिला तीन दिन तक हिंसा की चपेट में रहा। उपद्रवी मनमानी करते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। कभी जमीन पर लाठी फटकारी तो कभी दूर से आंसू गैस के गोले दागे। उपद्रवी खुलेआम फायरिंग कर रहे थे। पुलिसवालों के सामने ही आगजनी हो रही थी। पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे, लेकिन वो सभी असहाय होकर देख रहे थे। करावल नगर में सुरक्षा बलों पर ऐसिड अटैक तक हुआ।

इन तीन दिन के दौरान जानमाल का भारी नुकसान हो चुका था। सड़कों पर पुलिस काफी कम थी, जिस वजह उपद्रवी मनमानी कर रहे थे। बहरहाल, जॉइंट सीपी (ईस्टर्न रेंज) आलोक कुमार मंगलवार दोपहर करीब 3:15 बजे मौजपुर आए और दावा किया शाम तक सब कंट्रोल में होगा, जो सही साबित हुआ।

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रविवार को मौजपुर चौक पर हुए पथराव से उपद्रव का आगाज हुआ। ऐसी आग लगी, जिसकी चपेट में पूरा नॉर्थ ईस्ट जिला आ गया था। अचानक जिले भर में हिंसा फैलने से पुलिस की तादाद काफी कम पड़ गई। शाहदरा और ईस्ट जिले से फोर्स बुलाई गई। लेकिन उपद्रव ज्यादा फैल चुका था। इसलिए पुलिस सिर्फ मैन सड़कों पर ही खड़ी रही। यहां भी वह उपद्रवियों को रोकने से परहेज करती रही। पुलिसवालों पर ही जानलेवा हमला होने से फोर्स बैकफुट पर आ गई। इससे हुड़दंगियों को हौसले बुलंद हो गए, जो खुलकर फायरिंग करने लगे। यही वजह थी कि एक युवक ने पुलिसवाले पर ही पिस्टल तान दी थी।

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आखिरकार मंगलवार दोपहर 3:15 बजे जॉइंट सीपी आलोक कुमार ने ऐलान कर दिया कि अब शाम तक पूरा इलाका शांत कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मौजपुर में सीआरपीएफ और रैपिड ऐक्शन फोर्स की कंपनियां उतार दी गईं। कर्फ्यू लगाने और हिंसा करने वालों को गोली मारने की अनाउंसमेंट कर दी गई। इसके बाद शाम को पूरी फोर्स के साथ जाफराबाद की तरफ कूच किया गया। करीब दो महीने से सड़क पर बैठे लोग, जो संडे को मेट्रो स्टेशन के नीचे आकर सड़क जाम कर रहे थे, उन्हें उठा दिया गया। सीआरपीएफ की करीब 35 कंपनियां पूरे नॉर्थ ईस्ट जिले में फैला दी गई हैं।

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