Monday, February 17, 2020

160 अल्पसंख्यक परिवारों ने भारत में ली शरण, मांगी नागरिकता

नई दिल्ली
पाकिस्तान में हम लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। हमारी बेटियों को उठा कर ले जाते थे। जैसे ही हमारी बेटियां 14 साल की होतीं, उनका अपहरण कर लिया जाता। फिर उनको इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता और उनकी शादी करा दी जाती थी...।

ये कहना है हाल ही में भारत पहुंचे पंछी राम का। पाकिस्तान में उत्पीड़न से परेशान हिंदू और सिख परिवारों के भारत आने का सिलसिला जारी है। अभी तक करीब 160 परिवार वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे हैं और अब मजनू का टीला के पीछे रह रहे हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी ने इन परिवारों का समर्थन किया है और सरकार से इन्हें भारत की नागरिकता देने की अपील की है।

कमिटी के प्रेजिडेंट मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पाकिस्तान में इन परिवारों के साथ जुल्म होता है। लिहाजा इन्हें भारत की नागरिकता दी जाए ताकि ये सम्मान से जी सकें। सिरसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इन हिंदू-सिख शरणार्थियों को तत्काल नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थी परिवारों के युवाओं ने भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों में अपनी सेवाएं देने की रुचि जाहिर की है, ताकि वे दुश्मन पाकिस्तान को सीमा पर करारा जवाब दे सकें।

पाकिस्तान से आए ज्यादातर लोगों का कहना था कि उन्हें वहां बहुत खराब हालात में रहना पड़ रहा था। कारोबार नहीं करने दिया जाता और आए दिन मारपीट होती थी। ऐसे ही एक पीड़ित भरत ने बताया कि सीमा पार अल्पसंख्यकों के लिए रहना नरक से भी बदतर है। दुकानों तोड़ दी जाती हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: 160 अल्पसंख्यक परिवारों ने भारत में ली शरण, मांगी नागरिकता