नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच ब्लेडबाजी हो गई। इसमें 12 कैदी घायल हो गए। दो को डीडीयू अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा, जहां उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। जबकि 10 कैदियों का इलाज तिहाड़ जेल के अंदर ही अस्पताल में किया गया। झगड़े का कारण एक कैदी के बैरक में बंद होने से इनकार करना बताया जा रहा है। इसके चलते जेल में इतना बड़ा झगड़ा हो गया। यह झगड़ा तिहाड़ की जेल नंबर-4 में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे हुआ।
बोला अभी बंद होने का मूड नहीं
तिहाड़ जेल अधिकारियों ने बताया कि शनिवार दोपहर को जब जेल बंद होने का समय था। तब तमाम कैदी अपनी-अपनी बैरक में चले गए, लेकिन एक कैदी ने अंदर बंद होने से मना कर दिया। उसे काफी समझाया गया, लेकिन उसने कहा कि अभी उसका बंद होने का मूड नहीं है। बस इसी बात पर अन्य कैदियों से उसकी पहले कहासुनी शुरू हुई। जो बाद में ब्लेडबाजी में बदल गई।
बताया जाता है कि कैदियों के पास पहले से ही कुछ पैनी चीज थी, तो कुछ के पास सर्जिकल ब्लेड थे। जो उन्होंने एक-दूसरे को मारे। कुछ कैदी उसके पक्ष में आ गए थे। जो बंद होने से मना कर रहा था, जबकि कुछ कैदी उसे बंद करने की कोशिश कर रहे थे।
मामले को बिगड़ता देख एक कैदी ने अलार्म बजाकर जेल अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी। कुछ ही देर में मौके पर जेल प्रशासन और टीएसपी के जवान आ पहुंचे। उन्होंने किसी तरह से मामले को शांत कराया। इसके बाद तमाम जख्मी कैदियों को दो अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया गया।
तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच ब्लेडबाजी हो गई। इसमें 12 कैदी घायल हो गए। दो को डीडीयू अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा, जहां उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। जबकि 10 कैदियों का इलाज तिहाड़ जेल के अंदर ही अस्पताल में किया गया। झगड़े का कारण एक कैदी के बैरक में बंद होने से इनकार करना बताया जा रहा है। इसके चलते जेल में इतना बड़ा झगड़ा हो गया। यह झगड़ा तिहाड़ की जेल नंबर-4 में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे हुआ।
बोला अभी बंद होने का मूड नहीं
तिहाड़ जेल अधिकारियों ने बताया कि शनिवार दोपहर को जब जेल बंद होने का समय था। तब तमाम कैदी अपनी-अपनी बैरक में चले गए, लेकिन एक कैदी ने अंदर बंद होने से मना कर दिया। उसे काफी समझाया गया, लेकिन उसने कहा कि अभी उसका बंद होने का मूड नहीं है। बस इसी बात पर अन्य कैदियों से उसकी पहले कहासुनी शुरू हुई। जो बाद में ब्लेडबाजी में बदल गई।
बताया जाता है कि कैदियों के पास पहले से ही कुछ पैनी चीज थी, तो कुछ के पास सर्जिकल ब्लेड थे। जो उन्होंने एक-दूसरे को मारे। कुछ कैदी उसके पक्ष में आ गए थे। जो बंद होने से मना कर रहा था, जबकि कुछ कैदी उसे बंद करने की कोशिश कर रहे थे।
मामले को बिगड़ता देख एक कैदी ने अलार्म बजाकर जेल अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी। कुछ ही देर में मौके पर जेल प्रशासन और टीएसपी के जवान आ पहुंचे। उन्होंने किसी तरह से मामले को शांत कराया। इसके बाद तमाम जख्मी कैदियों को दो अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया गया।
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