रीतम हलदर, नई दिल्ली
दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की ओर से नारा दिया गया था, 'बिजली हाफ, पानी माफ'। आमतौर पर चुनावी नारों के हकीकत में तब्दील होने को लेकर संदेह रहता है, लेकिन लोगों का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने बिजली और पानी को लेकर अपना वादा निभाया है। पिछले महीने दिल्ली में करीब 38 लाख बिजली उपभोक्ताओं का बिल शून्य था। दिसंबर में सर्दियों के चलते बिजली की खपत बढ़ जाती है और इस महीने में बिजली बिल कम आना लोगों के लिए खुशी की बात थी।
'आप' के 2015 में सत्ता में आने के बाद से ही दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी दी जा रही थी। इसके बाद अगस्त 2019 से तो राज्य सरकार ने 200 यूनिट तक की खपत पर बिल पूरी तरह माफ कर दिया, जबकि 201 से 400 यूनिट तक बिल पर छूट का ऐलान किया गया।
केजरीवाल के खिलाफ कौन? बीजेपी-कांग्रेस मौन
यही नहीं 400 यूनिट तक की खपत करने वाले लोगों के लिए भी सरकार ने 800 रुपये के फ्लैट डिस्काउंट का ऐलान किया। फिलहाल पूरे देश में दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 200 यूनिट तक की बिजली पूरी तरह मुफ्त है। इसके अलावा प्रति माह 20,000 लीटर से कम की पानी की खपत पर भी कोई राशि देने की जरूरत नहीं है।
'गरीबों के लिए 1,000 की बचत बड़ी बात'
कालकाजी के पास स्थित भूमिहीन कैंप के एक दुकानदार प्रमोद मंडल ने कहा कि जेजे कॉलोनी में करीब 90 पर्सेंट घरों का बिजली बिल शून्य रहा। मंडल ने कहा, 'भले ही हम लोगों का जीवन स्तर बहुत अच्छा न हो, लेकिन हमने कुछ तरक्की जरूर देखी है। हर महीने एक परिवार के लिए कम से कम 1,000 रुपये की बचत अहमियत रखती है।'
कांग्रेस और बीजेपी ने भी किए हैं बड़े ऐलान
आम आदमी पार्टी की इन स्कीमों के चलते दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस को भी ऐसी ही घोषणाएं करनी पड़ी हैं। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 600 यूनिट तक की बिजली पर छूट का ऐलान किया है, जबकि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के मुकाबले 5 गुना ज्यादा सुविधाएं देने की बात कही है।
वोटर बोले, वादा तो AAP ने ही पूरा किया
हालांकि अब भी मौके पर फायदा दे रही आम आदमी पार्टी सरकार के प्रति वोटर्स के एक वर्ग का भरोसा दिखता है। सीलमपुर के मोहम्मद अशफाज ने कहा, 'सभी पार्टियां इस समय चुनाव के लिए बड़े-बड़े वादे करने में जुटी हैं। हम जानते हैं कि किसने वादे किए हैं और किसने इन्हें पूरा करने का काम किया है।'
दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की ओर से नारा दिया गया था, 'बिजली हाफ, पानी माफ'। आमतौर पर चुनावी नारों के हकीकत में तब्दील होने को लेकर संदेह रहता है, लेकिन लोगों का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने बिजली और पानी को लेकर अपना वादा निभाया है। पिछले महीने दिल्ली में करीब 38 लाख बिजली उपभोक्ताओं का बिल शून्य था। दिसंबर में सर्दियों के चलते बिजली की खपत बढ़ जाती है और इस महीने में बिजली बिल कम आना लोगों के लिए खुशी की बात थी।
'आप' के 2015 में सत्ता में आने के बाद से ही दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी दी जा रही थी। इसके बाद अगस्त 2019 से तो राज्य सरकार ने 200 यूनिट तक की खपत पर बिल पूरी तरह माफ कर दिया, जबकि 201 से 400 यूनिट तक बिल पर छूट का ऐलान किया गया।
केजरीवाल के खिलाफ कौन? बीजेपी-कांग्रेस मौन
यही नहीं 400 यूनिट तक की खपत करने वाले लोगों के लिए भी सरकार ने 800 रुपये के फ्लैट डिस्काउंट का ऐलान किया। फिलहाल पूरे देश में दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 200 यूनिट तक की बिजली पूरी तरह मुफ्त है। इसके अलावा प्रति माह 20,000 लीटर से कम की पानी की खपत पर भी कोई राशि देने की जरूरत नहीं है।
'गरीबों के लिए 1,000 की बचत बड़ी बात'
कालकाजी के पास स्थित भूमिहीन कैंप के एक दुकानदार प्रमोद मंडल ने कहा कि जेजे कॉलोनी में करीब 90 पर्सेंट घरों का बिजली बिल शून्य रहा। मंडल ने कहा, 'भले ही हम लोगों का जीवन स्तर बहुत अच्छा न हो, लेकिन हमने कुछ तरक्की जरूर देखी है। हर महीने एक परिवार के लिए कम से कम 1,000 रुपये की बचत अहमियत रखती है।'
कांग्रेस और बीजेपी ने भी किए हैं बड़े ऐलान
आम आदमी पार्टी की इन स्कीमों के चलते दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस को भी ऐसी ही घोषणाएं करनी पड़ी हैं। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 600 यूनिट तक की बिजली पर छूट का ऐलान किया है, जबकि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के मुकाबले 5 गुना ज्यादा सुविधाएं देने की बात कही है।
वोटर बोले, वादा तो AAP ने ही पूरा किया
हालांकि अब भी मौके पर फायदा दे रही आम आदमी पार्टी सरकार के प्रति वोटर्स के एक वर्ग का भरोसा दिखता है। सीलमपुर के मोहम्मद अशफाज ने कहा, 'सभी पार्टियां इस समय चुनाव के लिए बड़े-बड़े वादे करने में जुटी हैं। हम जानते हैं कि किसने वादे किए हैं और किसने इन्हें पूरा करने का काम किया है।'
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