नई दिल्ली
करॉना वायरस से संक्रमित होने के संदेह में छह लोगों को यहां आरएमएल अस्पताल के एक अलग वार्ड में निगरानी में रखा गया है और उनकी जांच रिपोर्टों का इंतजार किया जा रहा है। अस्पताल सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में करॉना वायरस का पहला मामला गुरुवार को केरल में सामने आया और मरीज को राज्य में एक अलग वार्ड में रखा गया है।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए नामित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पांच लोगों ने करॉना वायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका के चलते खुद से संपर्क किया। उन्हें सांस लेने में दिक्कत और बुखार है। पांच लोगों में से एक महिला (24) 2015 से चीन में रह रही हैं और 29 जनवरी को भारत लौटी थी। महिला मरीज के अलावा चार पुरुष 23 जनवरी को भारत लौटें, जिनमें से एक की उम्र 45 वर्ष है। एक अन्य 35 वर्षीय व्यक्ति पिछले सात वर्षों से चीन में रह रहा है और वह 28 जनवरी को भारत लौटा। एक अन्य पुरुष (19) नवंबर 2019 से 24 जनवरी 2020 तक चीन में था और 25 जनवरी को भारत लौटा। 34 वर्षीय एक शख्स पिछले 10 वर्षों से चीन में रह रहा था और वह 16 जनवरी को भारत लौटा। अधिकारियों ने बताया कि पांच लोग 30 जनवरी को खुद अस्पताल में भर्ती हुए जबकि एक अन्य 32 वर्षीय शख्स पहले से ही भर्ती है। वह चार से 11 जनवरी तक चीन में था।
आरएमएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘सभी छह मरीजों के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है और उनकी रिपोर्टों का इंतजार किया जा रहा है।’ सरकार ने वायरस का पता लगाने और इसे फैलने से रोकने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इस वायरस से चीन में कम से कम 170 लोगों की मौत हो गई और 7,700 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। यह वायरस 17 देशों में फैल चुका है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को देश में तैयारियों के संदर्भ में संबंधित मंत्रालयों - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नागर विमानन, सूचना-प्रसारण, श्रम और रोजगार तथा पोत परिवहन- के साथ समीक्षा बैठक की जिसमें इस वायरस के प्रसार पर काबू पाने को लेकर चर्चा हुई। इसमें बताया गया है कि उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से भी बात की। इन बैठकों के दौरान यह फैसला लिया गया कि 15 जनवरी के बाद चीन से आए सभी लोगों की वायरस के लिए जांच की जाएगी और प्रयोगशालाओं की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली के एम्स में स्थित प्रयोगशाला समेत छह प्रयोगशालाएं बृहस्पतिवार से काम करना शुरू कर चुकी है जबकि छह और प्रयोगशालाएं शुक्रवार से काम करना शुरू करेंगी। देश में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के अलावा सरकार शुक्रवार को चीन से अपने नागरिकों को निकालने की तैयारी कर रही है। अधिकारी करॉना वायरस से संक्रमित होने की आशंका के लिए 21 हवाईअड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर मरीजों की जांच कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अनुरोध किया है अगर उन्हें जुकाम तथा सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखे तो वे 24x7 हेल्पलाइन (011-23978046) पर संपर्क करें। मंत्रालय ने लोगों से चीन की यात्रा न करने की सलाह दी है और नेपाल की सीमा से लगते राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में निगरानी बढ़ा दी गई है।
करॉना वायरस से संक्रमित होने के संदेह में छह लोगों को यहां आरएमएल अस्पताल के एक अलग वार्ड में निगरानी में रखा गया है और उनकी जांच रिपोर्टों का इंतजार किया जा रहा है। अस्पताल सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में करॉना वायरस का पहला मामला गुरुवार को केरल में सामने आया और मरीज को राज्य में एक अलग वार्ड में रखा गया है।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए नामित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पांच लोगों ने करॉना वायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका के चलते खुद से संपर्क किया। उन्हें सांस लेने में दिक्कत और बुखार है। पांच लोगों में से एक महिला (24) 2015 से चीन में रह रही हैं और 29 जनवरी को भारत लौटी थी। महिला मरीज के अलावा चार पुरुष 23 जनवरी को भारत लौटें, जिनमें से एक की उम्र 45 वर्ष है। एक अन्य 35 वर्षीय व्यक्ति पिछले सात वर्षों से चीन में रह रहा है और वह 28 जनवरी को भारत लौटा। एक अन्य पुरुष (19) नवंबर 2019 से 24 जनवरी 2020 तक चीन में था और 25 जनवरी को भारत लौटा। 34 वर्षीय एक शख्स पिछले 10 वर्षों से चीन में रह रहा था और वह 16 जनवरी को भारत लौटा। अधिकारियों ने बताया कि पांच लोग 30 जनवरी को खुद अस्पताल में भर्ती हुए जबकि एक अन्य 32 वर्षीय शख्स पहले से ही भर्ती है। वह चार से 11 जनवरी तक चीन में था।
आरएमएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘सभी छह मरीजों के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है और उनकी रिपोर्टों का इंतजार किया जा रहा है।’ सरकार ने वायरस का पता लगाने और इसे फैलने से रोकने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इस वायरस से चीन में कम से कम 170 लोगों की मौत हो गई और 7,700 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। यह वायरस 17 देशों में फैल चुका है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को देश में तैयारियों के संदर्भ में संबंधित मंत्रालयों - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नागर विमानन, सूचना-प्रसारण, श्रम और रोजगार तथा पोत परिवहन- के साथ समीक्षा बैठक की जिसमें इस वायरस के प्रसार पर काबू पाने को लेकर चर्चा हुई। इसमें बताया गया है कि उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से भी बात की। इन बैठकों के दौरान यह फैसला लिया गया कि 15 जनवरी के बाद चीन से आए सभी लोगों की वायरस के लिए जांच की जाएगी और प्रयोगशालाओं की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली के एम्स में स्थित प्रयोगशाला समेत छह प्रयोगशालाएं बृहस्पतिवार से काम करना शुरू कर चुकी है जबकि छह और प्रयोगशालाएं शुक्रवार से काम करना शुरू करेंगी। देश में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के अलावा सरकार शुक्रवार को चीन से अपने नागरिकों को निकालने की तैयारी कर रही है। अधिकारी करॉना वायरस से संक्रमित होने की आशंका के लिए 21 हवाईअड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर मरीजों की जांच कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अनुरोध किया है अगर उन्हें जुकाम तथा सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखे तो वे 24x7 हेल्पलाइन (011-23978046) पर संपर्क करें। मंत्रालय ने लोगों से चीन की यात्रा न करने की सलाह दी है और नेपाल की सीमा से लगते राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में निगरानी बढ़ा दी गई है।
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