Sunday, December 29, 2019

जामिया में अनोखे तरीके से जारी है विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अनोखे तरीके अपनाकर विरोध का सिलसिला जारी है। संडे को भी यहां एक स्ट्रीट प्ले ‘जामियावालां बाग’ को पेश किया गया जिसमें एक सीन में जलियावालां बाग का जुल्म दिखाया गया तो दूसरे सीन में जामिया कैंपस में 15 दिसंबर को हुए पुलिस एक्शन को दिखाया गया। इस तरह सीन दर सीन दोनों घटनाओं को जोड़ते हुए यह प्ले दिखाया गया। यहां खास बात यह थी कि इस प्ले को देखने के लिए जो भीड़ पहुंची थी उसमें से ज्यादातर लोग अपने हाथों और एक आंख पर पट्टी बांधकर आए थे।

‘जामियावालां बाग’ नाम से स्ट्रीट प्ले करके जताया विरोध

रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाब ए मौलाना अबुल कलाम के सामने ‘जामियावालां बाग’ नाटक का जोरदार मंचन हुआ। इस नाटक का आयोजन हमदर्द अल्युमिनाई असोसिएशन की ओर से किया गया था। इस प्ले के डायरेक्टर उसमान ने बताया कि 100 साल अंग्रेजी हुकूमत ने जिस तरह से हिंदुस्तानियों पर जुल्म किया था, 15 दिसंबर को हुई घटना के साथ उसकी कई समानताएं हैं, उन्हीं को दुनिया के सामने लाने के लिए यह प्ले किया गया था। हम यह दिखाना चाहते थे कि हम सब एक आजाद मुल्क के बाशिंदे हैं और जिस तरह से स्टूडेंट्स पर जुल्म किया गया है उसे देश का युवा वर्ग तो कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई जाती रहेगी।

हमदर्द अल्युमिनाई असोसिएशन की ओर से बताया गया कि हमने लोगों से अपील की थी कि जो भी प्ले देखने आए तो अपनी एक आंख पर पट्टी बांधकर आए, ऐसी अपील इसलिए की गई थी क्योंकि हम यह दिखाना चाहते थे कि हम सब पुलिस के हमले में घायल जामिया स्टूडेंट मिनहाजुद्दीन के साथ हैं। पुलिस की लाठी से उनकी आंख में गंभीर चोट आई है और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी एक आंख की रोशनी वापस आना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि हजारों लोग अपनी आखों और हाथ में पट्टी बांधकर पहुंचे जिसमें बड़ी तादाद महिलाओं और बच्चों की भी थी।

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