नई दिल्ली
इंदिरा गांधी इंटरनैशनल (IGI)एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 से फर्जी पायलट को गिरफ्तार किया गया है। वह जर्मन विमानन कंपनी लुफ्थांसा एयरलाइंस का फर्जी पायलट बनकर कोलकाता की फ्लाइट पकड़ने जा रहा था। शख्स की पहचान वसंत कुंज पॉकेट-सी निवासी राजन (48) के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में राजन ने बताया कि वह पहले भी 15 बार फर्जी पायलट बनकर यात्रा कर चुका है।
ऐसा करने का मकसद एयरपोर्ट पर जांच में लाइन में लगने से बचना, फ्लाइट में क्रू मेंबर्स पर धाक जमाना, एयर होस्टेस का अटेंशन पाना और सीट को अपग्रेड कराना रहा है। पायलट की यूनिफॉर्म में वह सोशल मीडिया के लिए अपने विडियो भी बनाता था। राजन को सीआईएसएफ ने पकड़कर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। मामला एयरपोर्ट का होने से आईबी और स्पेशल सेल भी पूछताछ कर रही हैं।
बैंकॉक से खरीदा था कंपनी का ID
रिटायर्ड ब्रिगेडियर का बेटा राजन खुद को लुफ्थांसा में इंस्ट्रक्टर और कंसल्टेंट बताता था। बताते हैं, उसने लुफ्थांसा का फर्जी पहचान पत्र बैंकॉक से खरीदा था। उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप की बारीकी से जांच हो रही है। देखा जा रहा है कि कहीं उसके संबंध किसी असामाजिक गिरोह से तो नहीं या इसके पीछे रेकी का मकसद तो नहीं था। उसे लुफ्थांसा एयरलाइंस के चीफ सिक्यॉरिटी ऑफिसर की शिकायत पर टी-3 के बोर्डिंग गेट नंबर-52 पर पकड़ा गया था।
इंदिरा गांधी इंटरनैशनल (IGI)एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 से फर्जी पायलट को गिरफ्तार किया गया है। वह जर्मन विमानन कंपनी लुफ्थांसा एयरलाइंस का फर्जी पायलट बनकर कोलकाता की फ्लाइट पकड़ने जा रहा था। शख्स की पहचान वसंत कुंज पॉकेट-सी निवासी राजन (48) के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में राजन ने बताया कि वह पहले भी 15 बार फर्जी पायलट बनकर यात्रा कर चुका है।
ऐसा करने का मकसद एयरपोर्ट पर जांच में लाइन में लगने से बचना, फ्लाइट में क्रू मेंबर्स पर धाक जमाना, एयर होस्टेस का अटेंशन पाना और सीट को अपग्रेड कराना रहा है। पायलट की यूनिफॉर्म में वह सोशल मीडिया के लिए अपने विडियो भी बनाता था। राजन को सीआईएसएफ ने पकड़कर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। मामला एयरपोर्ट का होने से आईबी और स्पेशल सेल भी पूछताछ कर रही हैं।
बैंकॉक से खरीदा था कंपनी का ID
रिटायर्ड ब्रिगेडियर का बेटा राजन खुद को लुफ्थांसा में इंस्ट्रक्टर और कंसल्टेंट बताता था। बताते हैं, उसने लुफ्थांसा का फर्जी पहचान पत्र बैंकॉक से खरीदा था। उसके मोबाइल फोन और लैपटॉप की बारीकी से जांच हो रही है। देखा जा रहा है कि कहीं उसके संबंध किसी असामाजिक गिरोह से तो नहीं या इसके पीछे रेकी का मकसद तो नहीं था। उसे लुफ्थांसा एयरलाइंस के चीफ सिक्यॉरिटी ऑफिसर की शिकायत पर टी-3 के बोर्डिंग गेट नंबर-52 पर पकड़ा गया था।
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