नई दिल्ली
दुनिया के सबसे प्रदूषित इलाकों में शुमार दिल्ली-एनसीआर पिछले चार दिनों से गैस चैंबर बना हुआ है। लेकिन अब इससे कुछ राहत मिलने के आसार हैं। शनिवार से इसकी शुरुआत भी होती दिखी। सुबह दिल्ली और एनसीआर दोनों ही जगहों पर आसमान कुछ हद तक साफ दिखा और एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का लेवल भी नीचे आ गया है। लेकिन हवा अभी भी जहरीली बनी हुई है।
इससे पहले शुक्रवार तक हवा का स्तर खतरनाक बना हुआ था। दिल्ली-एनसीआर में कहीं-कहीं एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का लेवल 700 पार भी चला गया था। शनिवार को क्या है स्थिति देखिए
अगले तीन दिन मिलेगी राहत
एनसीआर में बढ़े प्रदूषण की मुख्य वजह हवाओं की स्पीड में कमी थी। मौसम विभाग के एक अधिकारी की मानें तो शनिवार से सोमवार तक तेज हवाएं चलेंगी, जिससे प्रदूषण के कणों का फैलाव होगा। हालांकि, मंगलवार से दोबारा हालात बिगड़ने के चांस हैं।
प्रदूषण पर मीटिंग, 'गायब' सांसदों ने उठाए सवाल
हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाले विभाग 'सफर' का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में पराली जलने की घटनाओं में भी कुछ कमी आएगी। शुक्रवार को हुए प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी जो कि शनिवार तक 5 प्रतिशत पर आ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
पलूशन के हाल पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि एयर इंडेक्स 600 के ऊपर है, आखिर लोग सांस कैसे लें? ऑड-ईवन स्कीम पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण से निपटने का यह स्थाई समाधान नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन योजना आधी-अधूरी है और इस पर अमल अधकचरा है। सिर्फ प्राइवेट कारों पर बंदिश से असर लोअर मिडल क्लास पर ही होता है, क्योंकि अमीरों के पास तमाम (ऑड और ईवन) नंबरों की कारें होती हैं।
दिल्ली सरकार के वकील ने जब कहा कि ऑड-ईवन से 5 से 15% तक प्रदूषण कम हुआ है तो कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि कारों से 3% प्रदूषण ही होता है। सरकार ने माना कि दोपहिया बाहर रहने से इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। कोर्ट ने इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में चीन की तरह बड़ी क्षमता वाले एयर फ्यूरीफायर लगाने का रोडमैप मांगा है।
आदेश के बावजूद पराली जलना बंद न होने से नाराज अदालत ने पड़ोसी राज्य यूपी, हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को भी तलब किया है। यह भी पूछा कि क्यों न BS-6 मानक वाले वाहनों को चलाने की समयसीमा 1 अप्रैल 2020 से पहले कर दी जाए।
दुनिया के सबसे प्रदूषित इलाकों में शुमार दिल्ली-एनसीआर पिछले चार दिनों से गैस चैंबर बना हुआ है। लेकिन अब इससे कुछ राहत मिलने के आसार हैं। शनिवार से इसकी शुरुआत भी होती दिखी। सुबह दिल्ली और एनसीआर दोनों ही जगहों पर आसमान कुछ हद तक साफ दिखा और एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का लेवल भी नीचे आ गया है। लेकिन हवा अभी भी जहरीली बनी हुई है।
इससे पहले शुक्रवार तक हवा का स्तर खतरनाक बना हुआ था। दिल्ली-एनसीआर में कहीं-कहीं एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पीएम 2.5 का लेवल 700 पार भी चला गया था। शनिवार को क्या है स्थिति देखिए
जगह | AQI | स्थिति |
दिल्ली | 324 | बहुत खराब |
नोएडा | 226 | खराब |
गाजियाबाद | 264 | खराब |
फरीदाबाद | 270 | खराब |
गुरुग्राम | 368 | बहुत खराब |
अगले तीन दिन मिलेगी राहत
एनसीआर में बढ़े प्रदूषण की मुख्य वजह हवाओं की स्पीड में कमी थी। मौसम विभाग के एक अधिकारी की मानें तो शनिवार से सोमवार तक तेज हवाएं चलेंगी, जिससे प्रदूषण के कणों का फैलाव होगा। हालांकि, मंगलवार से दोबारा हालात बिगड़ने के चांस हैं।
प्रदूषण पर मीटिंग, 'गायब' सांसदों ने उठाए सवाल
हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाले विभाग 'सफर' का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में पराली जलने की घटनाओं में भी कुछ कमी आएगी। शुक्रवार को हुए प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी जो कि शनिवार तक 5 प्रतिशत पर आ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
पलूशन के हाल पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि एयर इंडेक्स 600 के ऊपर है, आखिर लोग सांस कैसे लें? ऑड-ईवन स्कीम पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण से निपटने का यह स्थाई समाधान नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन योजना आधी-अधूरी है और इस पर अमल अधकचरा है। सिर्फ प्राइवेट कारों पर बंदिश से असर लोअर मिडल क्लास पर ही होता है, क्योंकि अमीरों के पास तमाम (ऑड और ईवन) नंबरों की कारें होती हैं।
दिल्ली सरकार के वकील ने जब कहा कि ऑड-ईवन से 5 से 15% तक प्रदूषण कम हुआ है तो कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि कारों से 3% प्रदूषण ही होता है। सरकार ने माना कि दोपहिया बाहर रहने से इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। कोर्ट ने इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में चीन की तरह बड़ी क्षमता वाले एयर फ्यूरीफायर लगाने का रोडमैप मांगा है।
आदेश के बावजूद पराली जलना बंद न होने से नाराज अदालत ने पड़ोसी राज्य यूपी, हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को भी तलब किया है। यह भी पूछा कि क्यों न BS-6 मानक वाले वाहनों को चलाने की समयसीमा 1 अप्रैल 2020 से पहले कर दी जाए।
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