अरुण कहते हैं कि अपने लिए तो सब जीते हैं दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। मैं इसी सिद्धांत पर जीवन जीना चाहता हूं। शायद इसीलिए भगवान ने मुझे इस नेक काम के लिए चुना।
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