नई दिल्ली
दिल्ली की हवा अभी साफ है और आधिकारिक ऐलान किया गया है कि हवा सांस लेने के बिल्कुल अनुकूल है। हालांकि, 4 दिसंबर को हवा फिर से खराब होने और पीएम2.5 का स्तर बढ़ने का अनुमान है। इस बीच हवा की तेज गति और बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर ओले पड़ने के कारण प्रदूषणकारी अवयव हटते रहेंगे और दिल्लीवासियों को साफ हवा मिलती रहेगी। उधर, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विभाग संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रलॉजी यानी IITM), पुणे और भारतीय मौसम विभाग ने मिलकर दिल्ली की गुणवत्ता के पूर्वानुमान का नया मॉडल विकसित किया है।
अब 10 दिनों का आएगा पूर्वनुमान
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता की पूर्व चेतावनी (एयर क्वॉलिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली) के तहत अब हवा की बिगड़ती गुणवत्ता का अंदाजा 10 दिन पहले लग जाएगा। अब तक 72 घंटे का पूर्वानुमान की ही व्यवस्था थी। हालांकि, नया मॉडल विकसित करने में शामिल रहे मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. वीके सोनी ने कहा कि इस सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'वैसे तो तीन दिन का पूर्वनुमान ज्यादा सही होता है, अब देखना होगा कि 10 दिनों का पूर्वनुमान कितना सही साबित होगा। इसके लिए अगले कुछ हफ्तों तक पूर्वानुमान का परीक्षण किया जाएगा।'
सुरक्षित श्रेणी के अधिकतम स्तर से भी कम रही पीएम2.5 की मात्रा
मंगलवार को शाम 7 बजे से बुधवार सुबह 9 बजे तक तो दिल्ली की हवा में पीएम2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम/क्यूबिक तक के अधिकतम सुरक्षित स्तर से भी कम रही थी। इसका कारण उत्तर-पश्चिमी हवाओं का तेज गति से दिल्ली-एनसीआर का रुख करना है। उत्तरी मैदानी इलाकों में बारिश के बीच उत्पन्न स्वच्छ और शीतल हवा ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर प्रहार किया। यही वजह है कि मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक एनसीआर में हवा इतनी साफ रही जो पिछले कुछ वर्षों का रेकॉर्ड है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के औसत आंकड़े के मुताबिक, पिछली बार 19 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर की हवा सुरक्षित स्तर में रही थी।
270 से सुधर कर 134 AQI लेवल
बुधवार को दोपहर बाद दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में हल्की-हल्की बारिश हुई और एनसीआर के कुछ इलाकों में ओले भी पड़े। इस कारण वायु शुद्धता सूचकांक (एयर क्वॉलिटी इंडेक्ट यानी एक्यूआई) सुधरकर मध्यम या नरम स्तर (मॉडरेट लेवल) पर आ गया। पिछली बार यह एक्यूआई लेवल 8 अक्टूबर को था। उस दिन एक्यूआई 112 रेकॉर्ड किया गया था। मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई लेवल 270 (खराब) रेकॉर्ड किया गया था, लेकिन अगले 24 घंटों में ही यह सुधरकर 134 (मध्यम) हो गया।
तेज हवा और बारिश का असर
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हवा स्वच्छ होने के पीछे कई कारण हैं। इनमें देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में हुई बारिश के कारण पराली जलाने का असर कम होना भी शामिल है। इसके अलावा, हवा के तेज बहाव के कारण नमी का स्तर भी नहीं बढ़ा जिससे वायुमंडल प्रदूषणकारी अवयवों को जकड़ नहीं सका। बुधवार को हवा 15-20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली। इसके साथ हुई बारिश के कारण प्रदूषणकारी अवयव हवा में घुल नहीं सके। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया, 'गुरुवार को हवा की गति धीमी पड़ने का अनुमान है और यह शुक्रवार को मंद हो जाएगी।'
वायु गुणवत्ता और मौसम भविष्यवाणी एवं अनुसंधान तंत्र (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च यानी SAFAR) ने कहा कि गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता मध्यम स्तर की ही रहेगी, लेकिन शुक्रवार को यह खराब श्रेणी में चली जाएगी। सफर ने कहा, 'पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली और इसके उत्तरी-पश्चीमी इलाकों में बारिश हुई और इससे प्रदूषणकारी अवयव साफ हो गए। यही कारण है कि एयर क्वॉलिटी तेजी से सुधरी।'
कहां, कैसी हवा
एनसीआर में गुड़गांव हवा के मामले में सबसे साफ शहर रहा जहां पिछले 24 घंटों में एक्यूआई 104 (मॉडरेट) दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी 'मॉडरेट' एक्यूआई रेकॉर्ड किया गया। दिल्ली का न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री था। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 30 नवंबर तक तापमान 12 डिग्री जबकि 1 दिसंबर तक यह गिरकर 10 डिग्री पर पहुंच सकता है।
दिल्ली की हवा अभी साफ है और आधिकारिक ऐलान किया गया है कि हवा सांस लेने के बिल्कुल अनुकूल है। हालांकि, 4 दिसंबर को हवा फिर से खराब होने और पीएम2.5 का स्तर बढ़ने का अनुमान है। इस बीच हवा की तेज गति और बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर ओले पड़ने के कारण प्रदूषणकारी अवयव हटते रहेंगे और दिल्लीवासियों को साफ हवा मिलती रहेगी। उधर, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विभाग संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रलॉजी यानी IITM), पुणे और भारतीय मौसम विभाग ने मिलकर दिल्ली की गुणवत्ता के पूर्वानुमान का नया मॉडल विकसित किया है।
अब 10 दिनों का आएगा पूर्वनुमान
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता की पूर्व चेतावनी (एयर क्वॉलिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली) के तहत अब हवा की बिगड़ती गुणवत्ता का अंदाजा 10 दिन पहले लग जाएगा। अब तक 72 घंटे का पूर्वानुमान की ही व्यवस्था थी। हालांकि, नया मॉडल विकसित करने में शामिल रहे मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. वीके सोनी ने कहा कि इस सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'वैसे तो तीन दिन का पूर्वनुमान ज्यादा सही होता है, अब देखना होगा कि 10 दिनों का पूर्वनुमान कितना सही साबित होगा। इसके लिए अगले कुछ हफ्तों तक पूर्वानुमान का परीक्षण किया जाएगा।'
सुरक्षित श्रेणी के अधिकतम स्तर से भी कम रही पीएम2.5 की मात्रा
मंगलवार को शाम 7 बजे से बुधवार सुबह 9 बजे तक तो दिल्ली की हवा में पीएम2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम/क्यूबिक तक के अधिकतम सुरक्षित स्तर से भी कम रही थी। इसका कारण उत्तर-पश्चिमी हवाओं का तेज गति से दिल्ली-एनसीआर का रुख करना है। उत्तरी मैदानी इलाकों में बारिश के बीच उत्पन्न स्वच्छ और शीतल हवा ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर प्रहार किया। यही वजह है कि मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक एनसीआर में हवा इतनी साफ रही जो पिछले कुछ वर्षों का रेकॉर्ड है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के औसत आंकड़े के मुताबिक, पिछली बार 19 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर की हवा सुरक्षित स्तर में रही थी।
270 से सुधर कर 134 AQI लेवल
बुधवार को दोपहर बाद दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में हल्की-हल्की बारिश हुई और एनसीआर के कुछ इलाकों में ओले भी पड़े। इस कारण वायु शुद्धता सूचकांक (एयर क्वॉलिटी इंडेक्ट यानी एक्यूआई) सुधरकर मध्यम या नरम स्तर (मॉडरेट लेवल) पर आ गया। पिछली बार यह एक्यूआई लेवल 8 अक्टूबर को था। उस दिन एक्यूआई 112 रेकॉर्ड किया गया था। मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई लेवल 270 (खराब) रेकॉर्ड किया गया था, लेकिन अगले 24 घंटों में ही यह सुधरकर 134 (मध्यम) हो गया।
तेज हवा और बारिश का असर
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हवा स्वच्छ होने के पीछे कई कारण हैं। इनमें देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में हुई बारिश के कारण पराली जलाने का असर कम होना भी शामिल है। इसके अलावा, हवा के तेज बहाव के कारण नमी का स्तर भी नहीं बढ़ा जिससे वायुमंडल प्रदूषणकारी अवयवों को जकड़ नहीं सका। बुधवार को हवा 15-20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली। इसके साथ हुई बारिश के कारण प्रदूषणकारी अवयव हवा में घुल नहीं सके। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया, 'गुरुवार को हवा की गति धीमी पड़ने का अनुमान है और यह शुक्रवार को मंद हो जाएगी।'
वायु गुणवत्ता और मौसम भविष्यवाणी एवं अनुसंधान तंत्र (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च यानी SAFAR) ने कहा कि गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता मध्यम स्तर की ही रहेगी, लेकिन शुक्रवार को यह खराब श्रेणी में चली जाएगी। सफर ने कहा, 'पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली और इसके उत्तरी-पश्चीमी इलाकों में बारिश हुई और इससे प्रदूषणकारी अवयव साफ हो गए। यही कारण है कि एयर क्वॉलिटी तेजी से सुधरी।'
कहां, कैसी हवा
एनसीआर में गुड़गांव हवा के मामले में सबसे साफ शहर रहा जहां पिछले 24 घंटों में एक्यूआई 104 (मॉडरेट) दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी 'मॉडरेट' एक्यूआई रेकॉर्ड किया गया। दिल्ली का न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री था। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 30 नवंबर तक तापमान 12 डिग्री जबकि 1 दिसंबर तक यह गिरकर 10 डिग्री पर पहुंच सकता है।
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