नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने मेजर बनकर छुट्टी पर गए जवानों को ठगने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। वह धमकाकर जवानों से पैसे ऐंठता था। जांच के बाद पता चला कि आरोपी आर्मी का मेजर है ही नहीं। वह कुछ साल पहले जरूर आर्मी में भर्ती हुआ था, लेकिन बाद में उसकी हरकतों के कारण उसका कोर्ट मार्शल कर दिया गया और उसे फौज से बाहर निकाल दिया गया।
फौज में सेवाएं देने के कारण उसको सिस्टम के बारे में जानकारी थी और उसको आर्मी के अफसरों की तरह बर्ताव करना भी आता था। इसी का फायदा उसने ठगी में उठाना शुरू किया और कुछ ही सालों में आरोपी ने 15 से 20 आर्मी के जवानों को ठगा। जवानों से दोस्ती बनाकर आरोपी उनका आईडी कार्ड ले लेता था और आईडी कार्ड लौटाने के बदले में मोटी रकम मांगता था।
डीसीपी स्पेशल सेल पीएस कुशवाह ने बताया कि पुलिस ने हापुड़ निवासी आरोपी हेमंत कुमार को पहाड़गंज इलाके से गिरफ्तार किया है, जिसको आर्मी से बर्खास्त किया जा चुका है। आरोपी साल 2001 से लेकर 2013 तक आर्मी में बतौर सिपाही नियुक्त था, लेकिन उसकी हरकतों के कारण पहले उसका कोर्ट मार्शल हुआ और फिर उसे बर्खास्त कर दिया गया।
आरोपी के खिलाफ अलग अलग मामलों में 3 एफआईआर दर्ज मिली हैं। उन्होंने बताया कि आर्मी इंटेलिजेंस ने पुलिस को घटनाओं के बारे में बताया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि रेलवे स्टेशन के आसपास आर्मी के जवानों के साथ ठगी हो रही है। इसके बाद एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिवकुमार, एसआई निशांत और एएसआई राजेश ने जांच शुरू की। पुलिस को गुरुवार को ऐसे ही एक ठग के बारे में पता चला जो खुद को आर्मी का बताता था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
नए नए रंगरूट को अपना शिकार बनाता था आरोपी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह आर्मी के अफसरों जैसा हुलिया बनाकर रेलवे स्टेशन पर फौजी डिब्बों के आसपास खड़ा रहता था और नए-नए भर्ती हुए लड़कों में अपना शिकार ढूंढता था। वह किसी नए जवान को बुलाकर उसे अपना परिचय देता और सामान्य बातचीत शुरू करता। वह खुद को अफसर बताता तो जवान उसके हर सवाल का जवाब देते थे।
इसके बाद वह कुछ देर इधर-उधर घूमता और फिर जवान के साथ चेंजिंग रूम में जाकर नहाता था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले खुद नहाता और उस दौरान अपना सामान जवान के पास छोड़ता। जवान अफसर की जी हुजूरी में सामान की रखवाली करता और फिर जब वह नहाने जाता तो आरोपी सामान लेकर फरार हो जाता।
आरोपी यह ध्यान रखता था कि वह सिर्फ पैसे, एटीएम या आर्मी से जुड़े कार्ड चुराए, क्योंकि आर्मी से जुड़े कार्ड वापस लेने के लिए जवान कोई भी रकम अदा कर देगा। पुलिस ने आरोपी के पास कई मोबाइल फोन, आर्मी के कार्ड, एटीएम आदि बरामद किए हैं।
दिल्ली पुलिस ने मेजर बनकर छुट्टी पर गए जवानों को ठगने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। वह धमकाकर जवानों से पैसे ऐंठता था। जांच के बाद पता चला कि आरोपी आर्मी का मेजर है ही नहीं। वह कुछ साल पहले जरूर आर्मी में भर्ती हुआ था, लेकिन बाद में उसकी हरकतों के कारण उसका कोर्ट मार्शल कर दिया गया और उसे फौज से बाहर निकाल दिया गया।
फौज में सेवाएं देने के कारण उसको सिस्टम के बारे में जानकारी थी और उसको आर्मी के अफसरों की तरह बर्ताव करना भी आता था। इसी का फायदा उसने ठगी में उठाना शुरू किया और कुछ ही सालों में आरोपी ने 15 से 20 आर्मी के जवानों को ठगा। जवानों से दोस्ती बनाकर आरोपी उनका आईडी कार्ड ले लेता था और आईडी कार्ड लौटाने के बदले में मोटी रकम मांगता था।
डीसीपी स्पेशल सेल पीएस कुशवाह ने बताया कि पुलिस ने हापुड़ निवासी आरोपी हेमंत कुमार को पहाड़गंज इलाके से गिरफ्तार किया है, जिसको आर्मी से बर्खास्त किया जा चुका है। आरोपी साल 2001 से लेकर 2013 तक आर्मी में बतौर सिपाही नियुक्त था, लेकिन उसकी हरकतों के कारण पहले उसका कोर्ट मार्शल हुआ और फिर उसे बर्खास्त कर दिया गया।
आरोपी के खिलाफ अलग अलग मामलों में 3 एफआईआर दर्ज मिली हैं। उन्होंने बताया कि आर्मी इंटेलिजेंस ने पुलिस को घटनाओं के बारे में बताया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि रेलवे स्टेशन के आसपास आर्मी के जवानों के साथ ठगी हो रही है। इसके बाद एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिवकुमार, एसआई निशांत और एएसआई राजेश ने जांच शुरू की। पुलिस को गुरुवार को ऐसे ही एक ठग के बारे में पता चला जो खुद को आर्मी का बताता था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
नए नए रंगरूट को अपना शिकार बनाता था आरोपी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह आर्मी के अफसरों जैसा हुलिया बनाकर रेलवे स्टेशन पर फौजी डिब्बों के आसपास खड़ा रहता था और नए-नए भर्ती हुए लड़कों में अपना शिकार ढूंढता था। वह किसी नए जवान को बुलाकर उसे अपना परिचय देता और सामान्य बातचीत शुरू करता। वह खुद को अफसर बताता तो जवान उसके हर सवाल का जवाब देते थे।
इसके बाद वह कुछ देर इधर-उधर घूमता और फिर जवान के साथ चेंजिंग रूम में जाकर नहाता था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले खुद नहाता और उस दौरान अपना सामान जवान के पास छोड़ता। जवान अफसर की जी हुजूरी में सामान की रखवाली करता और फिर जब वह नहाने जाता तो आरोपी सामान लेकर फरार हो जाता।
आरोपी यह ध्यान रखता था कि वह सिर्फ पैसे, एटीएम या आर्मी से जुड़े कार्ड चुराए, क्योंकि आर्मी से जुड़े कार्ड वापस लेने के लिए जवान कोई भी रकम अदा कर देगा। पुलिस ने आरोपी के पास कई मोबाइल फोन, आर्मी के कार्ड, एटीएम आदि बरामद किए हैं।
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