नई दिल्ली
दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लगभग 40 लाख लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में होने वाले चुनाव में इस मुद्दे पर श्रेय लेने की होड़ भी देखने को मिल सकती है। लोकसभा में गुरुवार को दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों से जुड़े दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता) बिल 2019 को ध्वनिमत से पास कर दिया गया।
बिल पर बोलते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने फैसला किया कि राजधानी की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 से 50 लाख लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में डिजिटल मैपिंग का काम पूरा हो जाना चाहिए था। हमने अब आगामी 31 दिसंबर से पहले इस काम को पूरा करने का फैसला किया है। पुरी ने बताया कि एक पोर्टल इस संबंध में प्रभाव में आ चुका है जिसमें सारे मैप डाले जाएंगे।
कॉलोनी बिल पर बोले अरविंद केजरीवाल, 'कानूनी जुमला नहीं रजिस्ट्री दो'
करीब 600 मैप तैयार भी हो चुके हैं। बाकी सभी 31 दिसंबर तक पोर्टल पर अपलोड कर दिये जाएंगे। उनका कहना था कि जो काम 11 साल में नहीं हुआ, हम उसे 30 दिन में पूरा कर देंगे। हालांकि इस मौके पर उन्होंने दिल्ली सरकार पर इस दिशा में वांछित सहयोग न मिलने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। पुरी का कहना था कि राजनैतिक कारणों से जिन लोगों ने इस काम में रुकावट डाली, अब वे इसे जल्दी करने की बात कह रहे हैं।
दिल्ली की आप सरकार सहित विपक्ष के कई दलों ने दिल्ली में होने वाले आगामी असेंबली चुनावों के मद्देनजर इस बिल को आगे बढ़ाने में तेजी दिखाने का आरोप बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर लगाया। जिसके जवाब में पुरी का कहना था कि पिछले सात-आठ महीने से इस दिशा में काम चल रहा था और यह काम लोकसभा चुनाव से पहले से जारी है।
आज से शुरू हो जाएगा लोगों को घरों का आवंटन
अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को घरों का मालिकाना हक दिलाने की प्रक्रिया का ट्रायल आज से शुरू हो जाएगा। इस दौरान कुछ लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक भी मिल जाएगा। हालांकि वेबसाइट के जरिए लोग 16 दिसंबर से ही आवेदन कर पाएंगे। ट्रायल में उन लोगों को ही मालिकाना हक मिलेगा, जिनके मामलों में कोई विवाद जुड़ा नहीं होगा। यह मामले भी डीडीए अधिकारियों के माध्यम से ही आगे बढ़ेंगे। जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला राजनीतिक रंग ले रहा है। ऐसे में 16 दिसंबर को कुछ तकनीकी खामी आने पर विभाग की किरकिरी हो सकती है। इसी से बचने के लिए वेबसाइट के बीटा वर्जन पर ट्रायल शुरू किया जा रहा है।
180 दिन में मिल जाएगी प्रॉपर्टी की डीड
16 दिसंबर से वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद डीडीए को 180 दिनों में प्रॉपर्टी का आकलन कर कनवेंस डीड जारी करनी होगी। अगर इस दौरान इसे जारी नहीं किया जाता है तो आवेदन खारिज करते हुए उसकी वजह भी बतानी होगी। डीडीए के अनुसार, लोगों को फीस देने के लिए विकल्प दिए जाएंगे। वे सर्कल रेट के हिसाब से फीस 3 हिस्सों में दे सकते हैं। जो लोग एक बार में पूरी फीस देंगे, उन्हें तुरंत मालिकाना हक और प्रॉपट्री के ट्रांसफर राइट मिल जाएंगे।
दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लगभग 40 लाख लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में होने वाले चुनाव में इस मुद्दे पर श्रेय लेने की होड़ भी देखने को मिल सकती है। लोकसभा में गुरुवार को दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों से जुड़े दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी संपत्ति अधिकार मान्यता) बिल 2019 को ध्वनिमत से पास कर दिया गया।
बिल पर बोलते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने फैसला किया कि राजधानी की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 से 50 लाख लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में डिजिटल मैपिंग का काम पूरा हो जाना चाहिए था। हमने अब आगामी 31 दिसंबर से पहले इस काम को पूरा करने का फैसला किया है। पुरी ने बताया कि एक पोर्टल इस संबंध में प्रभाव में आ चुका है जिसमें सारे मैप डाले जाएंगे।
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करीब 600 मैप तैयार भी हो चुके हैं। बाकी सभी 31 दिसंबर तक पोर्टल पर अपलोड कर दिये जाएंगे। उनका कहना था कि जो काम 11 साल में नहीं हुआ, हम उसे 30 दिन में पूरा कर देंगे। हालांकि इस मौके पर उन्होंने दिल्ली सरकार पर इस दिशा में वांछित सहयोग न मिलने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। पुरी का कहना था कि राजनैतिक कारणों से जिन लोगों ने इस काम में रुकावट डाली, अब वे इसे जल्दी करने की बात कह रहे हैं।
दिल्ली की आप सरकार सहित विपक्ष के कई दलों ने दिल्ली में होने वाले आगामी असेंबली चुनावों के मद्देनजर इस बिल को आगे बढ़ाने में तेजी दिखाने का आरोप बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर लगाया। जिसके जवाब में पुरी का कहना था कि पिछले सात-आठ महीने से इस दिशा में काम चल रहा था और यह काम लोकसभा चुनाव से पहले से जारी है।
आज से शुरू हो जाएगा लोगों को घरों का आवंटन
अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को घरों का मालिकाना हक दिलाने की प्रक्रिया का ट्रायल आज से शुरू हो जाएगा। इस दौरान कुछ लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक भी मिल जाएगा। हालांकि वेबसाइट के जरिए लोग 16 दिसंबर से ही आवेदन कर पाएंगे। ट्रायल में उन लोगों को ही मालिकाना हक मिलेगा, जिनके मामलों में कोई विवाद जुड़ा नहीं होगा। यह मामले भी डीडीए अधिकारियों के माध्यम से ही आगे बढ़ेंगे। जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला राजनीतिक रंग ले रहा है। ऐसे में 16 दिसंबर को कुछ तकनीकी खामी आने पर विभाग की किरकिरी हो सकती है। इसी से बचने के लिए वेबसाइट के बीटा वर्जन पर ट्रायल शुरू किया जा रहा है।
180 दिन में मिल जाएगी प्रॉपर्टी की डीड
16 दिसंबर से वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद डीडीए को 180 दिनों में प्रॉपर्टी का आकलन कर कनवेंस डीड जारी करनी होगी। अगर इस दौरान इसे जारी नहीं किया जाता है तो आवेदन खारिज करते हुए उसकी वजह भी बतानी होगी। डीडीए के अनुसार, लोगों को फीस देने के लिए विकल्प दिए जाएंगे। वे सर्कल रेट के हिसाब से फीस 3 हिस्सों में दे सकते हैं। जो लोग एक बार में पूरी फीस देंगे, उन्हें तुरंत मालिकाना हक और प्रॉपट्री के ट्रांसफर राइट मिल जाएंगे।
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