नई दिल्ली
ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार की जागरूकता गतिविधियों से नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) संतुष्ट नहीं है। एनजीटी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए इतना करना ही काफी नहीं। ट्राइब्यूनल ने ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपकरणों को लगाने के लिए डीपीसीसी और पुलिस की समय सीमा को लॉक कर दिया। दोनों विभागों के सीनियर अधिकारियों को चेतावनी दी कि इसके बाद उन्हें सैलरी से तब तक के लिए वंचित कर दिया जाएगा, जब तक वे एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं करवा लेते।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'योजनाबद्ध तरीके और मिलजुलकर कदम उठाए जाने चाहिए। ऐसी योजना बनाने की जरूरत है, जिससे इस समस्या से ग्रसित जगहों की तुरंत पहचान हो सके। पटाखे जलाने पर दंड को भी रिवाइज करना होगा।' एनजीटी ने दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) को यहां ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के लिए फटकार लगाई। कहा कि उसकी कार्रवाई काफी नहीं।
ट्राइब्यूनल ने डीपीसीसी की ओर से पेश एमपी जॉर्ज की दलीलों पर गौर किया। उन्होंने बेंच को भरोसा दिलाया है कि इसके लिए जरूरी उपकरण 60 दिनों के भीतर हासिल कर लिए जाएंगे। इतना ही वक्त उन उपकरणों को लगाने में लगेगा। बेंच ने चेताया कि 31 जनवरी तक भी यह काम पूरा नहीं हुआ, तो डीपीसीसी के मेंबर सेक्रेटरी और उन्हें तब तक अपनी सैलरी लेने नहीं दी जाएगी, जब तक ट्राइब्यूनल के आदेश का पालन नहीं हो जाता। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस(प्रोवाइजनिंग एंड लॉजिस्टिक्स ) के लिए भी यही आदेश जारी किया। पुलिस ने बेंच को मार्च 2020 तक इन उपकरणों का हासिल करने का भरोसा दिलाया है।
ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार की जागरूकता गतिविधियों से नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) संतुष्ट नहीं है। एनजीटी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए इतना करना ही काफी नहीं। ट्राइब्यूनल ने ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपकरणों को लगाने के लिए डीपीसीसी और पुलिस की समय सीमा को लॉक कर दिया। दोनों विभागों के सीनियर अधिकारियों को चेतावनी दी कि इसके बाद उन्हें सैलरी से तब तक के लिए वंचित कर दिया जाएगा, जब तक वे एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं करवा लेते।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'योजनाबद्ध तरीके और मिलजुलकर कदम उठाए जाने चाहिए। ऐसी योजना बनाने की जरूरत है, जिससे इस समस्या से ग्रसित जगहों की तुरंत पहचान हो सके। पटाखे जलाने पर दंड को भी रिवाइज करना होगा।' एनजीटी ने दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) को यहां ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के लिए फटकार लगाई। कहा कि उसकी कार्रवाई काफी नहीं।
ट्राइब्यूनल ने डीपीसीसी की ओर से पेश एमपी जॉर्ज की दलीलों पर गौर किया। उन्होंने बेंच को भरोसा दिलाया है कि इसके लिए जरूरी उपकरण 60 दिनों के भीतर हासिल कर लिए जाएंगे। इतना ही वक्त उन उपकरणों को लगाने में लगेगा। बेंच ने चेताया कि 31 जनवरी तक भी यह काम पूरा नहीं हुआ, तो डीपीसीसी के मेंबर सेक्रेटरी और उन्हें तब तक अपनी सैलरी लेने नहीं दी जाएगी, जब तक ट्राइब्यूनल के आदेश का पालन नहीं हो जाता। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस(प्रोवाइजनिंग एंड लॉजिस्टिक्स ) के लिए भी यही आदेश जारी किया। पुलिस ने बेंच को मार्च 2020 तक इन उपकरणों का हासिल करने का भरोसा दिलाया है।
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