Sunday, November 3, 2019

पराली, फैक्ट्री, वाहन..किससे कितना पलूशन, जानें

नई दिल्ली
दि एनर्जी ऐंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (टेरी) ने दावा किया है कि पराली जलाने वाले वक्त के दौरान दिल्ली को प्रदूषित करने वाली सबसे बड़ी वजह पराली का धुआं ही है। इस दौरान, प्रदूषण फैलाने में पराली की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत तक होती है। इसमें दूसरा नंबर पर इंडस्ट्री और तीसरे पर गाड़ियां आती हैं।

पूरी सर्दियों की बात की जाए तो प्रदूषण की बड़ी वजह इंडस्ट्री है, जिसकी हिस्सेदारी 30 पर्सेंट तक बताई गई है। इस दौरान, पराली की हिस्सेदारी महज 4 पर्सेंट है। 15 दिनों से दिल्ली के जहरीले माहौल के बीच टेरी ने लोगों को सलाह दी है कि वे कम-से-कम यात्रा करें और हवा के संपर्क में कम आएं। टेरी के अनुसार, पिछले 15 दिनों से दिल्ली के जो हालात हैं, उसमें मुख्य भूमिका पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली की है। हालांकि, मौसम भी इसका अहम कारण है।

टेरी ने संस्थाओं से अपील की है कि वह अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत दे। टेरी के डायरेक्टर जनरल डॉ. अजय माथुर के अनुसार, इस समय दिल्ली की बिगड़ी हवा की मुख्य वजह पराली है। 26 से 30 अक्टूबर के बीच पड़ोसी राज्यों में काफी पराली जलाई गई। इसकी वजह से धुआं और प्रदूषण दिल्ली में पहुंच कर जमा हो गया है।

पब्लिक और प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन के लोगों को घर से काम करने की आजादी देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि टेरी सोमवार से अपना काम ई-कनेक्टिविटी से करेगी। टेरी के 1000 कर्मचारियों को बाहर आने की जरूरत नहीं होगी। टेरी और ऑटोमोटिव रिसर्च असोसिएशन ऑफ इंडिया की स्टडी में सामने आया है कि दिल्ली में पीएम 2.5, पीएम 10 और नॉक्स का स्तर लगातार बढ़ रहा है। पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से 0.8 गुना तक अधिक है। इसकी वजह से यह कहा जा सकता है कि प्रदूषण के बढ़ने की वजह इस समय पराली का धुआं ही है।

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