नई दिल्ली
दिल्ली की अदालत ने 2012 में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता के माता-पिता के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, जिसमें मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। पीड़िता के माता-पिता ने अदालत से यह भी मांग की थी कि वह तिहाड़ जेल प्रशासन को दोषियों की फांसी की सजा पर अमल का निर्देश दे। इस मामले पर अदालत 25 नवंबर को सुनवाई करेगी।
पटियाला हाउस की विशेष अदालत में न्यायाधीश का पद खाली
याचिका में निर्भया के माता-पिता ने कहा कि मामले की सुनवाई कर रहे दो न्यायाधीशों का स्थानांतरण हो गया है, मामला लगातार स्थगित हो रहा है, इसलिए उन्होंने यह याचिका दायर की है। पटियाला हाउस अदालत में यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की गई है, लेकिन इस अदालत में न्यायाधीश का पद खाली है और अबतक नियुक्ति नहीं हुई है।
दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग
आवेदन में कहा गया कि पीड़िता के माता-पिता ने अदालत का रुख किया है, क्योंकि दोषियों के लिए सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर में निर्भया के माता-पिता ने अदालत में याचिका दायर कर 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चारों दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया को तेज करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने 12 दिसंबर 2018 को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी देने के फैसले पर अमल करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी।
दिल्ली की अदालत ने 2012 में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता के माता-पिता के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, जिसमें मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। पीड़िता के माता-पिता ने अदालत से यह भी मांग की थी कि वह तिहाड़ जेल प्रशासन को दोषियों की फांसी की सजा पर अमल का निर्देश दे। इस मामले पर अदालत 25 नवंबर को सुनवाई करेगी।
पटियाला हाउस की विशेष अदालत में न्यायाधीश का पद खाली
याचिका में निर्भया के माता-पिता ने कहा कि मामले की सुनवाई कर रहे दो न्यायाधीशों का स्थानांतरण हो गया है, मामला लगातार स्थगित हो रहा है, इसलिए उन्होंने यह याचिका दायर की है। पटियाला हाउस अदालत में यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की गई है, लेकिन इस अदालत में न्यायाधीश का पद खाली है और अबतक नियुक्ति नहीं हुई है।
दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग
आवेदन में कहा गया कि पीड़िता के माता-पिता ने अदालत का रुख किया है, क्योंकि दोषियों के लिए सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर में निर्भया के माता-पिता ने अदालत में याचिका दायर कर 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चारों दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया को तेज करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने 12 दिसंबर 2018 को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी देने के फैसले पर अमल करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी।
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