Wednesday, November 6, 2019

मुस्लिम धार्मिक नेताओं से क्यों मिल रहे हैं चंद्रशेखर

यूसुफ किरमानी, नई दिल्ली
वाल्मीकि मंदिर मामले में जमानत पाने के बाद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली नहीं छोड़ी है। दिल्ली उन्हें रास आ गई है। उन्होंने मुस्लिम नेताओं से मुलाकातें शुरू कर दीं और उनके धार्मिक स्थलों तक पहुंच बना ली है।

चंद्रशेखर की मुलाकात सोमवार को मौलाना कल्बे जव्वाद से एक धर्म संसद में होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वकील महमूद प्राचा इनके बीच की कड़ी बने हैं। चंद्रशेखर बुधवार को साउथ दिल्ली में दरगाह शाह-ए-मरदां जोरबाग में हजरत अली के रोजे पर पहुंचे। वहां प्रणाम किया, प्रसाद लिया। फोटो खिंचवाने से परहेज नहीं किया।

एनबीटी ने उनसे इस घटनाक्रम के बारे में जब पूछा तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि हम दलितों और मुस्लिमों की लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं है। मैं सभी मुस्लिम नेताओं से मिलकर एक नया दलित मुस्लिम ओबीसी कोऑलिशन (संयुक्त मोर्चा) खड़ा करना चाहता हूं। हमारी भीम आर्मी इस पर लगातार काम कर रही है। हमने तबरेज अंसारी का मामला उठाकर मॉब लिंचिंग का सबसे ज्यादा विरोध किया था।

यह पूछे जाने पर यूपी विधानसभा उपचुनाव के नतीजों को वह किस तरह देख रहे हैं, चंद्रशेखर ने कहा कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती की राजनीति की पोल खुल गई है। उन्हें न सिर्फ दलितों बल्कि सर्व समाज ने ठुकरा दिया है। यह बहुत ही अफ़सोसनाक बात है कि जिन संघर्षों से हमारे बुज़ुर्गों ने बहुजन समाज को खड़ा किया था, उसे मायावती ने बर्बाद कर दिया। इसलिए मेरी राजनीतिक सक्रियता बढ़ी है ताकि जिस बहुजन समाज को मायावती ने मँझधार में छोड़ दिया है, मैं उसे फिर से संगठित करूँ। दिल्ली में मेरी तमाम राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक नेताओं से मुलाकात उसी मुहिम का हिस्सा है।

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