Tuesday, November 26, 2019

जानें, क्यों हाई कोर्ट ने लगाई पुलिस को फटकार

प्राची यादव, नई दिल्ली
करीब डेढ़ महीने से लापता 17 साल की एक लड़की का पता लगाने में नाकाम रहने पर पुलिस को हाई कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाते हुए कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने स्थानीय पुलिस के बारे में कहा कि वह साधारण केस तक सुलझा नहीं पाती। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगड़ा सहगल की बेंच ने मामले में दायर पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद यह टिप्पणी की।

डीसीपी, साउथ ईस्ट के साइन के साथ दायर रिपोर्ट में कहा गया था कि लापता लड़की के बारे में अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है। इस पर कोर्ट ने कहा, 'हमें मजबूरन यह कहना पड़ रहा है कि स्थानीय पुलिस साधारण केस तक सुलझा नहीं पाती। इस वजह से डीसीपी, साउथ ईस्ट को निर्देश दिया जाता है कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर कोर्ट में खुद पेश हों।' यह कहते हुए कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तारीख तय कर दी है।

कोर्ट लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई कर रही है। पिता ने याचिका दायर कर कोर्ट से पुलिस को यह निर्देश देने की गुहार लगाई है कि वह उनकी 17 साल की नाबालिग लड़की को ढूंढ कर लाए। पिता के मुताबिक, बेटी 10 अक्टूबर से गुम है। उन्होंने अपने पड़ोसियों पर बेटी को अगवा करने का शक जताया है। इससे पहले इस पीड़ित पिता के वकील ने धमकी मिलने का दावा करते हुए कोर्ट से उन्हें सुरक्षा दिलाए जाने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर पुलिस को कुछ निर्देश भी दिए थे।

हाई कोर्ट ने कहा- हमें मजबूरन यह कहना पड़ रहा है कि स्थानीय पुलिस साधारण केस तक सुलझा नहीं पाती। इस वजह से डीसीपी, साउथ ईस्ट को निर्देश दिया जाता है कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर कोर्ट में खुद पेश हों।

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