Sunday, November 3, 2019

कोर्ट परिसर हुआ असुरक्षित, जेल में सजीं अदालत

नई दिल्ली
पुलिस बनाम वकीलों की लड़ाई में अदालत का काम ठप हो गया और अब अदालत को खुद सिमटकर अपना कोर्ट रूम छोड़ना पड़ा। दोनों की लड़ाई से असुरक्षित हुए कोर्ट परिसर से जज साहबों को हटाया गया है। अब जज साहब को जेल में बैठकर सुनवाई करने के लिए कहा गया है। चीफ मेट्रोपॉलिटेन मजिस्ट्रेट आशु गर्ग ने सभी मेट्रोपॉलिटेन मजिस्ट्रेट को अपने एरिया के संबंधित जेल में जाकर सुनवाई के निर्देश दिए हैं, जहां वह अंडर ट्रायल कैदियों के रिमांड को लेकर सुनवाई करेंगे।

सोमवार को अदालत का सप्ताह का पहला दिन होने के कारण काम इकट्ठा हो जाता है, लेकिन पुलिस और वकीलों की लड़ाई के बाद कोर्ट का काम बाधित हो गया था। वकीलों ने हड़ताल करते हुए अदालती काम का बहिष्कार कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के स्पेशल ब्रांच की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि हालात सामान्य होने तक कैदियों को जेल से निकालकर अदालत तक ले जाना खतरनाक है। वहीं अगर कोई बहुत जरूरी केस की सुनवाई होनी है, तो संबंधित न्यायाधीश ने विडियो कॉफ्रेंसिंग के लिए भी अनुरोध किया जा सकता है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया था कि कोर्ट परिसर में बनी पुलिस की चौकियों की सुरक्षा बढ़ाई जाए, क्योंकि अब वह बहुत ही सॉफ्ट टारगेट हो गए हैं। आज दोबारा कोर्ट में भारी सुरक्षा बल देखने को मिल रहा है, क्योंकि अलग अलग समय पर सभी पुलिसकर्मियों और संबंधित लोगों को अपने अपने सबूत देने के लिए बुलाया गया है।

उन्होंने बताया कि साउथ वेस्ट, सेंट्रल जिले के मजिस्ट्रेट तिहाड़ की अलग अलग जेल में सुनवाई करेंगे, तो वहीं ईस्ट और शादहरा जिले के एमएम भी मंडोली की अलग अलग जेल में सुनवाई करेंगे। इसके अलावा रोहिणी कोर्ट एमएम को रोहिणी की जेल में सुनवाई के लिए कहा गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जेल से अदालत तक ले जाने का काम थर्ड बटालियन के अंदर आता है, इसलिए उनको अधिक जागरूक रहने के लिए कहा गया है।

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