Saturday, November 2, 2019

पलूशन से चार्जर को समझा बम? डॉग्स की जांच

नई दिल्ली
इंदिरा गांधी इंटरनैशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर मिले लावारिस बैग से चॉकलेट, चार्जर मिलने के बाद एजेंसियों ने भले राहत की सांस ली हो, लेकिन इससे एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात डॉग स्क्वॉयड की ट्रेनिंग पर सवाल उठने लगे हैं। सीआईएसएफ ने डॉग्स की ट्रेनिंग को ठीक बताया है, लेकिन पूछा जा रहा है कि आखिर क्यों उन्होंने बैग में आरडीएक्स या कोई और विस्फोटक होने का संकेत दिया।

डॉग्स पर प्रदूषण का असर?
इन सवालों के जवाब सीआईएसएफ भी खोज रही है, ताकि ऐसा दोबारा न हो। सीआईएसएफ का कहना है कि विस्फोटक का पता लगाने वाले डॉग्स पर प्रदूषण का कितना असर पड़ता है, इसकी जानकारी तो डॉग्स को ट्रेंड करनेवाले या फिर डॉक्टर ही अच्छे से दे पाएंगे, लेकिन हम भी पता लगाएंगे कि क्या दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से डॉग्स भी गलत संकेत दे सकते हैं। जिस तरह से लावारिस बैग में विस्फोटक होने का संकेत डॉग्स ने दिया, उससे सवाल उठ रहा है कि क्या डॉग्स की ट्रेनिंग में कोई कमी रही या फिर कोई दूसरी वजह है।

पढ़ें- जिस बैग पर मचा हंगामा, उसमें बम नहीं चार्जर निकला

बता दें कि शुक्रवार को टी-3 के अराइवल टर्मिनल के पास एक कुर्सी के नीचे काला ट्रोली बैग मिला था। सबसे पहले बैग पर सीआईएसएफ के सिपाही वी. के. सिंह की नजर पड़ी। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया। डॉग स्क्वॉयड के साथ बीडीडीएस टीमें भी पहुंच गईं। जांच में रिजल्ट पॉजिटिव मिला, यानी बैग के अंदर विस्फोटक हो सकता है।

बैग को उठाने के लिए थ्रेट कंटेनमेंट वीकल (टीसीवी) को लाया गया। बैग को कूलिंग पिट तक ले जाया गया। रात डेढ़ बजे बीडीडीएस ने इसका एक्सरे भी देखा। उसमें भी कुछ संदिग्ध चीज होने का शक हुआ। डॉग्स ने भी उसमें विस्फोटक होने का इशारा दिया था। इस वजह से एयरपोर्ट पर काफी अफरातरफी मच गई थी। लेकिन बाद में पता चला कि उसमें लैपटॉप, चार्जर, चॉकलेट जैसे अन्य सामान थे।

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