नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली का पानी पीने लायक है या नहीं, केंद्र और राज्य सरकार के बीच यह मुद्दा गर्माया हुआ है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उन दो सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है जो केंद्र के साथ मिलकर साझा रूप से पानी की गुणवत्ता का निरीक्षण करेंगे। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान पहले ही केंद्र की तरफ से दो सदस्यों के नामों का ऐलान कर चुके हैं।
दिल्ली सरकार ने जिन दो नामों का ऐलान किया उसमें दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहानिया और दिल्ली जल बोर्ड के ही सदस्य सलभ कुमार शामिल हैं। वहीं राम विलास पासवान की तरफ से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के दो वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इसमें प्रमोद तिवारी (महानिदेशक, बीआईएस) और जयंत राय चौधरी (लैब उप-महानिदेशक, बीआईएस) शामिल हैं।
क्या है मामला
16 नवंबर को पासवान ने बीआईएस की रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार भारत के 21 प्रमुख शहरों में से दिल्ली में पेयजल की स्थिति सर्वाधिक असुरक्षित थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में लिए गए पानी के नमूने 28 में से 19 मानकों पर खरे नहीं उतरे थे। केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों पर ओछी राजनीति करने और लोगों को डराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के पानी की गुणवत्ता केवल 11 मानकों पर नहीं जांची जा सकती। दिल्ली जल बोर्ड ने सोमवार को कहा था कि एक जनवरी से 24 सितंबर तक उसने 1,55,302 नमूने एकत्रित किए थे जिनमें से केवल 2,222 नमूने ही परीक्षण में विफल हुए थे।
राजधानी दिल्ली का पानी पीने लायक है या नहीं, केंद्र और राज्य सरकार के बीच यह मुद्दा गर्माया हुआ है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उन दो सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है जो केंद्र के साथ मिलकर साझा रूप से पानी की गुणवत्ता का निरीक्षण करेंगे। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान पहले ही केंद्र की तरफ से दो सदस्यों के नामों का ऐलान कर चुके हैं।
दिल्ली सरकार ने जिन दो नामों का ऐलान किया उसमें दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहानिया और दिल्ली जल बोर्ड के ही सदस्य सलभ कुमार शामिल हैं। वहीं राम विलास पासवान की तरफ से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के दो वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इसमें प्रमोद तिवारी (महानिदेशक, बीआईएस) और जयंत राय चौधरी (लैब उप-महानिदेशक, बीआईएस) शामिल हैं।
क्या है मामला
16 नवंबर को पासवान ने बीआईएस की रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार भारत के 21 प्रमुख शहरों में से दिल्ली में पेयजल की स्थिति सर्वाधिक असुरक्षित थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में लिए गए पानी के नमूने 28 में से 19 मानकों पर खरे नहीं उतरे थे। केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों पर ओछी राजनीति करने और लोगों को डराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के पानी की गुणवत्ता केवल 11 मानकों पर नहीं जांची जा सकती। दिल्ली जल बोर्ड ने सोमवार को कहा था कि एक जनवरी से 24 सितंबर तक उसने 1,55,302 नमूने एकत्रित किए थे जिनमें से केवल 2,222 नमूने ही परीक्षण में विफल हुए थे।
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