Tuesday, November 26, 2019

दिल्ली के 425 ऐतिहासिक धरोहरों की बदलेगी सूरत

नई दिल्ली
भारत के गौरवशाली इतिहास से दिल्ली के लोगों को साउथ एमसीडी रूबरू कराएगी। इसके तहत ऐतिहासिक धरोहरों के दर्शन कराने और उन्हें संरक्षित करने की योजना बनाई गई है। हेरिटेज साइट्स को देखने के लिए हेरिटेज वॉक की भी योजना है। इन सभी कामों के लिए एमसीडी ने हेरिटेज कंजर्वेशन सेल का गठन किया है, चेयरमैन अडिशनल कमिश्नर (आईटी) को बनाया गया है। इसके अलावा 7 अन्य मेंबर भी इस सेल में शामिल किए गए हैं।

ऐतिहासिक धरोहरों पर से कब्जा हटाने का भी काम होगा

सेल के एक सदस्य ने बताया कि 2010 के नोटिफिकेशन के अनुसार, तीनों एमसीडी एरिया में कुल 766 हेरिटेज साइट हैं, जो समय के साथ जर्जर हो गए हैं। इनमें से साउथ एमसीडी एरिया में करीब 425 साइट्स हैं, जिन्हें संरक्षित करने का प्लान बनाया गया है। कुछ हेरिटेज साइट ऐसी भी हैं, जिन पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। इन ऐतिहासिक धरोहरों से कब्जा हटाने का काम भी सेल के सदस्य करेंगे।

पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर महरौली की 3 साइटों पर काम

पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर महरौली की 3 साइटों पर पहले काम किया जाएगा। इसमें से एक एमसीडी की प्रॉपर्टी टैक्स बिल्डिंग है। दूसरी, बिल्डिंग वह होगी, जिसमें डिस्पेंसरी चल रही है। इसके अलावा एक और बिल्डिंग को भी संरक्षित करने के लिए चुना जाएगा। सेल के मेंबर के अनुसार, महरौली में दिल्ली की पहली लाइब्रेरी है, जिसका देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1947 में उद्घाटन किया था। आज भी यह लाइब्रेरी उसी जगह है, लेकिन इस पर समय जर्जर हालत में है।

MCD हेरिटेज वॉक भी शुरू करेगी

इसी तरह से भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली ट्रांसफर करने के बाद लाहौर के बिशप ने महरौली में सेंट जॉन्स चर्च का निर्माण कराया था। इसके अलावा कई ऐसे हेरिटेज साइट और भी हैं, जिन्हें संरक्षित करने का प्लान है। इन साइटों को न केवल संरक्षित किया जाएगा, बल्कि इनके इतिहास से परिचय कराने के लिए एमसीडी हेरिटेज वॉक भी शुरू करेगी, जिसमें लोगो को इन साइटों के दर्शन के लिए मुफ्त में एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जाएगा।

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