सचिन त्रिवेदी, नई दिल्ली
अगर आप भी कोई सामान इस भरोसे ऑनलाइन खरीद लेते हैं कि उसे बेचने वाली कंपनियों का नाम सभी जानते हैं, तो सतर्क रहें क्योंकि जरूरी नहीं है कि जो कंपनियां मशहूर हैं उनके जरिए खरीदने पर भी प्रॉडक्ट बेहतर क्वॉलिटी का मिले। वारंटी पीरियड में महीनेभर के भीतर ही फोन में खामियां आने लगीं, जिसकी शिकायत करने पर कंपनी ने रिप्लेसमेंट करने का आश्वासन दिया। मगर कस्टमर का भरोसा कंपनी से उठ गया और उसने फोरम मे मुकदमा दायर कर अपने फोन की कीमत लौटाने की मांग की। ऐसे में फोरम ने 3 हजार की कीमत वाले फोन में खामी आने के चलते कंपनी पर 10 हजार का जुर्माना लगाया और चार साल के ब्याज समेत फोन की कीमत लौटाने के भी निर्देश दिए।
कुछ ऐसा ही दिल्ली के मंडी गांव निवासी एक कस्टमर के साथ हुआ, जिसने विज्ञापन देखकर एक नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग साइट से वोक्स कंपनी का 4 सिम वाला मोबाइल/कैमकॉर्डर 3,398 रुपये में बुक करा दिया। मगर डिलिवरी के बाद से ही उस प्रॉडक्ट में कई तरह की दिक्कतें आने लगीं। यह देखकर कस्टमर ने दोबारा कंपनी से संपर्क किया और रुपये लौटाने की मांग की, तो कंपनी की ओर से साफ मना कर दिया गया।
ऐसे में कस्टमर ने कन्ज्यूमर फोरम में मुकदमा ठोक कर अपने मोबाइल की कीमत दिलाने की मांग की। फोरम के पूछने पर कंपनी की ओर से जवाब मिला कि वह केवल खरीदार और विक्रेता के बीच का माध्यम हैं, उनका प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी से कोई लेना देना नहीं है। इस दलील को फोरम ने नाकाफी समझा और कंपनी पर 3 हजार के फोन के बदले 10 हजार का जुर्माना लगाते हुए कहा कि कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकतीं। फोरम ने यहां कस्टमर को उसके फोन की कीमत भी 2015 में हुई शिकायत वाले दिन से अब के 10 प्रतिशत समेत चुकाने के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी प्रतिष्ठा कायम रखने के लिए कस्टमर का विश्वास कमाना ज्यादा महत्वपूर्ण होना चाहिए।
अगर आप भी कोई सामान इस भरोसे ऑनलाइन खरीद लेते हैं कि उसे बेचने वाली कंपनियों का नाम सभी जानते हैं, तो सतर्क रहें क्योंकि जरूरी नहीं है कि जो कंपनियां मशहूर हैं उनके जरिए खरीदने पर भी प्रॉडक्ट बेहतर क्वॉलिटी का मिले। वारंटी पीरियड में महीनेभर के भीतर ही फोन में खामियां आने लगीं, जिसकी शिकायत करने पर कंपनी ने रिप्लेसमेंट करने का आश्वासन दिया। मगर कस्टमर का भरोसा कंपनी से उठ गया और उसने फोरम मे मुकदमा दायर कर अपने फोन की कीमत लौटाने की मांग की। ऐसे में फोरम ने 3 हजार की कीमत वाले फोन में खामी आने के चलते कंपनी पर 10 हजार का जुर्माना लगाया और चार साल के ब्याज समेत फोन की कीमत लौटाने के भी निर्देश दिए।
कुछ ऐसा ही दिल्ली के मंडी गांव निवासी एक कस्टमर के साथ हुआ, जिसने विज्ञापन देखकर एक नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग साइट से वोक्स कंपनी का 4 सिम वाला मोबाइल/कैमकॉर्डर 3,398 रुपये में बुक करा दिया। मगर डिलिवरी के बाद से ही उस प्रॉडक्ट में कई तरह की दिक्कतें आने लगीं। यह देखकर कस्टमर ने दोबारा कंपनी से संपर्क किया और रुपये लौटाने की मांग की, तो कंपनी की ओर से साफ मना कर दिया गया।
ऐसे में कस्टमर ने कन्ज्यूमर फोरम में मुकदमा ठोक कर अपने मोबाइल की कीमत दिलाने की मांग की। फोरम के पूछने पर कंपनी की ओर से जवाब मिला कि वह केवल खरीदार और विक्रेता के बीच का माध्यम हैं, उनका प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी से कोई लेना देना नहीं है। इस दलील को फोरम ने नाकाफी समझा और कंपनी पर 3 हजार के फोन के बदले 10 हजार का जुर्माना लगाते हुए कहा कि कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकतीं। फोरम ने यहां कस्टमर को उसके फोन की कीमत भी 2015 में हुई शिकायत वाले दिन से अब के 10 प्रतिशत समेत चुकाने के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी प्रतिष्ठा कायम रखने के लिए कस्टमर का विश्वास कमाना ज्यादा महत्वपूर्ण होना चाहिए।
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