Sunday, October 6, 2019

RML में भी लिवर ट्रांसप्लांट अगले साल से होगा शुरू

नई दिल्ली
एम्स और जीबी पंत के बाद अब राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी जल्द ही लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके लिए सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। वसंत कुंज स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर ऐंड बाइलरी साइंस में डॉक्टरं की टीम की ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है। हेप्टोलॉजिस्ट और अनस्थीसिया के विशेषज्ञों को आईएलबीएस में ट्रेनिंग दी जा रही है।

अगले साल से शुरू हो जाएगा लिवर ट्रांसप्लांट

अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर वी के तिवारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अगले साल तक अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया हम अस्पताल में अगले साल से शुरू कर देंगे।' गरीब परिवार से आनेवाले परिवारों के लिए यह अच्छी खबर है। प्राइवेट अस्पताल में इसके लिए 10 से 15 लाख रुपये तक लिए जाते हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में यह लगभग फ्री है।

भारत में लिवर डोनर्स की संख्या काफी कम
लिवर का वजन 1.5 किग्रा होता है और यह शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है और प्रमुख कैमिकल फैक्ट्री भी। डॉक्टरों का कहना है कि लिवर का आकार बढ़ने या खराब होने का तत्काल प्रभाव शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है और इस कारण शरीर के कई दूसरे अंग काम करना बंद कर देते हैं। भारत में बहुत कम ही मरीजों का लिवर ट्रांसप्लांट हो पाता है क्योंकि पर्याप्त संख्या में डोनर नहीं मिलते हैं।

लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया बहुत जटिल
डॉक्टर तिवारी ने कहा, '60 हजार से अधिक लोग लिवर संबंधित बीमारियों के कारण मारे जाते हैं। इनमें से सिर्फ 1500-2000 लोगों की ही जिंदगी लिवर ट्रांसप्लांट के कारण बचाई जा सकती है।' आईएलबीएस के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट जिस शख्स का होता है उसे आगे की पूरी जिंदगी दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में काफी कम खर्च आता है, लेकिन आईएलबीएस में यह खर्च 10 लाख के करीब है।

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