नई दिल्ली
जलवायु परिवर्तन पर डेनमार्क की राजधानी कॉपनहेगन में होने जा रहे C40 शिखर सम्मेलन के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अच्छी-खासी तैयार की थी। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से बातचीत करने के बाद शिखर सम्मेलन में दी जाने वाली स्पीच खुद तैयार की थी और वे 2016 में दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए ऑड-ईवन से लेकर 2019 में बनाए गए ऐक्शन प्लान को दुनिया के सामने रखना चाहते थे।
बताया जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में 16 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की स्पीच से मुख्यमंत्री बहुत प्रभावित हैं और उन्होंने कोपनहेगन में दी जाने वाली अपनी स्पीच में जलवायु परिवर्तन से जुड़े तमाम मुद्दों को शामिल किया था। विदेश मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिलने के कारण केजरीवाल मंगलवार को कॉपनहेगन के लिए रवाना नहीं हो पाए, जहां पर उन्हें वायु प्रदूषण को लेकर दो सत्रों को संबोधित करना था और चार शहरों के मेयरों के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक भी तय थी लेकिन अब उनके ये सभी कार्यक्रम रद्द हो गए हैं।
दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए जनभागीदारी को बहुत अहम मानते हुए इस पहलू को भी अपनी स्पीच में शामिल किया था। उनका मानना है कि जब 2016 में दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन लागू किया तो उसके सकारात्मक परिणाम आए, हालांकि केवल ऑड-ईवन के जरिए ही प्रदूषण के खिलाफ पूरी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती लेकिन इससे सरकार को यह भरोसा हुआ था कि आम लोगों के सहयोग से प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है। केजरीवाल यह बात रखना चाहते थे कि दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ सालों में क्या प्रयास किए, जिसके चलते प्रदूषण में 25 फीसदी तक की कमी आई है।
सम्मेलन में केजरीवाल दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों समेत कई अन्य मुद्दों पर दो सेशन को संबोधित करने वाले थे और उन्हें कई शहरों के मेयर से भी मीटिंग करनी थी। वहीं दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि 2007 में न्यूयार्क में हुए C40 शिखर सम्मेलन में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भाग लिया था।
जलवायु परिवर्तन पर डेनमार्क की राजधानी कॉपनहेगन में होने जा रहे C40 शिखर सम्मेलन के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अच्छी-खासी तैयार की थी। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से बातचीत करने के बाद शिखर सम्मेलन में दी जाने वाली स्पीच खुद तैयार की थी और वे 2016 में दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए ऑड-ईवन से लेकर 2019 में बनाए गए ऐक्शन प्लान को दुनिया के सामने रखना चाहते थे।
बताया जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में 16 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की स्पीच से मुख्यमंत्री बहुत प्रभावित हैं और उन्होंने कोपनहेगन में दी जाने वाली अपनी स्पीच में जलवायु परिवर्तन से जुड़े तमाम मुद्दों को शामिल किया था। विदेश मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिलने के कारण केजरीवाल मंगलवार को कॉपनहेगन के लिए रवाना नहीं हो पाए, जहां पर उन्हें वायु प्रदूषण को लेकर दो सत्रों को संबोधित करना था और चार शहरों के मेयरों के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक भी तय थी लेकिन अब उनके ये सभी कार्यक्रम रद्द हो गए हैं।
दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए जनभागीदारी को बहुत अहम मानते हुए इस पहलू को भी अपनी स्पीच में शामिल किया था। उनका मानना है कि जब 2016 में दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन लागू किया तो उसके सकारात्मक परिणाम आए, हालांकि केवल ऑड-ईवन के जरिए ही प्रदूषण के खिलाफ पूरी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती लेकिन इससे सरकार को यह भरोसा हुआ था कि आम लोगों के सहयोग से प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है। केजरीवाल यह बात रखना चाहते थे कि दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ सालों में क्या प्रयास किए, जिसके चलते प्रदूषण में 25 फीसदी तक की कमी आई है।
सम्मेलन में केजरीवाल दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों समेत कई अन्य मुद्दों पर दो सेशन को संबोधित करने वाले थे और उन्हें कई शहरों के मेयर से भी मीटिंग करनी थी। वहीं दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि 2007 में न्यूयार्क में हुए C40 शिखर सम्मेलन में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भाग लिया था।
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Read more: केजरीवाल ने कॉपेनहेगन समिट के लिए तैयार कर ली थी स्पीच